आपदा प्रबंधन प्राधिकरण हर गांव में तैराकी प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करेगा। बिहार में पिछले साल डूबने से 630 लोगों की मौत हुई हैं। आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य और पूर्व आइपीएस अधिकारी पीएन राय ने मंगलवार को यह जानकारी साझा की। पीएन राय नेशनल इनलैंड नेविगेशन इंस्टीट्यूट (निनी), गायघाट में तैराकी केंद्र शुरू करने की तैयारी के लिए आयोजित बैठक और प्रशिक्षण सत्र के शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
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पहले चरण में खगड़िया और वैशाली जिले के 46 मास्टर ट्रेनर को प्रशिक्षित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मास्टर ट्रेनर फिलहाल इन दोनों जिलों में सुरक्षित तैराकी के लिए केंद्र स्थापित कर छह से 18 वर्ष के लड़के और लड़कियों को तैराकी सिखाएंगे।
बकौल राय, डूबने से होने वाली मौत में सबसे अधिक बेटियों की संख्या है। उन्होंने सभी मास्टर ट्रेनर से ईमानदारी पूर्वक तैराकी सिखाने की अपील की। कहा कि जल जीवन हरियाली कार्यक्रम के तहत बड़ी संख्या में जल स्नोतों का जीर्णोद्धार होगा। यह आवश्यक भी है। उन्होंने कहा कि हर गांव में जब तैराकी सीखने का केंद्र शुरू होगा तो डूबने से होने वाली मौतों की संख्या पर काफी हद तक अंकुश लगाया जा सकता हैं।
- खगड़िया और वैशाली जिले में फरवरी में शुभारंभ की तैयारी
- पहले चरण में 46 मास्टर ट्रेनर को किया जाएगा प्रशिक्षित
प्रशिक्षण कार्यक्रम में बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के ओएसडी शशिभूषण तिवारी ने मास्टर ट्रेनर को सभी तैयारी की जानकारी दी। मास्टर ट्रेनर प्रशिक्षण शिविर 26 जनवरी तक चलेगा। 15 फरवरी से वैशाली और खगड़िया में प्रशिक्षण केंद्र शुरू कर दिया जाएगा। उन्होंने सभी ट्रेनर को ट्रेनिंग में शामिल होने बच्चों के अभिभावक से अनुमति को आवश्यक बताया।
प्राधिकरण के परियोजना पदाधिकारी डॉ जीवन कुमार ने मास्टर ट्रेनर को पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन से आवश्यक जानकारी दी। मास्टर ट्रेनर की सभी जरूरतों को समय पर पूरा किया जाएगा। बैठक में यूनिसेफ के इमरजेंसी अफसर बंकू बिहारी सरकार और राज्य सलाहकार घनश्याम मिश्र ने मास्टर ट्रेनर के सभी प्रश्नों के जवाब दिए।