बच्चों में मानसिक मजबूती व विपरीत हालात से जूझने की बचपन से ही शक्ति विकसित करने की ट्रेनिंग मध्य विद्यालयों के शिक्षक देंगे। इस संबंध में जिला स्कूल सभागार में एक दिवसीय कार्यशाला हुई। इसमें पायलट प्रोजेक्ट के तहत आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस आधारित रोबोटिक गैजेट्स की जानकारी दी गई।

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बिहार राज्य के लिए प्राधिकृत एजेंसी हैसलफ्रे फाउंडेशन द्वारा कांटी के 50 और मुशहरी के 100 प्राइमरी शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया गया। यह पहल विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी मंत्रालय द्वारा की गई है। दोनों विद्यालयों के शिक्षकों को एक-एक टैब वितरित किया गया। बाहर से आए ट्रेनर ने सभी शिक्षकों को इसे चलाने और प्री लोडेड सॉफ्टवेयर की जानकारी दी गई।

इस प्रोजेक्ट के महत्व के बारे में बताया गया कि बच्चों की मानसिक, शारीरिक, सामाजिक मजबूती एवं क्षमता के विकास की प्रक्रिया गैर साइलो आधारित लर्निंग प्रक्रिया है। बच्चों के फ्यूचर शानदार नामक कार्यक्रम भी चलाया जा रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य बच्चों में मानसिक समझ की नींव का निर्माण करना है। ताकि, वे अनिश्चित भविष्य का दृढ़ता व उत्साह के साथ सामना कर सकें।

कार्यशाला के दौरान प्रशिक्षक महेश अग्रवाल व अनिल कुमार सिंह ने कहा कि यह बाल केंद्रित परियोजना है। इसका लक्ष्य 2030 और उसके बाद के जीवन के सभी पहलुओं के प्रभाव को बच्चे समझ सकें।

Input : Dainik Jagran

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