वाशिंगटन. भारत-चीन सीमा पर तनाव (India-China border tensions) को लेकर अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पिओ (Mike Pompeo, US Secretary of State) ने कहा कि मैंने भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर (Foreign Minister S Jaishankar) से कई बार बातचीत की है. माइक पॉम्पिओ ने चीन की निंदा करते हुए कहा कि चीन ने भारत पर अविश्वसनीय रूप से आक्रामक कार्रवाई की. उन्होंने भारतीय सैनिकों की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने चीनी सैनिकों के आक्रमण का जोरदार तरीके से जवाब दिया.
अमेरिका ने चीनी अफसरों पर वीजा का प्रतिबंध लगाया
अमेरिका (US) और चीन (China) के बीच तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है. इस बार अमेरिका ने चीन के कुछ अफसरों पर वीजा पर कड़े प्रतिबंध लगा दिए हैं. विदेश मंत्री माइक पोम्पियो (Mike Pompeo) के मुताबिक तिब्बत के लिए विशेष अमेरिकी कानून के तहत यह प्रतिबंध लगाए हैं. उन्होंने ट्वीट किया, ‘आज मैंने पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना (पीआरसी) के अफसरों के वीजा पर प्रतिबंध का ऐलान किया. ये अफसर दूसरे देशों के लोगों को तिब्बत पहुंचने से रोकने में शामिल थे.’
I have spoken with Foreign Minister S Jaishankar a number of times about this. Chinese took incredibly aggressive actions and Indians have done their best to respond to that: Mike Pompeo, US Secretary of State on India-China border tensions pic.twitter.com/NcoAhcWt2n
— ANI (@ANI) July 8, 2020
तिब्बत में होता है मानवाधिकार का हनन: पॉम्पिओ
पोम्पियो ने कहा कि चीन अमेरिकी डिप्लोमैट्स, अफसरों, पत्रकारों और टूरिस्ट्स को तिब्बती स्वायत्त क्षेत्र (टीएआर) और वहां के दूसरे इलाकों तक नहीं जाने दे रहा. हमारे देश में चीन के लोगों और अफसरों पर को कहीं भी जाने की छूट है. उन्होंने कहा- चीनी अफसर तिब्बत में दूसरे देशों के लोगों के पहुंचने की नीतियां बनाते हैं और इन्हें लागू करते हैं. तिब्बत में वहां पहुंचना अहम है, क्योंकि वहां मानवाधिकारों का हनन होता है.
Today I announced visa restrictions on PRC officials involved in restricting foreigners’ access to Tibet. We will continue to seek reciprocity in our relationship.
— Secretary Pompeo (@SecPompeo) July 7, 2020
पोम्पियो ने कहा- अमेरिका तिब्बत के लोगों के मानवाधिकारों का सम्मान करता है. वहां उनका ही शासन होना चाहिए. वहां की धार्मिक, सांस्कृतिक और भाषा की पहचान बचाई जानी चाहिए. यह तय किया जाएगा कि अमेरिकी लोग तिब्बत और चीन के सभी हिस्सों में जा सकें.