नई दिल्ली : कोरोना संकट के बीच छात्रों तक हर तरीके से मदद पहुंचाने में जुटी सरकार इस साल अब छात्रों पर फीस का कोई भी अतिरिक्त बोझ नहीं डालेगी। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) और भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थानों (टिपल आइटी) में नए शैक्षणिक सत्र से फीस बढ़ोतरी के प्रस्ताव को वापस ले लिया है। मानव संसाधन विकास मंत्रलय ने आइआइटी और टिपल-आइटी सहित ऐसे सभी संस्थानों में फीस बढ़ोतरी के प्रस्तावों की समीक्षा के बाद यह फैसला लिया है।
- मानव संसाधन विकास मंत्रलय की सिफारिश पर परिषद ने लिया फैसला
- एमटेक में चालू सत्र से दस गुना तक फीस बढ़ोतरी का था प्रस्ताव
इनमें इस साल से एमटेक की फीस में होने वाली बढ़ोतरी का प्रस्ताव भी शामिल है। मानव संसाधन विकास मंत्रलय से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक फिलहाल फीस में बढ़ोतरी न करने को लेकर वैसे तो सहमति बन गई है। लेकिन अभी इस पर फैसला होना बाकी है। वैसे भी फीस बढ़ाने का फैसला एक पूरी कमेटी का होता है। इसीलिए सभी की सहमति से ही इसे टाला जा सकता है। मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक की अगुवाई में सितंबर,2019 में हुई आइआइटी परिषद की बैठक में एमटेक फीस में बढ़ोतरी सहित कई बड़े फैसले लिए गए थे। इसके तहत एमटेक की फीस में दस गुना तक बढ़ोतरी को मंजूरी दी गई थी। हालांकि इसे चरणबद्ध तरीके से अगले तीन सालों में लागू करना था। ऐसे में यह बढ़ोतरी नए सत्र 2020 से होनी थी। इसके चलते एमटेक की फीस करीब दो लाख रुपये सालाना करने का फैसला किया गया था। अभी यह अलग-अलग संस्थानों में औसतन सालाना 20 से 50 हजार रुपये तक है। इसके साथ ही परिषद ने एमटेक के फीस के ढांचे को देशभर के सभी संस्थानों के लिए एक जैसा बनाने की भी सुझाव दिया था।