इस बार एक महीने के अन्दर ही दो बार ग्रहण लगने वाला है. बीते 5 जून को चन्द्र ग्रहण लगा था और अब रविवार को यानि 21 जून को सूर्य ग्रहण लगने वाला है. यह पूर्ण सूर्य ग्रहण होने वाला है जिसमें चंद्रमा पूरी तरह से पृथ्वी को ढंक लेगा. इस ग्रहण में सूर्य का लगभग 94 फीसदी हिस्सा ढक जायेगा. ऐसे में केवल सूर्य की बाहरी परत ही दिखाई देगी. पूर्ण सूर्य ग्रहण होने की वजह से दिन में अंधेरा छा जाएगा.

Surya Grahan 2020 Date Solar Eclipse In June Sutak Time On Surya ...

यह ग्रहण रविवार की सुबह 9:15 बजे से शुरू होगा और 03:04 बजे समाप्त होगा. यानी करीब 6 घंटे का लंबा ग्रहण होगा. लंबे ग्रहण की वजह से पूरी दुनिया में इसकी चर्चा हो रही है. ग्रहण से एक दिन पहले ही सूतक काल शुरू हो जाएगा. ग्रहण का सूतक काल आज रात 09:25 बजे से शुरू हो जाएगा. सूतक के समय को सामान्यता अशुभ माना जाता है. इस दौरान शुभ कार्य करना वर्जित होता है. मंदिर के कपाट बंद हो जाते हैं और पूजा नहीं किया जाता है.

कहां दिखेगा सूर्य ग्रहण

21 जून को पड़नेवाला सूर्य ग्रहण उत्तरी भारत, दक्षिणी पाकिस्तान, चीन के साथ साथ सेंट्रल रिपब्लिक ऑफ़ कांगो और इथोपिया में दिखाई देगा.

भूलकर भी न करें ये काम

गर्भवती महिलाओं को ग्रहण का दर्शन बिल्कुल नहीं करना चाहिए.

सब्जी नहीं काटना चाहिए

कपड़ा काटने , सिलाई करने, तेल मालिस करने या करवाने से बचना चाहिए

सोने या घर से बाहर निकलने से बचना चहिये.

वहीं ग्रहण काल के दौरान खाने के चिजों से परहेज करना चाहिए

Chopping Hacks That Makes Your Life Easier In Hindi

कब होता है सूर्य ग्रहण

सूर्य ग्रहण तब लगता है जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच से गुजरता है. इस समयावधि में, चंद्रमा सूर्य की रोशनी को पृथ्वी पर आने से रोक देता है, इस वजह से चंद्रमा की पृथ्वी पर जो छाया पड़ती है उसे ही सूर्य ग्रहण कहा जाता है.

सूर्य ग्रहण तीन प्रकार के होते हैं- पूर्ण सूर्य ग्रहण, आंशिक सूर्य ग्रहण, वलयाकार सूर्य ग्रहण. इस बार पूर्ण सूर्य ग्रहण लगने वाला है. पूर्ण सूर्य ग्रहण उस समय लगता है, जब चन्द्रमा पृथ्वी के काफ़ी पास से गुजरते हुए पृथ्वी और सूर्य के बीच में आ जाती है. चन्द्रमा पृथ्वी को पूरी तरह से अपनी छाया क्षेत्र में ले लेती है. इससे सूर्य की रोशनी पृथ्वी पर नहीं पहुंच पाती है.

आंशिक सूर्यग्रहण में चन्द्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच में इस तरह आता है कि सूर्य का कुछ ही भाग पृथ्वी से दिखाई नहीं देता है. इसका मतलब है कि चंद्रमा सूर्य के कुछ भाग को ही अपनी छाया से ढक पाती है और इसे आंशिक चंद्र ग्रहण कहते हैं.वलयाकार सूर्य ग्रहण तब लगता है जब चन्द्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच में तो आता है लेकिन उसकी पृथ्वी से काफी दूरी होती है. इस वजह से चंद्रमा पूरी तरह से सूर्य को नहीं ढंक पाता है और सूर्य की बाहरी परत ही प्रकाशित होती है जोकि वलय (रिंग) के रूप में दिखाई पड़ती है. इसे ही वलयाकार सूर्य ग्रहण कहते हैं.

आगामी 21 जून को लगने वाला सूर्य ग्रहण मिथुन राशि में लगेगा. इस ग्रहण में सूतक काल मान्य होगा, जो कि ग्रहण से 12 घंटे पूर्व लगेगा. इस सूर्य ग्रहण इस दिन 6 ग्रह वक्री होंगे जो कि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शुभ नहीं माना जा रहा है।.हालांकि कंकणाकृति होने का अर्थ यह है कि इससे कोरोना का रोग नियंत्रण में आना शुरू हो जाएगा, लेकिन अन्‍य मामलों में यह ग्रहण अनिष्‍टकारी प्रतीत हो रहा है.

Input : First Bihar

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