BIHAR
आपरा”धिक रिकार्ड वाले नेताओं ने राज्य की अपेक्षा केंद्र के चुनावों में बनायी बढ़त

बिहार में आपराधिक रिकार्ड वाले नेताओं की राज्य के चुनाव की अपेक्षा केंद्र के चुनाव में बढ़त बनती जा रही है। लोकसभा चुनाव, 2019 में विजयी रहे 40 में 32 (82 फीसदी ) प्रत्याशियों ने अपने आपराधिक मामलों को शपथ पत्र के माध्यम से स्वीकार किया था। जबकि, इसके चार साल पहले हुए बिहार विधानसभा चुनाव, 2015 में 243 निर्वाचित सदस्यों में 142 (58 फीसदी) ने अपने ऊपर आपराधिक मामलों को स्वीकार किया था। बिहार इलेक्शन वॉच एवं एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने अलग-अलग किए गए अध्ययनों में इसका खुलासा किया है।
गंभीर अपराध के मामलों के आरोपी भी चुनाव में जीते
प्राप्त जानकारी के अनुसार गंभीर अपराध के मामलों के आरोपी उम्मीदवारों ने भी चुनाव में जीत दर्ज कर निर्वाचित सदन में अपनी उपस्थिति दर्ज करायी। एडीआर एवं बिहार इलेक्शन वॉच की रिपोटों के अनुसार बिहार विधानसभा चुनाव, 2015 में 98 (40 फीसदी ) विजयी उम्मीदवार गंभीर अपराधों के आरोपी थे। वहीं, लोकसभा आम चुनाव, 2019 में बिहार से चुनाव जीतने वाले 22 (56 फीसदी) विजयी उम्मीदवार गंभीर अपराधों के आरोपी हैं।
2014 लोस व 2010 विस चुनाव में भी आपराधिक छवि वाले जीते
एडीआर व बिहार इलेक्शन वॉच की रिपोटों के अनुसार इन दो चुनावों के पहले भी 2014 में लोकसभा चुनाव व 2010 में बिहार विधानसभा चुनाव राज्य में हुए और इनमें भी आपराधिक छवि वाले आरोपी नेताओं ने अपनी जगह बना ली। प्राप्त जानकारी के अनुसार 2014 के बिहार लोकसभा चुनाव में 40 में 28 (70 फीसदी ) सांसदों ने अपने ऊपर आपराधिक मामलों के होने का खुलासा किया था। वहीं, इस चुनाव में 18 (45 फीसदी ) सांसद गंभीर अपराध के आरोपी थे। जबकि बिहार विधानसभा चुनाव, 2010 में 228 में 130 (57 फीसदी) विधायकों ने अपने ऊपर आपराधिक मामले दर्ज होने की जानकारी दी थी। वहीं, इसी चुनाव में 228 में 76 (33 फीसदी ) गंभीर अपराध के आरोपी थे।
Input : Live Hindustan
BIHAR
लालू प्रसाद की बिगड़ी तबीयत पर बोले नीतीश कुमार- वे जल्द ठीक हों, मेरी शुभकामना उनके साथ

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) के जल्द स्वस्थ होने की कामना की है. रविवार को पटना में कर्पूरी ठाकुर की जयंती (karpuri Thakur Anniversary) समारोह में भाग लेने के बाद जब पत्रकारों ने नीतीश कुमार से लालू प्रसाद की बिगड़ी तबीयत को लेकर सवाल पूछा तो नीतीश कुमार ने कहा कि मेरी शुभकामना है कि लालू जी जल्द स्वस्थ हो जाएं.
नीतीश कुमार ने लगे हाथों तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) पर भी इशारों में ही निशाना साधा. उन्होंने कहा कि पहले तो हम फोन करके भी उनका हालचाल लेते थे, लेकिन उनका जो ख्याल रखता था, वह क्या क्या बोलने लगा था. नीतीश कुमार का इशारा तेजस्वी यादव की ओर था. नीतीश ने कहा कि इसके बाद से हम समाचार के माध्यम से ही लालू प्रसाद की जानकारी लेते रहते हैं.
इससे पहले नीतीश कुमार ने अपने विरोधियों पर निशाना साधते हुए कहा कि बहुत लोगों की आदत है बिना मतलब का बोलने की, खासकर के मेरे खिलाफ. लेकिन मुझे इसके विषय में कुछ नहीं कहना है. शायद मुझ पर बोलने से भी उनकी पब्लिसिटी हो जाए, यही सोचकर कुछ लोग बोलते हैं. नीतीश कुमार ने कहा कि जब तक हम हैं लोगों की सेवा करते रहेंगे.
नीतीश कुमार ने कहा कि हमारा धर्म लोगों की सेवा करना है, विकास करना है. बाक़ी लोग क्या बोल रहे हैं उससे हमें कोई मतलब नहीं है. लेकिन लोगों को वस्तुस्थिति बताना चाहिए. पहले क्या था आज कैसा हाल है, ये किसी से छुपा हुआ है जब काम होगा तो लोगों को रोज़गार भी मिलेगा इसका इंतज़ार कीजिए.
Input: News18
BIHAR
AIIMS के CCU में भर्ती हैं लालू, आज जारी हो सकता है हेल्थ बुलेटिन

पिछले कई दिनों से बीमार चल रहे बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव को दिल्ली एम्स AIIMS के CNC (Cardiothoracic and Neuro sciences centre) के CCU (कृटिकल केयर यूनिट) में एडमिट किया गया है. लालू यादव को गुरुवार की रात से ही सांस लेने में दिक्कत हो रही थी. वो फेफड़ों में संक्रमण, निमोनिया, ब्लड शुगर और किडनी जैसी बीमारियों से ग्रसित हैं और इन्हीं रोगों से जुड़ी परेशानियों की वजह से अब उनका इलाज एम्स अस्पताल में हो रहा है.
उम्र ज्यादा होने की वजह से लालू प्रसाद को कॉम्प्लिकेशन ज्यादा है इसलिए कार्डियोलोजिस्ट उनके फेफड़े, कि़डनी का ख्याल लगातार रख रहे हैं. लालू का इलाज स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की निगरानी में हो रहा है. शनिवार को ही रांची स्थित रिम्स अस्पताल के मेडिकल बोर्ड ने उन्हें एम्स में भर्ती कराने की सलाह दी थी जिसके बाद एयर एंबुलेंस से उनको दिल्ली लाया गया था.
तीन साल पहले भी लालू यादव को इलाज के लिए दिल्ली एम्स में लाया गया था. 28 मार्च 2018 को उन्हें एम्स में भर्ती कराया गया था जबकि 30 अप्रैल 2018 को उन्हें एम्स से डिस्चार्ज कर रांची भेजा गया था. पिछली बार लालू प्रसाद यादव का एम्स में 34 दिनो तक चला था इलाज उस वक़्त एम्स में डॉक्टर राकेश यादव कार्डियोलोजिस्ट और डॉक्टर अरविंद मेडिसिन विभाग की निगरानी में उनका इलाज हुआ था.
इस बार भी लालू का इलाज अभी तक डॉक्टर राकेश यादव की देखरेख में हो रहा है. इलाज में लिए शनिवार की रात एम्स में एडमिट हुए लालू यादव को लेकर आज यानी रविवार को दिन के 11 बजे के बाद मेडिकल बुलेटिन जारी किया जा सकता है.
Input: News18
BIHAR
आदरणीय चोर अधिकारीगण, माननीय लुटेरे मंत्री, श्रद्धा भाव से आपकी …रहेंगे – पप्पू यादव

सरकार, सरकारी कर्मचारी, मंत्री, सांसद और विधायक के संबध में सोशल मीडिया या इंटरनेट पर अभद्र टिप्पणी लिखने पर कार्रवाई करने से जुड़ा बिहार की आर्थिक अपराध इकाई (EOU) का आदेश कोई असर नहीं दिखा रहा।
आदरणीय चोर अधिकारीगण
माननीय लुटेरे मंत्री सांसद विधायक गण
परम् आदरणीय भ्रष्ट बीजेपी-जदयू सरकारमुझे आपके किसी लेटर की नहीं है परवाह
जमकर पूरी श्रद्धा भाव से आपकी लेते रहेंगे!— Pappu Yadav (@pappuyadavjapl) January 22, 2021
आदेश जारी होने के बाद जाप सुप्रीमो और पूर्व सांसद पप्पू यादव ने सोशल मीडिया पर लिख दिया- आदरणीय चोर अधिकारीगण, माननीय लुटेरे मंत्री, सांसद विधायकगण, परम आदरणीय भ्रष्ट भाजपा- जदयू सरकार मुझे आपके किसी लेटर की नहीं है परवाह। जमकर पूरी श्रद्धा भाव से आपकी …रहेंगे।
पुलिस मुख्यालय के इस आदेश की कई राजनीतिक दलों ने आलोचना की है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने तो पत्र जारी होने के बाद मुख्यमंत्री को भ्रष्टाचार का भीष्म पितामह करार देते हुए चुनौती दी थी कि हिम्मत है तो सरकार मुझे गिरफ्तार करे। उनका पार्टी राजद की ओर से सोशल मीडिया पर कहा गया- अंग्रेज बात-बात में भारतीयों पर लाठीचार्ज करते थे। मानवाधिकारों का हनन करते थे, बेनुगाहों को जेल में ठूंस देते थे, अधिकारी राजाओं सा जीवन व्यतीत करते थे, चाटुकारों और जनता का खून चूसने वालों को सम्मानित किया जाता था, मीडिया को अपनी कठपुतली बनाए हुए थे और अभिव्यक्ति की आजादी नहीं थी। नीतीश कुमार, अंग्रेजों और संघियों से किस तरह से अलग हैं?
राजद के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने कहा कि आश्चर्य है कि जिस प्रेस बिल के खिलाफ नीतीश कुमार ने लाठियां खाईं वही नीतीश कुमार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर पहरा लगा रहे हैं। जदयू के वरिष्ठ नेता व मंत्री अशोक चौधरी ने आरोपों पर स्पष्टीकरण दिया कि सोशल मीडिया और पोर्टल पर भाषा की मर्यादा को बनाए रखने के लिए पत्र जारी किया गया है।
बिहार की आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने सोशल मीडिया पर मंत्रियों, सांसदों, विधायकों, सरकारी अफसरों, कर्मियों और अन्य लोगों के खिलाफ अनाप-शनाप व अभद्र टिप्पणी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश दिया है। आर्थिक अपराध इकाई ने कहा है कि सोशल मीडिया पर अगर किसी व्यक्ति, संस्था या संगठन के द्वारा अभद्र टिप्पणी की जा रही हो, जिससे किसी व्यक्ति की सामाजिक व व्यक्तिगत प्रतिष्ठा का हनन होता हो या जिससे किसी की छवि धूमिल हो तो उसकी सूचना तत्काल आर्थिक अपराध इकाई को दें। यहां तक कि अगर कोई सरकार की नीतियों को गलत तरीके से दुष्प्रचारित कर रहा हो तो उसकी सूचना भी EOU को देने की बात कही गई है। दोषी व्यक्ति के खिलाफ कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
Input: Dainik Bhasakr
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