आपको जानकर हैरानी होगी कि बिहार (Bihar) की राजधानी पटना (Patna) के नाम पर इंग्लैंड के स्कॉटलैंड में एक गांव बसा है. इससे भी ज्यादा हैरान आप तब हो जाएंगे जब आपको इस बात की जानकारी मिलेगी कि इस पटना का बिहार की राजधानी पटना से कनेक्शन भी है. स्कॉटलैंड (Scotland) में स्थित यह पटना बिहार की राजधानी पटना की तरह गंगा नदी के तट पर ही एक नदी के तट पर स्थित है. इस नदी का नाम है दून नदी है, जिसके दोनों किनारों पर यह गांव स्थित है. गांव के बीच से ही दून नदी निकलती है. बिहार के लोग भले ही स्कॉटलैंड के पटना गांव को नहीं जानते लेकिन पटना गांव के लोग बिहार और पटना से बखूबी परिचित हैं.
दरअसल, पटना गांव के प्राइमरी स्कूल के बच्चों को उनके गांव के इतिहास से जब अवगत कराया जाता है तब उसमें बिहार की राजधानी पटना की चर्चा होती है. इस पटना गांव के लोग बिहार के पटना को बखूबी जानते हैं. स्कॉटलैंड का यह पटना बिहार की राजधानी पटना से 10 हज़ार किलोमीटर दूर है. यह पटना गांव ग्लास्गो के पास इस्ट ईयर शायर काउंसिल में और इंग्लैंड की राजधानी लंदन से करीब 650 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. क्षेत्रफल के हिसाब से यह गांव छोटा है जिसकी ख्याति शांत और स्वच्छ वातावरण के लिए अधिक है. बिहार की राजधानी पटना की आबादी लाखों में हो है लेकिन स्कॉटलैंड वाले पटना की आबादी काफी कम है.
फुलटीन परिवार ब्रिटेन वापस लौट गया
दरअसल, इस गांव का नाम पटना ऐसे ही नहीं पड़ा है. बिहार की राजधानी पटना से इसका कनेक्शन भी जुड़ा है. 1745 में एक ब्रिटिश कारोबारी विलियम इन ब्रिटिश इंडिया कंपनी के साथ बिहार पहुंचा था. बिहार से ब्रिटेन में यह कारोबारी भारी मात्रा में चावल का निर्यात करता था. इसके बाद कारोबारी के भाई जॉन फुलटीन ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना में मेजर जनरल के पद पर पटना में पदस्थापित हुआ. 1774 में पटना में हीं मेजर जनरल को एक बेटा हुआ जिसका नाम रखा गया विलियम फुलटीन. इस बच्चे का बचपन पटना में ही बीता था. जॉनफुल टीन की मौत के बाद फुलटीन परिवार ब्रिटेन वापस लौट गया.
नौकरी के लिए पलायन करते हैं लेकिन इस दौरान भारत में यह परिवार आर्थिक रूप से काफी संपन्न हो चुका था, जिसने लौटने के बाद स्कॉटलैंड में खादान का धंधा शुरू किया. साल 1802 में विलियम फुलटन ने यही अपनी जन्मस्थली पटना के नाम पर गांव बसाया जिसमें कोयला खदान में काम करने वाले मजदूर रहा करते थे. अभी यह खदान बंद हो चुका है लेकिन इस गांव में पटना नाम से एक रेलवे स्टेशन भी था जो 1964 के बाद अस्तित्व में नहीं रहा. कभी साधन संपन्न रहें इस गांव में रोजगार की कमी की वजह से लोग बाहर दूसरी जगह पर नौकरी के लिए पलायन करते हैं.
Source : News18