पाकिस्तान के सूचना और प्रसारण मंत्री फ़वाद चौधरी ने आरोप लगाया है कि न्यूज़ीलैंड की क्रिकेट टीम को जिस डिवाइस से धमकी भेजी गई थी उसका ताल्लुक भारत से था.
यह बात उन्होंने बुधवार को इस्लामाबाद में एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस के दौरान कही.
LIVE #APPNews : Federal Minister for Information and Broadcasting @fawadchaudhry and Minister for Interior Sheikh Rashid Ahmad addressing Press Conference #Islamabad @ShkhRasheed https://t.co/9BFIVp4GCn
— APP 🇵🇰 (@appcsocialmedia) September 22, 2021
फ़वाद चौधरी ने कहा कि ‘यह पूरा मामला तब शुरू हुआ जब किसी ने तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) का चरमपंथी एहसुल्लाह एहसान होने का दावा करते हुए एक फ़र्ज़ी पोस्ट किया.’
फ़वाद चौधरी ने कहा कि अगस्त में एहसान के नाम से एक फ़र्जी पोस्ट की गई थी जिसमें कहा गया था कि न्यूज़ीलैंड की सरकार को अपनी टीम पाकिस्तान भेजने से बचना चाहिए क्योंकि वहाँ उन्हें ‘निशाना’ बनाया जाएगा.
उन्होंने कहा कि इस फ़र्ज़ी पोस्ट के बाद भारतीय समाचार वेबसाइट ‘द संडे गार्डियन’ के ब्यूरो चीफ़ अभिनंदन मिश्रा ने एक ख़बर छापी जिसमें दावा किया गया था कि न्यूज़ीलैंड की टीम पर पाकिस्तान में आतंकी हमला हो सकता है.
फ़वाद चौधरी ने कहा, “दिलचस्प बात तो यह है कि अभिनंदन मिश्रा के अफ़ग़ानिस्तान के पूर्व उप राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह के साथ मज़बूत सम्बन्ध हैं.”
मार्टिन गुप्टिल की पत्नी को मिला था धमकी भरा ईमेल
चौधरी ने बताया कि 24 अगस्त को न्यूज़ीलैंड के ओपनर मार्टिन गुप्टिल की पत्नी को एक धमकी भरा इमेल मिला था.
फ़वाद चौधरी के मुताबिक़, “जब हमने इसकी जाँच की तो पता चला कि यह ईमेल किसी सोशल मीडिया अकाउंट से नहीं जुड़ा है और इस आईडी से भेजा गया यह एकमात्र ईमेल था.”
चौधरी का कहना है कि यह ईमेल प्रोटोनमेल नाम की एक सुरक्षित सर्विस के ज़रिए भेजा गया था.
उन्होंने कहा, “इस ईमेल के बारे में ज़्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं है और हमने इंटरपोल से इस बारे में मदद माँगी है.”
न्यूज़ीलैंड की मीडिया ने क्या कहा था?
इससे पहले पाकिस्तान के अख़बारों में न्यूज़ीलैंड की मीडिया के हवाले से ख़बर छपी थी कि पाँच देशों की ख़ुफ़िया एजेंसियों के इनपुट के बाद न्यूज़ीलैंड की सरकार ने क्रिकेट दौरा रद्द करने का फ़ैसला किया.
पाकिस्तान के अख़बार एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के अनुसार न्यूज़ीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, कनाडा और ब्रिटेन की ख़ुफ़िया एजेंसियों के एक संयुक्त संगठन ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि पाकिस्तान का दौरा कर रही न्यूज़ीलैंड की टीम पर गंभीर ख़तरा है.
न्यूज़ीलैंड की क्रिकेट टीम पाकिस्तान पहुंची लेकिन रावलपिंडी स्टेडियम में मैच शुरू होने के चंद मिनट पहले ही सुरक्षा कारणों का हवाला देकर उन्होंने मैच खेलने से इनकार कर दिया था.
न्यूजीलैंड क्रिकेट (NZC) ने कहा कि पाकिस्तान “बेहतरीन मेज़बान” था लेकिन खिलाड़ियों की सुरक्षा “सर्वोपरि” थी.
न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम 18 साल बाद 11 सितंबर को तीन वनडे और पांच 20-20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने पाकिस्तान पहुंची थी.
पाकिस्तानी क्रिकेट प्रेमी और पीसीबी हताश
पीसीबी के अनुसार पाकिस्तान के पास सभी आने वाली टीमों के लिए पूरी सुरक्षा व्यवस्था थी और उसने न्यूज़ीलैंड क्रिकेट को भी पूरा आश्वासन दिया था.
पीसीबी ने कहा था कि न्यूजीलैंड की टीम अपने पूरे प्रवास के दौरान सुरक्षा व्यवस्था से संतुष्ट थी लेकिन अंतिम समय में लिए गए उनके फ़ैसले से हताशा हुई है.
न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ एकदिवसीय श्रृंखला रावलपिंडी स्टेडियम में खेली जानी थी, जिसमें 17, 19 और 21 सितंबर को मैच होने थे. जबकि गद्दाफ़ी स्टेडियम में 25 सितंबर से 3 अक्टूबर तक पांच टी-20 मैच होने थे.
न्यूज़ीलैंड के बाद इंग्लैंड ने भी सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए अपनी पुरुष और महिला टीम का अक्टूबर में होने वाला पाकिस्तान दौरा रद्द कर दिया था.
न्यूज़ीलैंड के बाद इंग्लैंड क्रिकेट टीम के पाकिस्तान का दौरा रद्द होने से वहाँ के क्रिकेट खिलाड़ियों, अधिकारियों और क्रिकेट प्रेमियों में काफ़ी मायूसी है.
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के नवनियुक्त चेयरमैन रमीज़ राजा ने इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) के फ़ैसले की आलोचना की थी और कहा था कि पाकिस्तान में सुरक्षा को लेकर बहाना बनाया जा रहा है.
एक वीडियो बयान जारी करके रमीज़ राजा ने कहा थाकि पश्चिमी देशों का गुट इकट्ठा होकर ऐसे फ़ैसले लेता है.
उन्होंने इस पूरे घटनाक्रम पर उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान को लेकर इन देशों का नज़रिया नहीं बदला है.
Source : BBC
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