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इस आंगन में 300 गौरैयों का बसेरा, गौरैयों की चहचहाहट से गूंजता घर

पूर्वी चंपारण अपनी मां से किया वादा ये निभा रहे। आंगन में लगे नींबू के उस पेड़ को नहीं काटा, जिसे उन्होंने लगाया था। चिडिय़ों का देखभाल उसी तरह से कर रहे, जैसा वे करती थीं। आज उस पेड़ पर एक नहीं, तीन सौ से अधिक गौरैया रहती हैं। यह आंगन है मोतिहारी शहर के शांतिपुरी मोहल्ला स्थित मो. रागिब आजम और रिजवान आजम के घर का। दोनों भाई गौरैया के लिए दाना से लेकर पानी तक का इंतजाम करते हैं।
शहर में स्कूल चलाने वाले इस परिवार के आंगन में गौरैया की चहचहाहट सुबह से ही कानों में गूंजने लगती है। दाना में देरी होने पर ये घर के अंदर कमरों तक पहुंच जाती हैं। अपनी आवाज से भूख का एहसास कराती हैं। तब घर का कोई न कोई सदस्य दाना डालने पहुंच जाता। इनके भोजन पर साल में चार क्विंटल धान, एक क्विंटल चावल व कउनी की व्यवस्था होती है। इसपर लगभग 12 हजार रुपये खर्च होते हैं। वहीं पीने के लिए साफ पानी व नहाने के लिए टब की भी व्यवस्था है।
15 साल से बढ़ रहा चिडिय़ों का कुनबा
मो. रागिब बताते हैं कि अम्मी (मासूमा बानो) ने तकरीबन 30 साल पहले आंगन में नींबू का एक पौधा लगाया। वह बता गईं कि यह पौधा पक्षियों के नाम है। इसके पास पानी रखना, दाना डालना। पहले कुछ चिडिय़ा आती थीं। बाद में गौरैया ने इसे अपना बसेरा बना लिया। धीरे-धीरे उनका परिवार बढ़ा तो इनकी संख्या भी बढ़ती गई। आज 15 साल हो गए। तीन सौ से अधिक गौरैया हैं। तीन महीने पहले अम्मी के निधन के बाद से इनकी देखभाल की जिम्मेदारी हमलोग निभा रहे।
मो. रिजवान बताते हैं कि उनका सर्वाधिक समय गौरैया की देखरेख में व्यतीत होता है। परिवार के अन्य सदस्य भी सहयोग करते हैं। बच्चे जब स्कूल से घर पहुंचते हैं तो अपना बैग रख सीधे गौरैया के भोजन स्थल पहुंचते हैं।
पशु-पक्षी व मत्स्य विशेषज्ञ तथा पशुपालन विभाग में चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. नरेंद्र कुमार बताते हैं कि वाइल्ड लाइफ कंजर्वेशन एक्ट 1984 के तहत गौरैया के शिकार पर कार्रवाई का प्रावधान है। यह विलुप्त होती पक्षियों की श्रेणी में है। अगर इतनी बड़ी तादाद में शहर के एक आंगन में गौरैया हैं तो इनके संरक्षण के लिए काम होना चाहिए।
Input : Dainik Jagran
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बिहार : 10 साल की करीना के दोनों हाथों में है सिर्फ 1 अंगूठा, पढ़-लिखकर बनना चाहती है डॉक्टर

जमुई. बिहार के जमुई जिले में जन्म से दिव्यांग एक बच्ची की कहानी सामने आई है. छठवीं कक्षा में पढ़ने वाली 10 साल की बच्ची करीना के दोनों हाथ में सिर्फ 1 अंगूठा है. इसके बावजूद उसकी इच्छा पढ़-लिखकर डॉक्टर बनने की है. करीना ने बताया कि वह डॉक्टर बन समाज सेवा करना चाहती है, ताकि जरूरतमंदों की मदद की जा सके. परिजन बताते हैं कि करीन पढ़ने-लिखने में काफी होशियार है. तमाम शारीरिक बाधाओं के बाद भी वह आगे पढ़ना चाहती है. वह उच्च शिक्षा हासिल कर अपने पैरों पर खड़ा होना चाहती है.
जन्म से ही दोनों हाथ में एक मात्र अंगूठे वाली जमुई की करीना दिव्यांगता को मात देकर ऊंचाइयों को छूने चल पड़ी है. 10 साल की दिव्यांग बच्ची पढ़ने-लिखने में होनहार है और गांव के सरकारी स्कूल में छठी क्लास में पढ़ाई कर रही है. पढ़-लिखकर डॉक्टर बनकर समाज सेवा करने की इच्छा रखने वाली करीना हर दिन स्कूल जाती है. मात्र एक अंगूठे वाली करइना लड़की खुद का भी सब काम कर लेती है. दरअसल, जन्म के साथ ही उसके दोनों हाथ खराब हैं. दोनों हाथों में मात्र बाएं हाथ में एक अंगूठा है. इसके बावजूद करीना जिंदगी की जंग जीत रही है. करीना के पिता अजय राम गाड़ी चलाकर परिवार का पालन-पोषण करते हैं.
बुलंद हौसले
होनहार और बुलंद हौसले वाली करीना को देख सब हैरान रह जाते हैं. एक अंगूठे वाली लड़की परेशनियों और मजबूरी को भुलाकर जिंदगी संवारने के लिए काबिल बनने में लगी है. जमुई जिले के ख़ैरा इलाके के सुदूर कागेश्वर गांव की दिव्यांग करीना के बुलंद हौसले और नेक इरादे का लोग उदाहरण देते हैं. छठवीं क्लास में पढ़ने वाली करीना शुरू से ही पढ़ने में तेज है. हर दिन स्कूल जाना, अपना काम खुद करना और घर का काम करने के साथ दूसरी लड़कियों की तरह आराम से साइकिल चलाना. करीना ये सारा काम कर दूसरों को प्रेरणा देती है.
करीना बोली- कोई दिक्कत नहीं
करीना का कहना है कि उसके हाथों में मात्र 1 अंगूठा होने से उसे कोई दिक्कत नहीं होती है. करीना ने कहा, ‘मैं पढ़ाई के साथ-साथ सारा काम कर लेती हूं. प्रतिदिनि स्कूल जाती हूं. मैं पढ़-लिखकर डॉक्टर बन समाज सेवा करना चाहती हूं.’ करीना दिव्यांगता को पीछे छोड़ कर आगे बढ़ना चाहती है.
डॉक्टर ने दी थी हाथ काटने की सलाह
करीना की मां सुमन देवी ने बताया कि जन्म के साथ ही उनकी बेटी का दोनों हाथ में अंगुलियां नहीं थीं. बाएं हाथ का अंगूठा ही कामयाब था. सुमन बताती हैं कि तब डॉक्टर ने दोनों हाथ बीच से काटकर प्लास्टिक का हाथ लगाने की सलाह दी थी. इसके बाद हमलोगों ने सोचा कि भगवान ने जो दिया वही ठीक है और करीना को वैसे ही रहने दिया. अगर डॉक्टर ने हाथ काट देता तो वह पढ़ने-लिखने का काम कैसे करती. करीना की मां ने बताया कि उनकी बेटी होनहार है, बस सरकार उसे पढ़ने-लिखने में मदद करे, ताकि उसकी बेटी का सपना पूरा हो सके.
Source : News18
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बिहार : बेटी के अंतरजातीय विवाह से नाराज पूर्व विधायक ने दी थी हत्या की सुपारी

बेटी के अंतरजातीय विवाह से नाखुश सारण जिले के मढ़ौरा से पूर्व विधायक सुरेंद्र शर्मा ने उसकी हत्या की साजिश रच डाली। बेटी को मौत के घाट उतारने की सुपारी (ठेका) पूर्व विधायक ने बिहटा के सिकंदरपुर के रहने वाले कांट्रैक्ट किलर अभिषेक सिंह उर्फ छोटे सरकार को दी थी। हालांकि छोटे सरकार इस वारदात को अंजाम देने में विफल रहा।
एसएसपी डॉ. मानवजीत सिंह ढिल्लों की विशेष टीम ने कांट्रैक्ट किलर छोटे सरकार व उसके भाई राहुल को न्यू बाइपास से गिरफ्तार किया, जबकि पूर्व विधायक सुरेंद्र शर्मा व उनके गुर्गे ज्ञानेश्वर शर्मा को सारण से पकड़ा है। अपराधियों के पास से एक पिस्टल, एक कट्टा, एक मैग्जीन, नौ गोलियां, एक बाइक और घटना के समय पहना गया कपड़ा बरामद किया है।
दोहरे हत्याकांड में शामिल था अभिषेक: एसएसपी ने बताया कि अभिषेक ने बीते 31 मई को पत्रकारनगर के काली मंदिर रोड में अरवल से भाजपा के पूर्व विधायक चितरंजन शर्मा के दो भाइयों की गोली मारकर हत्या की थी। वह पांडव गिरोह के सरगना संजय सिंह का खासमखास था। अभिषेक ने संजय के इशारे पर पूर्व विधायक के सगे चाचा अभिराम शर्मा व भतीजे दिनेश शर्मा की जहानाबाद व मसौढ़ी में गोली मारकर हत्या की थी। उस पर दो दर्जन हत्या के मामले दर्ज हैं। वर्ष 2015 से जरायम की दुनिया में सक्रिय अभिषेक पहली बार पुलिस के हत्थे चढ़ा है।
जेपी-गंगा पथ से लौट रही थी, तभी शूटर आये : पूर्व विधायक की बेटी पति के साथ एक जुलाई की रात जेपी-गंगा पथ की सैर कर लौट रही थी। इसी बीच जैसे ही वह बोरिंग कैनाल रोड पहुंची, पीछे से बाइक सवार दो शूटरों ने ओवरटेक कर उसकी गाड़ी रोक दी।
पिस्टल में गोली फंस गयी: अपराधी ने पूर्व विधायक की बेटी पर गोली चलायी, पर वह पिस्टल में फंस गई। मिसफायर होता देख उसके पति सह मोबाइल दुकान के मालिक ने तेजी से गाड़ी आगे बढ़ा दी। रास्ते में गश्ती गाड़ी को दोनों ने इसकी सूचना दी।
‘तुम्हारे बाप ने तुम्हारे लिये खैरात भेजा है’
गाड़ी रोकने के बाद बाइक के पीछे बैठा शूटर महिला की गाड़ी के पास आया। उसने कहा – ‘नौबतपुर जाने का रास्ता किधर है’। पता पूछने की बात सुनकर जब महिला ने गाड़ी का शीशा खोला तो शूटर ने कहा- ‘तुम विधायक की बेटी हो न’। इस पर महिला ने कहा- हां। तुम्हें इससे क्या मतलब। इतना सुनने के बाद शूटर ने एकाएक पिस्टल निकाली और कहा- ‘तुम्हारे बाप ने तुम्हारे लिये खैरात भेजा है’। फिर शूटर ने महिला पर गोली चला दी।
पिता के खिलाफ दर्ज करवायी एफआईआर
पूर्व विधायक की बेटी एसके पुरी थाने पहुंची। जहां उसने पिता के खिलाफ केस दर्ज कराया। पहले उसकी बात पर पुलिस को भरोसा नहीं हुआ लेकिन तहकीकात के दौरान आरोप सही पाये गये। इसके बाद पुलिस ने विधायक को गिरफ्तार किया, उसके बाद कांट्रैक्ट किलर दबोचे गए।
पुलिस अभिषेक सिंह उर्फ छोटे सरकार को पकड़ने के लिये पिछले एक महीने से प्रयास कर रही थी। हमारी टीम को सूचना थी कि वह किसी घटना को अंजाम देने वाला है। पत्रकारनगर में पूर्व विधायक के सहोदर भाइयों की हत्या मामले में पुलिस उसे रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी। हमारी टीम पांडव गिरोह के सरगना संजय सिंह की तलाश में जुटी हुई है। वहीं बेटी की हत्या की सुपारी देने के मामले में पूर्व विधायक सुरेंद्र शर्मा, छोटे सरकार सहित चार को जेल भेजा जा रहा है। – डॉ. मानवजीत सिंह ढिल्लों, एसएसपी पटना
Source : Hindustan
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बिहार के पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह का निधन, पटना में ली अंतिम सांस

इस वक्त की बड़ी खबर बिहार की राजधानी पटना से आ रही है जहां बिहार सरकार के पूर्व मंत्री और प्रदेश के कद्दावर नेता नरेंद्र सिंह का निधन हो गया है. नरेंद्र सिंह का निधन इलाज के दौरान पटना के एक निजी नर्सिंग होम में हुआ है. वो बीते कई दिनों से बीमार चल रहे थे.
नरेंद्र सिंह के निधन से पूरे प्रदेश में शोक की लहर है. पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह के पुत्र सुमीत कुमार सिंह बिहार सरकार में मंत्री हैं. उनके निधन की खबर से पैतृक जिले जमुई में भी शोक की लहर दौड़ गई. नरेंद्र सिंह लीवर की बीमारी से पीड़ित थे और काफी दिनों से पटना के एक निजी अस्पताल में इलाजरत थे.
उनके निधन से कुछ दिन पहले ही बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी अस्पताल जाकर मुलाकात की थी और कुशलक्षेम जाना था. नरेंद्र सिंह बिहार में कई विभागों में मंत्री पद संभाल चुके थे और प्रदेश सहित राजपूत बिरादरी की राजनीति में उनका विशेष प्रभाव था.
Source: News18
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