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उस गांव की कहानी, जहां ज्यादातर औरतों की कोख नहीं

महाराष्ट्र के बीड जिले में चंद सालों में हज़ारों औरतों की बच्चेदानी निकाली गई. कम उम्र में कोख गंवा चुकी ये औरतें गन्ना कटाई करती हैं. पीरियड्स के दौरान छुट्टी लेने पर जुर्माना लगता है. ठेकेदार की छेड़छाड़ और बलात्कार आम है. छुटकारा पाने के लिए वे बच्चेदानी निकलवा रही हैं. news18 ने उन महिलाओं से बात की. दूसरी कड़ी में पढ़ें, भागीरथी को.
बचपन में कभी दो वक्त खाना नहीं खाया. खाया भी तो भरपेट नहीं. जिस रोज खाना कम बनता, मां मिर्च डालकर सब्जी बनाती. इतनी तीखी कि बार-बार पानी पीना पड़े. आधा पेट उसी से भर जाता. तब गांव या रिश्तेदारी से बुलौवा (दावत का न्योता) आने का इंतजार करते. वहां से लौटते तो घर में कई दिनों तक उसी खाने की बात होती रहती. बैंगन की नारियल डली सब्जी, अजवाइन वाली पूरियां, लड्डू और भी बहुत कुछ.
किसी रोज ज्यादा भूख लगे तो मां कहती- अपने घर जाएगी तो चाहे जितना खाना. तब से ही ‘अपने घर’ जाने का इंतजार करने लगी.
शादी हुई तब 17 साल की थी. चिकलबीड गांव में था मेरा ‘अपना घर’. वही घर, जहां पहुंचने के बाद थाली में रोटियां गिनकर नहीं रखी जाएंगी. रस्में खत्म हुईं. रसोई पहुंची. दो कमरों के घर में एक तिरछा कोना था. वहीं चूल्हा था. यानी वही कोना रसोईघर था. आसपास एलुमिनियम के दो-चार डिब्बे. अनाज से आधे-अधूरे भरे हुए. साथ में टूटे-पिचके बर्तन. मां अब तक जिस अपने घर का हवाला देती आई थी, वो मेरी किस्मत में नहीं था. साड़ी खोंचकर मैं नई गिरस्ती में जुट गई.
शादी को दो-तीन महीने हुए होंगे, मेरा महीना आना रुक गया. मैं पेट से थी. ससुराली खुश दिखने लगे. पति ने खाने में कमी निकालनी बंद कर दी. मैं भी खुश रहने लगी थी. रोटियां पूरी न पड़ें लेकिन परिवार पूरा हो रहा था.
तभी अक्टूबर की शुरुआत में मुझसे सामान बांधने को कहा गया. हम गन्ना कटाई के लिए जा रहे थे. रात में मैंने पति से बात करने की कोशिश की. उसने अनसुना करते हुए कहा- अच्छा ही है जो महीना आना रुक आया. अब हम बगैर छुट्टी काम कर सकेंगे.
धीमी आवाज में भागीरथी कहती हैं- ‘गरीब औरतें मां बनने का जश्न नहीं मनातीं’. मराठी में कही गई ये एक बात बिना किसी अनुवाद मुझ तक पहुंची.
एक ट्रक में लगभग दस जोड़े बैठे थे यानी 20 औरतें, उतने ही मर्द और लगभग सबके बच्चे. मेरा पांचवां महीना लगा था. पैर सिकोड़कर बैठ नहीं पाती थी. पसारकर बैठूं तो सास आंखें दिखाती. थोड़ी-थोड़ी पेशाब जाने की इच्छा होती. ट्रक रुकवाती तो लोग झुंझलाते थे. सलाह मिली- पानी कम पिया करो. इतना रुकेंगे तो पहुंचेंगे कब! खुले हुई ट्रक में हर धक्के पर डरकर पेट पकड़ लेती. साथिनें दिलासा देतीं- ‘सहना तो होगा’. आखिरकार हम साइट पर पहुंच गए.
एक दिन बाद.
वो गन्ना काट-काटकर ढेर लगाता जा रहा था. मैं ढेरियां बांध रही थी. हर गट्ठर को बांधते हुए रुकती. कई दिनों तक ट्रक में बैठने के कारण कमर में दर्द था. पति से कहा तो सुना- अभी से नखरे करेगी तो काम कैसे होगा! मैं चुपचाप काम करने लगी. अक्टूबर का महीना था. सिर पर धूप चमक रही थी. बार-बार पसीना पोंछती. पानी पीती. फिर काम में जुटती. जब इतनी ढेरियां बन गईं कि खड़े होने को जगह न बचे, तब पहला ढेर सिर पर उठाया. 30 किलो वजनी. पैर डगमगा गए. आस में पति की तरफ देखा. वो गन्ने काट रहा था. मैंने चलना शुरू किया. ट्रक खेत से थोड़ा बाहर की तरफ था.
गन्ना ‘लोड’ करने के लिए जैसे ही ऊपर चढ़ने लगी- पैर फिसल गया. कमर के नीचे तीखा दर्द. पेट में जैसे चाकू उतर आया हो. साड़ी खून से भीग गई. आसपास इकट्ठा चेहरे धुंधला रहे थे.
बेहोशी टूटी तो खुद को अस्पताल में पाया. पास ही मेरा आदमी बैठा था. रूखा-चिड़चिड़ाया चेहरा लिए. मुझे होश में आया देखते ही बरस पड़ा- ‘संभलकर नहीं चल सकती थी’! ताजा-ताजा बच्चा खोयी औरत को यही उसके मर्द की तसल्ली थी. फिर तो जो भी मिलने आया, सबने हल्के-गहरे लहजे में यही बात दोहराई.
‘गन्ना काटने आना बेकार हो गया.’
‘पैर जमाकर रखने चाहिए थे.’
‘आदमी अब खाली बैठा क्या करेगा!’
‘जल्दी काम शुरू कर सको तो कम पैसे कटेंगे.’
थोड़ी देर बाद डॉक्टर आए. कुछ और जांच लिखी गईं. दो दिनों बाद जाना कि अब मैं मां नहीं बन सकूंगी. खबर की तरह ही मुझे ये बात बताई गई. अस्पताल से छूटने पर दोबारा गन्ने का काम करने लगी. पति का व्यवहार अब एकदम बदल चुका था. बिना चिल्लाए वो कोई बात नहीं करता था. बात-बात पर हाथ उठाता.
गांव लौटने पर एक दिन कहा- मां नहीं बन सकती तो बच्चेदानी ही हटवा ले. ये सलाह नहीं थी. गुजारिश नहीं. फरमान था. मानो कह रहा हो- लंबे नाखून चुभते हैं, जाकर कटवा ले.
भागीरथी याद करती हैं- कई दफे कहा कि अपने यहां के डॉक्टर को दोबारा दिखाते हैं. डॉक्टर हैं. भूल-चूक सबसे होती है. उसने कोई जवाब नहीं दिया. एक रोज पैसे लेकर आया. और अस्पताल की तारीख भी. बिना मेरी इजाजत मेरी बच्चेदानी हटा दी गई. ऑपरेशन के लिए जो कर्ज लिया गया था, उसकी भरपाई अगले दो सालों तक करनी पड़ी. उस पूरे वक्त मैं उस घर में पैसे भरने वाले मजदूर की तरह रही. मेरे सामने ही पति की दूसरी शादी की चर्चा चलती. मैं उनकी रोटियां पका रही होती.
अब आदमी दूसरी घरवाली ला चुका है. कहता था- बिन बच्चे की औरत अपशगुनी होती है. मां के घर लौट आई हूं. पास ही में सड़क बनाने का काम चल रहा है. वहीं काम करती हूं. रात में सोती हूं तो खोया हुआ बच्चा बेतरह याद आता है. (निजता बनाए रखने के लिए पीड़िता का नाम बदल दिया गया है.)
‘मरे हुए बच्चे की मां होना सबसे मुश्किल है. कोख निकलवा देने से भी ज्यादा’, थकी हुई आवाज में भागीरथी कहती हैं…
Input : News18
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अमिताभ बच्चन की तबीयत बिगड़ी, जल्द होगी सर्जरी

बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं और अक्सर रूटीन लाइफ के बारे में जानकारी देते हैं. वह अपने ब्लॉग के जरिए भी अपनी फीलिंग्स और दैनिक अनुभवों को फैंस के जरिए शेयर करते हैं. अपने हाल के एक ब्लॉग से उन्होंने एक ऐसा खुलासा किया है, जिससे उनके फैंस को उनकी चिंता होने लगी है. बिग बी का कहना है कि उनकी तबीयत बिगड़ गई है और उन्हें सर्जरी करवानी पड़ेगी.
अमिताभ बच्चन ने अपने ब्लॉग में सिर्फ एक ही लाइन लिखी है. इस एक लाइन ने सबको हिला के रख दिया है. उन्होंने अपने ब्लॉग में लिखा,”मेडिकल कंडिशन… सर्जरी.. मैं लिख नहीं सकता. एबी” अमिताभ बच्चन ने ये ब्लॉग 27 फरवरी को लिखा है. बिग बी का ये ब्लॉग देखने के बाद फैंस उनकी चिंता कर रहे हैं.
कर रहे थे कई फिल्मों की शूटिंग
अमिताभ बच्चन को क्या हुआ है और वह किस चीज की सर्जरी करवा रहे हैं. इसकी जानकारी अभी तक नहीं मिल पाई है. बिग बी इन दिनों कई फिल्मों की शूटिंग में बिजी थी. कौन बनेगा करोड़पति 12 के ऑफ एयर होने के बाद वह फिल्म ब्रह्मास्त्र और चेहरे समेत कई फिल्मों की शूटिंग कर रहे थे. इस बीच ये खबर सबको हैरान करने वाली हैं.
अमिताभ बच्चन हुए थे कोरोना संक्रमित
बता दें कि केबीसी की शूटिंग के से पहले अमिताभ बच्चन और उनका पूरा परिवार कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए थे. कोरोना वायरस से ठीक होने में उन्हें लगभग महीना भर लगा. पिछले साल जुलाई में कोरोना की जांच में पॉजिटिव पाए जाने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उनके साथ अभिषेक बच्चन भी कोरोना से संक्रमित हुए थे और दोनों को साथ में भर्ती हुए थे.
बच्चन परिवार हुआ था संक्रमित
इसके बाद 17 जुलाई को ऐश्वर्या और आराध्या को कोरोना वायरस संक्रमण के कारण मुंबई के नानावती अस्पताल में भर्ती कराया गया था. ऐश्वर्या और आराध्या भी पहले से कोरोना पॉजिटिव थीं, लेकिन दोनों जुहू स्थित बंगले जलसा में होम क्वारंटीन थीं. मगर ऐश्वर्या राय को बुखार, सांस लेने में हो रही तकलीफ और कफ और खांसी के साथ गले में हो रहे दर्द के बाद नानावटी अस्पताल में शिफ्ट किया था.
Input: Abp News
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मुकेश अंबानी के घर के बाहर खड़ी संदिग्ध कार की जैश अल हिंद ने ली जिम्मेदारी, धमकी भरा लेटर भी किया जारी

देश के सबसे रईस शख्स मुकेश अंबानी के घर के बाहर मिली संदिग्ध कार का मामला उलझता ही जा रहा है। अब टेलीग्राम एप पर जैश अल हिंद नाम के एक संगठन की ओर से जारी लेटर सामने आया है। इस धमकी भरे पत्र में अंबानी फैमिली से बिटकॉइन में फिरौती की मांग की है। हालांकि पहले कभी भी जैश अल हिंद नाम के किसी आतंकी संगठन का नाम नहीं सुना गया है। पत्र की भाषा हिंदी और अंग्रेजी मिक्स है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि पत्र को इस तरह से इसलिए लिखा गया है ताकि एजेंसियों को भटकाया जा सके। यही नहीं कुछ गलतियां भी जानबूझकर लेटर में की गई हैं।
टेलीग्राम एप पर मिले लेटर में कहा गया है, ‘अंबानी के घर के पास एसयूवी खड़ी करने वाला सही जगह पर पहुंच गया है। यह सिर्फ ट्रेलर था और पूरी पिक्चर आना अभी बाकी है।’ यही नहीं लेटर में अखलाक की हत्या, गुजरात के दंगों और दिल्ली की हिंसा का भी जिक्र किया गया है। पत्र में लिखा गया है, ‘अब तुम्हें इस बात पर हैरानी होनी चाहिए कि आखिर हम कौन हैं? हम वही अखलाक हैं, जिसे तुमने एक गाय के लिए मार डाला था।
हम वे लोग हैं, जिन्हें दिल्ली की हिंसा में मारा गया था। हम वे बहने हैं, जिनका गुजरात में रेप किया गया था। हम तुम्हारी रात के बुरे सपने हैं। हम तुम्हारे पड़ोस में हैं। ऑफिस में हैं। तुम लोग हमें ऐसे पास कर देते हो, जैसे किसी सामान्य आदमी को। हम हर जगह हैं। हमें तुम्हारे जैसे प्रॉस्टिट्यूट कारोबारियों से दिक्कत है, जिसने बीजेपी और आरएसएस के हाथों अपनी आत्मा को बेच दिया है।’
यही नहीं लेटर में सुरक्षा एजेंसियों को भी चैलेंज किया गया है। लेटर में कहा गया है, ‘हम एजेंसियों को चुनौती देते हैं कि वे हमें रोक कर दिखाएं। हम जब तुम्हारी नाक के नीचे दिल्ली में ही अटैक करेंगे तो तुम कुछ नहीं कर पाओगे। तुमने मोसाद के साथ गठजोड़ किया, लेकिन तब भी फेल रहे। अल्लाह के करम से तुम लोग हर बार फेल हो जाओगे।’ बता दें कि इससे पहले उस संदिग्ध कार से ही एक धमकी भरा लेटर मिलने की बात सामने आई थी। उस लेटर की भाषा भी कमोबेश ऐसी ही थी। उस लेटर में मुकेश अंबानी और नीता अंबानी को संबोधित करते हुए कहा गया था, ‘मुकेश भैया, नीता भाभी। अभी तो यह ट्रेलर है। पूरा इंतजाम हो गया है।’
हालांकि अब तक मुंबई पुलिस ने किसी भी पत्र को लेकर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है। फिर भी मुंबई पुलिस इस पूरे मामले की आंतकी ऐंगल से भी जांच करने में जुटी है। बता दें कि 25 फरवरी की शाम को अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर संदिग्ध स्कॉर्पियो कार खड़ी मिली थी। इस कार से जिलेटिन की 20 छड़ें भी बरामद हुई थीं। यही नहीं कार पर लगी नंबर प्लेट भी फर्जी थी। जांच में पता चला था कि इस कार को कुछ दिनों पहले ही चुराया गया था।
Input: Live Hindustan
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पीएम मोदी की तस्वीर, ई-गीता और 19 उपग्रह; सफल लॉन्चिंग कर इसरो ने ऐसे किया 2021 का आगाज

अमेजोनिया-1 समेत 19 उपग्रहों को एक साथ भेजकर भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरों ने साल 2021 का अपने तरीके से आगाज किया है। ब्राजील के अमेजोनिया-1 और 18 अन्य उपग्रहों को लेकर भारत के पीएसएलवी (ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान) सी-51 ने रविवार को श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से उड़ान भरी। इसरो का इस साल का यह पहला मिशन था। इस मिशन की खास बात यह थी कि उपग्रहों के साथ मोदी की तस्वीर भी अंतरिक्ष में गई है।
करीब 26 घंटे की उल्टी गिनती पूरी होने के बाद पीएसएलवी-सी51 ने चेन्नई से करीब 100 किलोमीटर दूर स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के प्रथम लॉन्च पैड से सुबह करीब 10 बजकर 24 मिनट पर उड़ान भरी। प्रक्षेपण के करीब 18 मिनट बाद प्राथमिक उपग्रह अमेजोनिया-1 के कक्षा में स्थापित किए जाने की संभावना है, जबकि अन्य 18 उपग्रह अगले दो घंटों में कक्षाओं में भेजे जाएंगे।
इन उपग्रहों में चेन्नई की स्पेस किड्ज़ इंडिया (एसकेआई) का उपग्रह भी शामिल है। इस अंतरिक्ष यान के शीर्ष पैनल पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर उकेरी गई है। इसे लेकर एसकेआई ने कहा कि यह प्रधानमंत्री की आत्मानिर्भर पहल और अंतरिक्ष निजीकरण के लिए एकजुटता और आभार व्यक्त करने के लिए है। इतना ही नहीं, इन उपग्रहों के जरिए अंतरिक्ष में एसकेआई एसडी (सुरक्षित डिजिटल) कार्ड में भगवद गीता भी भेज रहा है
लॉन्चिंग के बाद इसरो प्रमुख के सिवन ने मिशन को सफल बताया। उन्होंने कहा, ‘मुझे यह घोषणा करते हुए बेहद खुशी हो रही है कि PSLV C51 ने अमेजन -1 को आज अपनी सटीक कक्षा में सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया गया। इस मिशन में ब्राजील द्वारा डिजाइन और संचालित पहला उपग्रह लॉन्च करने पर भारत और इसरो को गर्व, सम्मानित और खुशी महसूस हो रही है। इस उपलब्धि के लिए मेरी हार्दिक बधाई।’
दरअसल, 637 किलोग्राम वजनी अमेजोनिया-1 ब्राजील का पहला उपग्रह है जिसे भारत से प्रक्षेपित किया गया । यह राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (आईएनपीआई) का ऑप्टिकल पृथ्वी अवलोकन उपग्रह है। अमेजोनिया-1 के बारे में इसरो ने बताया था कि यह उपग्रह अमेजन क्षेत्र में वनों की कटाई की निगरानी और ब्राजील के क्षेत्र में विविध कृषि के विश्लेषण के लिए उपयोगकर्ताओं को दूरस्थ संवेदी आंकड़े मुहैया कराएगा तथा मौजूदा ढांचे को और मजबूत बनाएगा। प्रक्षेपण का सीधा प्रसारण इसरो की वेबसाइट, यूट्यूब, फेसबुक और ट्विटर चैनलों पर देखा जा सकेगा।
Input: Live Hindustan
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