मुजफ्फरपुर में बाइक चाे’री की वा’रदात सभी क्रा’इम पर भारी है। बाइक चाे’री की वा’रदात के बाद पुलिस इसे ब’रामद कर पाने में विफल साबित हो रही है। बाइक चाे’री के प्रत्येक के’स की के’स डायरी भी समान है। यानी पुलिस इस अप’राध पर लगा’म लगा पाने में केवल वि’फल ही नहीं है बल्कि यह मान ली है कि यह ताे हाेगा ही। IO केस डायरी में लिखते हैं गुप्तचर बहाल किया लेकिन चाे’री हुई बाइक का सु’राग नहीं लगा। इसलिए यह कां’ड सत्य सूत्रहीन है। इस तरह पुलिस द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे दाे शब्द सत्य सूत्रहीन के बाद इंश्याेरेंस कंपनी काे क्लेम देना पड़ रहा है। पुलिस रिकाॅर्ड के मुताबिक जिले में बीते साल 1603 बाइक चाे’री की वा’रदात दर्ज की गई है।

मुजफ्फरपुर में वाहनाें का बीमा करने वाली चार राष्ट्रीय कंपनियाें के अलावा 20 निजी कंपनियां हैं। बीते वर्ष 2019 में इन बीमा कंपनियाें में 1200 बाइक चाेरी का क्लेम ऑनर की ओर  से किया गया है। सबसे अधिक नेशनल इंश्याेरेंस कंपनी में 485 बाइक चाेरी व छिनतई के क्लेम आए हैं। प्रति बाइक इंश्याेरेंस क्लेम के रूप में औसतन 50 हजार रुपए भुगतान हाेता है। इस तरह हर साल इंश्याेरेंस कंपनियां 6 कराेड़ रुपए बाइक चाेरी के लिए भुगतान कर रही हैं।

चाेरी राेकने को शहर के प्रत्येक थाने में इस माह से बाइक से विशेष गश्ती

बाइक चाेरी बड़ी समस्या है। विधिवत पार्किंग में गाड़ी लगाने के बजाय सड़क और ऑफिस  के सामने गाड़ियां खड़ी करने पर चाेरी की शिकायत अधिक आती  हैं। इसके लिए सबको सतर्कता बरतने की जरूरत है। इसके बावजूद बाइक चाेरी काे राेकने के लिए शहरी क्षेत्र के प्रत्येक थाने में इस माह से बाइक गश्ती दल की ड्यूटी लगाई गई है। गश्ती दल को विशेष टास्क साैंपा गया है। -गणेश कुमार, IG

धराए चाेरों ने बताया- चाेरी के बाद अधिकतर बाइक की नेपाल में कर दी जाती है सप्लाई

मोटरसाइकिल चाेरी के आरोप  में कांटी में पकड़े गए चाेराें ने स्वीकार किया था कि बाइक चाेरी किए जाने के बाद उसे सीतामढ़ी के रास्ते नेपाल पहुंचाया जाता है। वहां पर चाेरी की मोटरसाइकिल की कीमत 25 हजार रुपए तक मिल जाती है। इसके अलावा पुलिस को सुराग नहीं मिल सके इसलिए काफी संख्या में बाइक के पार्ट्स अलग-अलग कर कबाड़ी दुकानाें में बेच दिए जाते हैं।

अहियापुर व कांटी इलाके में चोरी की बाइक के पार्ट्स को कर दिया जाता है अलग

बीते साल पुलिस टीम ने अहियापुर के शेखपुर और  कांटी में बाइक चाेरी के बड़े रैकेट काे पकड़ा। पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, अहियापुर के शेखपुर ढाब में बनी झाेपड़ियाें में शहर से चाेरी हुई बाइक पहुंचाई जाती हैं। जहां गिराेह के सदस्य बाइक की कटिंग कर पार्ट्स अलग-अलग कर देते हैं।

सर्वाधिक बाइक की चोरी SDO  कार्यालय के समीप

नगर थाने में दर्ज कराए गए केस रिकाॅर्ड के मुताबिक SDO  ऑफिस , कचहरी, रजिस्ट्री ऑफिस  और DTO ऑफिस से गाड़ियां ज्यादा चाेरी हाे रही हैं। बीते साल इस इलाके में चोरी हुई 183 बाइक में 120 मोटरसाइकिल सिर्फ SDO ऑफिस के पास से चाेराें ने उठाई।

इनपुट : दैनिक भास्कर 

 

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