पूरे देश में कोरोना वायरस का डर फैला है। लोग लॉकडाउन में अपने घरों से निकलने से कतरा रहे हैं। खौफ इतना है कि किसी की मौत पर कंधा देने के लिए चार लोग भी नहीं मिल रहे हैं। ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में देखने को मिला। हालांकि इसी दौरान हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल भी देखने को मिली।
In Bulandshahr, a man named Ravishankar died. Because of the #COVID fear, none of his relatives came to lift the bier. His Muslim neighbours came,lifted the bier & also chanted "Ram Naam Satya hai" in the funeral procession. pic.twitter.com/g4TLPsxdpH
— Zainab Sikander (@zainabsikander) March 29, 2020
यहां पर हिंदू की मौत के बाद उसके बेटे के साथ अर्थी को कंधा देने वाला भी कोई नहीं था। कुछ मुसलमान आगे आए और उन्होंने न सिर्फ अर्थी को कंधा दिया बल्कि श्मशान में दाह संस्कार भी करवाया।
नहीं पहुंचा कोई रिश्तेदार
बुलंदशहर के आनंद विहार में रविशंकर का घर है। रविशंकर का परिवार बेहद गरीब है। उनका घर जिस इलाके में है वह मुस्लिम आबादी वाला है। शनिवार को उनकी मौत हो गई। रविशंकर के बेटे ने रिश्तेदारों, दोस्तों और आस-पड़ोस में पिता की मौत का संदेश भेजा लेकिन कोई नहीं पहुंचा। रवि शंकर की मौत से दुखी परिवार की परेशानी और बढ़ गई। अर्थी को कंधा देने के लिए और श्मशान तक शव को पहुंचाने के लिए कोई नहीं था।
थोड़ी देर के बाद रविशंकर के घर में मोहल्ले के कुछ मुस्लिम लोग पहुंचे और उन्होंने परिवारवालों को दिलासा दी। मुसलमानों ने अर्थी तैयार करवाई, कंधे पर लादकर काली नदी स्थित शमशान घाट तक पहुंचे। इस दौरान रास्ते में राम नाम सत्य भी बोला गया।
दाह संस्कार में भी हुए शामिल
मुसलमानों ने श्मशान में दाह संस्कार की तैयारी करवाई। रवि शंकर के बेटे ने मुखाग्नि दी। इस दौरान भी वे साथ में रहे। श्मशान में सारी क्रियाएं पूरी करवाने के बाद वे रविशंकर के बेटे के साथ वापस घर आए। उन्होंने दुखी परिवार की हर तरह से मदद का आश्वासन भी दिया।
Input : NBT Hindi