वैश्विक महामारी बन चुके कोरोना के खतरे के बीच देश के दूसरे राज्यों से लौटे 1460 लोग कोरोना की जांच कराने एसकेएमसीएच पहुंचे। इससे सोमवार को कोरोना आइसोलेशन वार्ड में अफरातफारी मच गयी। वार्ड के बाहर तैनात गार्ड व कर्मी भीड़ देखकर डर से फरार हो गए। स्थिति संभालने के लिए पुलिस बल को तैनात किया गया। दो जगह स्क्रीनिंग करनी पड़ी। जांच कराने पहुंचे अधिकतर लोगों में सर्दी-खांसी व बुखार की शिकायत थी। इनमें अधिकतर प्रवासी मजदूर थे। इनकी स्क्रीनिंग के लिए एक दर्जन से अधिक डॉक्टर लगाए गए थे। टीम में कई नर्स व स्वास्थ्यकर्मी भी शामिल थे।
मेडिकल टीम ने रात साढ़े सात बजे तक स्क्रीनिंग की। मुजफ्फरपुर के अलावा उत्तर बिहार के सीतामढ़ी, शिवहर, पूर्वी चंपारण और खगड़िया के लोग जांच कराने पहुंचे थे। भीड़ के कारण सोशल डिस्टेंसिंग की अनदेखी की गई। एक साथ काफी संख्या में लोग लाइन में सटकर खड़े थे। इसपर पुलिस को कड़ा रुख अख्तियार करना पड़ा। थर्मल स्कैनर की कमी के कारण भी परेशानी हुई। बाद में एक मेडिकल टीम सदर अस्पताल से दो थर्मल स्कैनर लेकर पहुंची और एमसीएच भवन में दूसरी स्क्रीनिंग हुई। इससे राहत हुई। इसमें सदर अस्पताल की मेडिकल टीम के साथ एसकेएमसीएच के मेडिसिन के वरीय डॉक्टर भी शामिल थे। इसकी मॉनिटरिंग खुद एसकेएमसीएच अधीक्षक डॉ. एसके शाही ने की।
पंजाब, यूपी, दिल्ली व कोलकाता से लौटे अधीक्षक डॉ. एसके शाही ने बताया कि इतने अधिक लोग अचानक आएंगे, इसकी उम्मीद नहीं थी। अधिकतर लोग पंजाब, उत्तर प्रदेश, दिल्ली व कोलकाता से लौटे हैं। इधर, सदर अस्पताल में भी 110 की स्क्रीनिंग हुई। हालांकि, एसकेएमसीएच में दोनों थर्मल स्कैनर भेजने से कुछ देर तक स्क्रीनिंग बंद हुई। सिविल सर्जन डॉ. एसपी सिंह ने बताया कि बैरिया में दूसरे राज्यों से काफी संख्या में लोग आ गए। इसका सीधा दबाव एसकेएमसीएच पर पड़ गया। रिजर्व मेडिकल टीम भेजनी पड़ी।
पैथोलॉजी जांच की सुविधा भी आज से मिलेगी एसकेएमसीएच में दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों की स्क्रीनिंग के साथ पैथोलॉजी जांच की सुविधा बहाल होगी। मेडिसिन विभाग के डॉक्टरों की राय पर प्राचार्य डॉ. विकास कुमार ने पैथोलॉजी विभाग के कर्मियों को तैनात कर दिया है। इसमें नॉर्मल जांच जिनके लिए आवश्यक होगी, करायी जाएगी। वायरल बुखार, सर्दी-खांसी में कई रूटीन की जांच की जरूरत हो रही थी। इसको देखते हुए यह व्यवस्था की गयी है।