कोरोना वायरस (COVID-19) से बचने के लिए शहरों के बंद होने के बाद इंटरनेट डाटा का खपत बढ़ गई है।
शहर बंद होने के कारण लोग घरों में रह रहे हैं और मनोरंजन और काम के लिए इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहे हैं।
इस कारण इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर (ISP) कंपनियों के नेटवर्क पर दबाव बढ़ना शुरू हो गया है। पिछले दो सप्ताह से नेटवर्क पर 40 प्रतिशत ट्रैफिक बढ़ा है और इसमें लगातार इजाफा जारी है।
टेलीकॉम कंपनियों ने वीडियो स्ट्रीमिंग कंपनियों को लिखा पत्र
नेटवर्क पर बढ़ते इस दबाव के बीच टेलीकॉम कंपनियों ने अमेजन प्राइम, नेटफ्लिक्स और हॉटस्टार जैसे वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म के पास पहुंचकर करने उनसे अपनी सर्विस रेशनल करने की मांग की है।
सेल्युलर ऑपरेटर एसोसिएशन ऑफ इंडिया (COAI) ने वीडियो प्लेटफॉर्म्स को लिखे पत्र में कहा है कि बढ़ती मांग का असर नेटवर्क इंफ्रास्ट्रक्चर पर पड़ रहा है और टेलीकॉम कंपनियों इसे सही तरीके से चलाने के लिए पर्याप्त कदम उठा रही हैं।
COAI ने की स्ट्रीमिंग क्वालिटी कम करने की मांग
COAI ने अपने पत्र में लिखा, ‘हम समझते हैं कि मौजूदा हालात में स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म कई कदम उठा सकते हैं। वो अपने ग्राहकों को जरूरत के हिसाब से सर्विस दे सकते हैं। ऐसा एक कदम यह होगा कि ऐसे प्लेटफॉर्म कुछ दिनों के लिए ग्राहकों को हाई डेफिनेशन (HD) स्ट्रीमिंग सर्विस देने की जगह स्टैंडर्ड डेफिनेशन (SD) सर्विस देना शुरू कर दें।’
बता दें कि कई प्लेटफॉर्म अलग-अलग पैकेज के आधार पर ग्राहकों को SD और HD सर्विस देते हैं। वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म के अलावा कंपनियों द्वारा अपने कर्मचारियों से घर से काम कराने के कारण भी नेटवर्क पर अतिरिक्त भार पड़ रहा है। इसका सीधा असर आंकड़ों में भी दिख रहा है।
18 मार्च को भारत के सबसे बड़े एक्सचेंज में से एक मुंबई इंटरनेट एक्सचेंज पर हर सेकंड 2.45 टेराबाइट का ट्रैफिक था।
यह पिछले साल की तुलना में तीन गुना अधिक था। बीते साल 26 मार्च को इस एक्सचेंज पर हर सेकंड 772.50 गीगाबाइट का ट्रैफिक था।