ताजा हालात को देखें तो भारत में अब तक 5,700 से अधिक COVID-19 से संक्रमित मामले सामने आए हैं, जिनमें से 160 से अधिक कोरोना मरीजों की जान जा चुकी है। पूरी दुनिया पर नजर डालें तो आंकड़े और भी भयानक है। पूरी दुनिया में अब तक 12 लाख से अधिक संक्रमित मामले सामने आए हैं जिनमें से 73 हजार से अधिक लोगों की जान जा चुकी है।

ICMR के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ आर. आर. गंगखेडकर बताते हैं कि सोमवार 6 अप्रैल 2020 रात 9:00 बजे तक कुल 1,01,068 सैंपल की जांच की जा चुकी है। The Indian Express में छपी आर्टिकल की माने तो भारत वर्तमान में हर रोज 25,000 जांच करने में सक्षम है। साथ ही 5 लाख टेस्ट किट और मंगवाने की आर्डर भी दी जा चुकी है।

The Indian Express में छपी एक दूसरे लेख की बात करें तो देश भर में 100 से अधिक चिकित्साकर्मी COVID-19 से संक्रमित पाए गए हैं। जिनमें दिल्ली में 34 चिकित्साकर्मी COVID-19 से संक्रमित पाए गए हैं इनमें 11 डॉक्टर 20 नर्स और 3 पैरामेडिकल स्टाफ शामिल है, मध्यप्रदेश में कुल 7 चिकित्सा कर्मी संक्रमित पाए गए हैं जिनमें 4 डॉक्टर और 3 पारा मेडिकल स्टाफ है। महाराष्ट्र में कुल 60 चिकित्सा कर्मी संक्रमित पाए गए हैं जिनमें 10 डॉक्टर 40 नर्स और 15 पैरामेडिकल स्टाफ है। कर्नाटक में भी एक डॉक्टर कोरोना से संक्रमित पाए गए हैं वहीं केरल में दो चिकित्साकर्मी कोरोना से संक्रमित पाए गए जिनमें 01 नर्स और 01 पैरामेडिकल स्टाफ है। उत्तर प्रदेश की बात करें तो उत्तर प्रदेश में 01 डॉक्टर संक्रमित पाए गए हैं वहीं चंडीगढ़ में तीन चिकित्सा कर्मी जिनमें 02 डॉक्टर और एक नर्स में कोरोना का संक्रमण पाया गया है। हरियाणा में कुल 10 चिकित्साकर्मी संक्रमित पाए गए हैं जिनमें 01 नर्स और 09 पैरामेडिकल स्टाफ है वहीं जम्मू-कश्मीर में 01 डॉक्टर में कोरोना के संक्रमण पाए गए हैं। तमिलनाडु और तेलंगाना में 01-01 चिकित्सक कोरोना से संक्रमित पाए गए हैं वहीं गुजरात में 01 पैरामेडिकल स्टाफ में कोरोना के संक्रमण की पुष्टि हुई है।

स्वास्थ्य विभाग ने दावा किया है की वर्तमान में कुल 3,87,473 PPE कीट यानी पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट उपलब्ध है और भारत 1,70,000 पीपी किट चीन से भी प्राप्त किया है। सरकार जून माह तक 1,50,00,000 PPE किट बनाने पर जोर दे रही है। इसके अलावा करीब 5,00,000 N-95 मास्क विभिन्न अस्पतालों में भेजे जा चुके हैं। वर्तमान में 16 लाख N-95 उपलब्ध है। साथ ही आशंका जताई जा रही है कि जून तक 27 मिलियन यानी 2 करोड़ 70 लाख और N-95 मास्क की आवश्यकता पड़ सकती है।

द इंडियन एक्सप्रेस के एक अन्य लेख की बात करें तो उसमें दिए गए आंकड़े वास्तव में चकित कर सकते हैं। भारत में कुल संक्रमित मरीजों में पुरुषों की संख्या काफी अधिक है जो लगभग 76% यानी कुल संक्रमित मरीजों में 76% मरीज पुरुष हैं।

COVID-19 से जान गवा चुके कुल मरीजों में 63% मरीज ऐसे थे जिनकी उम्र 60 वर्ष से अधिक थी। भारत में 30% ऐसे मरीजों की मौत हुई है जिनकी उम्र 40 से 60 वर्ष के बीच थी और सिर्फ 7% लोग 40 वर्ष से कम आयु के थें।

मृतकों में 86% ऐसे मरीज थे जिन्हें पहले से कोई बीमारी थी जैसे मधुमेह, हृदय रोग, हाइपरटेंशन आदि। एक और आकड़ा यह है कि भारत में कुल कोरोना संक्रमित मरीजों में लगभग 35% मरीज तबलीगी जमात से ताल्लुक रखते हैं और 25500 लोगों को क्वॉरेंटाइन किया जा चुका है।

ICMR द्वारा जारी शोध के आधार पर जानकारी देते हुए यूनियन मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर के ज्वाइंट सेक्रेटरी ने बताया कि एक कोरोना संक्रमित व्यक्ति 30 दिनों में 406 लोगों को संक्रमित कर सकता है यदि हम सोशल डिस्टेंसिंग का पालन ना करे तो। सभी सोशल डिस्टेंसिंग का अच्छी तरह पालन करें तो यह आंकड़ा 406 से घटकर 2.5 हो जाएगा। यानी अगर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाए तो एक कोरोना संक्रमित व्यक्ति 30 दिनों में सिर्फ 2.5 लोगों को ही संक्रमित कर पाएगा।

भारत में वर्तमान में R0 (यानी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्तियों में फैलने का दर) 1.5 से 4.5 तक है। ICMR ने सुझाव दिया है कि R0 (आर नॉट) 2.5 से कम होना चाहिए। लंदन के हावर्ड यूनिवर्सिटी में जारी शोध की मानें तो अधिक वायु प्रदूषित इलाकों में रहने वालों में वायु प्रदूषित इलाकों में रहने वालों की तुलना में संक्रमण का खतरा अधिक रहता है।

भारत में COVID-19 का प्रकोप महाराष्ट्र में सर्वाधिक है। बृहन्मुंबई महानगरपालिका यानी बीएमसी ने एक बड़े खतरे की तरफ ईशारा किया है। बीएमसी की माने तो महाराष्ट्र में कम्युनिटी ट्रांसफर होनी शुरू हो गई है अर्थात अगर हालात नहीं सुधरे तो भारत स्टेज 3 में जाने के बिल्कुल करीब है। मुंबई में 525 से अधिक संक्रमण के मामले सामने आ चुके हैं और 34 लोगों की जान जा चुकी है। चौकाने वाली बात यह है कि इन 34 में से 11 लोग थें जो न तो विदेश यात्रा से लौटे थे और ना हीं हाल के दिनों में ऐसे किसी व्यक्ति के सीधे संपर्क में थें।

महाराष्ट्र के कुछ और आंकड़े चौंकाने वाले हैं। अगर पूरे भारत की बात करें तो भारत में कोरोना से मृत्यु दर 2.66% है जबकि अगर इसकी तुलना महाराष्ट्र से करें तो महाराष्ट्र में कोरोना से मृत्यु दर 5.98% है। वही पूरी दुनिया की बात करें तो पूरी दुनिया में कोरोना से मृत्यु दर 5.58% है जो कि महाराष्ट्र से कम है।

विशेषज्ञ सोशल डिस्टेंसिंग और लॉक डाउन को ही कोरोनावायरस के खिलाफ सबसे प्रभावी वैक्सीन मान रहे हैं आप भी इसका पालन करें और कोरोना के खिलाफ इस जंग में पूर्णा को हराएं।

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