लोकआस्था का महापर्व छठ व्रत 31 अक्टूबर को नहाय खाय के साथ शुरू होगा। एक नवंबर को खरना, दो को अस्ताचलगामी सूर्य को संध्या व तीन को उदयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ व्रत संपन्न होगा। इसको लेकर बाजारों में जगह-जगह अस्थायी डाला, दउरा, सूप व डगरा की दुकानें सज गयी हैं। बांस के साथ पीतल के बने डाला व सूप को लेना भी लोग पसंद कर रहे हैं।
हालांकि, पिछले साल के मुकाबले डाला-सूप पर महंगाई का रंग चढ़ गया है। बावजूद आस्था के आगे लोग महंगाई की परवाह नहीं कर रहे हैं। बैरिया की विक्रेता कांती देवी व ब्रह्मपुरा की सुनीता देवी ने बताया कि बांस के दाम में बढ़ोतरी होने से बांस से बने सामान के दाम में भी 10 से 20 रुपये बढ़ गए हैं। लोगों के आर्डर पर गांवों से डाला व सूप बनवाकर मंगवाया जा रहा है।
कई लोग इसे धनतेरस से पहले ही खरीद लेना चाह रहे हैं तो कई उसी दिन लेने का ऑर्डर दे रहे हैं। सरैयागंज के बर्तन दुकानदार रमेश ने बताया कि पीतल का दउरा 520- 550 और सूप की कीमत 450 रुपये तक है।
सामान पिछले साल इस साल
दउरा – 120-140 रु 150-170 रु
सूप – 50-70 रु 60-75 रु
डगरा – 60-80 रु 70-85 रु
डलिया – 50-70 रु 55-75 रु
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