सिमडेगा में सब्जी और बुटझनगरी बेचकर गुजर बसर करने वाली 12 साल की पालिनी कुमार शुक्रवार दिन भर ट्विटर पर ट्रेंड करती रही. जानकारी के अनुसार, पालनी पढ़-लिख कर नर्स बनकर लोगों की सेवा करना चाहती है. लेकिन आर्थिक तंगी के कारण इसके सपने दम तोड़ रहे हैं. यह कहानी सामने आते ही एक साथ मदद को कई हाथ बढ़े.

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हेमंत सोरेन-गौतम अडानी ने बढ़ाया मदद का हाथ

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से लेकर देश के दूसरे बड़े कॉरपोरेट घराने अडानी ग्रुप के प्रमुख गौतम अडानी ने के अलावा रुंगटा ग्रुप और अन्य संस्थान ने मदद के लिए हाथ बढ़ाया है, यानी झारखंड की बेटी अब अपने सपनों को उड़ान दे पाएगी. अदानी ग्रुप में पालिनी कुमारी को प्रतिमाह ₹25 हजार देने की बातें कही है.

पिता के निधन के बाद से संघर्ष कर रही पालिनी

वहीं, जिले के उपायुक्त सुशांत गौरव ने अधिकारियों की टीम भेजकर पालिनी के पूरे परिवार की स्थिति का जायजा लेते हुए हर स्तर पर मदद करने का आदेश दिया है. पालिनी कुमारी को लेकर हेमंत सोरेन से लेकर अडानी तक ने मदद के लिए हाथ बढ़ाए हैं. 12 साल की पालिनी कुमारी लाइन कॉन्वेंट शामटोली में 7वीं क्लास में पढ़ती हैं. ढाई साल की उम्र में उसके पिता का निधन हो गया. उसके बाद मां और पालिनी स्वयं जीवन के लिए संघर्ष कर रही हैं.

पालिनी की मां को मिलता है विधवा पेंशन

दोनों कभी सब्जी तो कभी बूटझंगरी बेच कर अपना पेट भर रही हैं. खेलने कूदने की उम्र में पालिनी कुमारी हाड़-तोड़ मेहनत कर रही हैं. सुबह स्कूल जाने से पहले वह सब्जी बेचती थी और स्कूल से आने के बाद भी सब्जी बेचती थी. वर्तमान समय में पालिनी और उसकी मां नगर भवन के सामने मुख्य पथ पर बैठकर बूटझंगरी बेच रही हैं. सरकारी सुविधा के नाम पर पालिनी की मां को विधवा पेंशन मिलता है. लेकिन ना तो उसके पास लाल कार्ड है और ना ही प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ.

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