एके-47 का इस्तेमाल सेना या पुलिस बल करते हैं। लेकिन पिछले कुछ सालों के दौरान इसका उपयोग बिहार के अपराधी खुलेआम करने लगे हैं। इससे हत्याएं आम होती जा रही हैं। केवल उत्तर बिहार की बात करें तो यहां पिछले चार साल में एके-47 से 14 लोगों की हत्याएं की गईं है।
उत्तर बिहार में चार साल में एके 47 से हुई 14 हत्या
उत्तर बिहार में अपराधी अब बड़ी घटनाओं को अंजाम देने में एके-47 का उपयोग कर रहे हैं। चार साल के आंकड़ों को देखें तो 14 लोगों की हत्या में इस हथियार का उपयोग किया गया है। केवल दो एके-47 की बरामदगी हुई है। अधिकतर मामलों का पुलिस पर्दाफाश नहीं कर सकी है। बड़ा सवाल यह है कि यह हथियार आसानी से कैसे उपलब्ध हो रहा है?
मुजफ्फरपुर में एके-47 से चार की हत्या
2015 से अब तक एके-47 से चार लोगों की हत्या मुजफ्फरपुर में हो चुकी है। वर्ष 2015 में मिठनपुरा थाना क्षेत्र के तीनकोठिया इलाके में एके-47 से मोतिहारी के ठेकेदार रामप्रवेश सिंह की हत्या कर दी गई थी। इसमें कई बदमाशों की गिरफ्तारी हुई थी।
मोतिहारी में नौ लोगों की हत्या
जून 2015 में मोतिहारी के श्रीकृष्णनगर में नीलाभ शक्ति उर्फ मंटू शर्मा समेत दो की एके-47 से हत्या कर दी गई। 26 अगस्त 2016 को पकड़ीदयाल के सिरहा में तीन लोगों की हत्या एके-47 हुई। जनवरी 2017 में पकड़ीदयाल के शेखपुरवा रोड में तीन लोगों की हत्या एके-47 से हुई।
17 जुलाई 2017 को छतौनी में किराना व्यवसायी इंद्रजीत जायसवाल की हत्या एके-47 से की गई। इंद्रजीत की हत्या में पुलिस ने शातिर दीपक पासवान को 18 अगस्त 2017 को एके-47 के साथ गिरफ्तार किया था। उसने बताया था कि उक्त हथियार बेतिया कोर्ट में मारे गए शातिर बबलू दुबे का था, जो उसकी हत्या के बाद उसके पास था।
बगहा में नक्सलियों ने पूर्व मुखिया की हत्या की थी
बीते 13 अगस्त को बगहा दो प्रखंड की चंपापुर गोनौली पंचायत के पूर्व मुखिया मनोज सिंह की हत्या में नक्सलियों ने एके-47 का प्रयोग किया। पुलिस इस मामले में अब तक कोई कार्रवाई नहीं कर सकी है।
रक्सौल में स्कूल में की थी अंधाधुंध फायरिंगर
क्सौल शहर के मुख्य पथ स्थित कैंब्रिज पब्लिक स्कूल में तीन जुलाई 2017 को एके-47 से अपराधियों ने अंधाधुंध फायरिंग की थी। इसमें स्कूल के कर्मचारी घायल हो गए थे। हालांकि, बच्चे बाल-बाल बच गए थे। इसमें बबलू दुबे गिरोह का नाम आया था।
समस्तीपुर में हथियार के साथ पांच की हुई थी गिरफ्तारी
25 हजार के इनामी अपराधी डब्लू झा के पांच शागिर्दों को पुलिस ने तीन नवंबर 2017 को हलई ओपी के मोरवा राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय के समीप से गिरफ्तार किया था। इनके पास से लोडेड एके-47 सहित अन्य हथियार बरामद हुए थे।
जबलपुर से मुंगेर लाए गए 80 एके 47, तस्करों के नक्सलियों से भी जुड़े तार
अवैध हथियारों की काली मंडी के रूप में देश भर में विख्यात मुंगेर में देसी कट्टे से शुरू हुआ अवैध हथियार का कारोबार अब दुनिया के सबसे खतरनाक माने जाने वाले एके-47 जैसे आधुनिक हथियार तक पहुंच गया है। मध्य प्रदेश जबलपुर से 2012 से अबतक तस्करी कर 80 से अधिक एके-47 मुंगेर पहुंचाए गए हैं। अब तक पुलिस ने आठ एके-47 हथियार को बरामद किया है।
इस मामले में एक दर्जन से ज्यादा लोग गिरफ्तार किए गए हैं। जबकि, मामले में 24 लोगों पर नामजद प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस अधिकारी भी इस मामले को स्वीकार करते हैं कि हथियार तस्करों ने अपराधियों के अलावा नक्सली संगठन को भी हथियार बेचा है।
इस मामले में पुलिस शमशेर के भाई नियाजुल रहमान को भी गिरफ्तार किया है। पुलिस रिमांड पार लेने के बाद शमशेर ने बताया कि अब तक कई एके-47 राइफलन क्सली संगठन को बेचे गए हैं।
आतंकी से पूर्व में जुड़ चुके हैं तार
एक जुलाई 2016 को रात नौ बजे बांग्लादेश की राजधानी ढाका के गुलशन कॉफी हउस पर जमात उल मुजाहिदीन के सात आतंकी ने हमला कर 20 विदेशियों को मौत के घाट उतर दिया था। छह आतंकी सहित दो पुलिसकर्मी भी मारे गए थे।
जांच के बाद इस हमले में प्रयुक्त हथियार मुंगेर के रास्ते ही लाया गया था। यह बात जांच एजेंसियां भी स्वीकार कर चुकी हैं। तस्करों के नक्सली कनेक्शन की बात सामने आने से जांच का दायरा भी बढ़ा दिया गया है। इस मामले में एनआइए की टीम भी लगातार नजर रखी है। 2012 के बाद हुए सभी आतंकी मामले को रडार पर लेकर सुरक्षा एजेंसियां जांच में जुट गई है।
एक AK-47 की कीमत कम से कम पांच लाख रुपए
पुलिस को अब तक की छापेमारी में जो भी AK-47 बरामद हुए हैं, वे सारे एंड्र्यू क्लाश्निकोव सीरीज के हैं। जांच में हुई पूछताछ के दौरान जमालपुर से गिरफ्तार इमरान ने पुलिस को बताया कि एक AK-47 की कीमत कम से कम पांच लाख रुपए हैं। कभी-कभी कीमत सात से आठ लाख भी लग जाती है। ये खरीदारों पर निर्भर करता है।
कैसे पहुंचता था हथियार
मध्यप्रदेश के जबलपुर स्टेशन में काफी चेकिंग के कारण पुरुषोत्तम का लड़का शिवेंद्र बैग में एके 47 लेकर कटनी स्टेशन आता था। वहां से पुरषोत्तम और उसकी पत्नी चंद्रवती अपने बेटे से बैग लेकर ट्रेन से जमालपुर आकर स्टेशन पर तस्कर को थमा कर वापस हो जाता था।
30 अगस्त देर शाम इमरान एवं शमशेर को अलग अलग बैग में तीन-तीन एके 47 रायफल पहुंचाया गया। इमरान हथियरों के साथ स्टेशन के बाहर ही हथियार समेत गिरफ्तार हो गया। मुफस्सिल थाना के बरदह गांव से शमशेर को अपनी बहन के साथ तीन एके-47 के साथ गिरफ्तार कर लिया गया।
फिर कुछ ही दिनों बाद दो और एके-47 जमीन के अंदर से बरामद कर लिया गया। अब तक मुंगेर एवं मध्य प्रदेश पुलिस के द्वारा सेना के जवान नियाजुल रहमान उर्फ गुल्लो, मो. शमशेर आलम,इमरान,जबलपुर ऑर्डिनेंस डिपो में अवकाश प्राप्त सीनियर स्टोर कीपर पुरषोत्तम लाल, स्टोर कीपर सुरेश ठाकुर सहित अन्य को गिरफ्तार किया गया है।
आसान है एके-47 चलाना
पुलिस के एक अधिकारी मे नाम नहीं प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि 2.5 लाख में देसी एके-47 उपलब्ध हो हो जाता है। कहा जाता है कि एके-47 को चलाना बेहद आसान है और इसके लिए किसी तरह की ट्रेनिंग की जरुरत नहीं होती। कट्टा और बंदूक को चलाने के लिए जहां प्रशिक्षण की जरूरत होती है, वहीं, एके-47 को हर वह शख्स चला सकता है जो इसे उठा सकता है।
अपराधियों का हैे स्टेटस सिंबल
पुलिस के अधिकारी बताते हैं कि एके-47 अपने आप में दहशत का पर्याय है। अपराधी इसे ‘स्टेटस सिंबल’ के रूप में लेते हैं, जिस अपराधी गिरोह के पास एके-47 होता है उसका रुतबा बढ़ जाता है। कहा तो यहां तक जा रहा है कि बिहार में एके-47 अब किराये पर भी उपलब्ध होती है।
Input : Dainik jagran