तालिबान द्वारा अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद मुल्ला अब्दुल गनी बरादर को देश का नया राष्ट्रपति घोषित किए जाने की संभावना है. तालिबान देश को फिर से ‘इस्लामिक अमीरात ऑफ अफगानिस्तान’ का नाम दे सकता है. रविवार सुबह काबुल पर तालिबान लड़ाकों की दस्तक के बाद राष्ट्रपति अशरफ गनी ने देश छोड़ दिया. इसके अलावा उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने भी अफगानिस्तान को छोड़ दिया है. वहीं देशवासी और विदेशी भी युद्धग्रस्त देश से निकलने की कोशिश कर रहे हैं.
#BREAKING China says willing to develop 'friendly relations' with Afghanistan's Taliban pic.twitter.com/Xe68h9K9nn
— AFP News Agency (@AFP) August 16, 2021
अफगान सेना के साथ बीते कुछ महीनों के संघर्ष के बाद तालिबान ने आश्चर्यजनक रूप से एक सप्ताह में लगभग पूरे अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) एस्टोनिया और नॉर्वे के अनुरोध पर अफगानिस्तान की स्थिति पर सोमवार को आपात बैठक करेगी.
तालिबान के साथ ‘दोस्ताना संबंध’ बनाने को इच्छुक- चीन
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, चीन ने कहा है कि वह अफगानिस्तान में तालिबान के साथ “दोस्ताना संबंध” बनाने को लेकर इच्छुक है. वहीं पाकिस्तान ने भी कहा है कि वह समय आने पर तालिबान सरकार को अंतरराष्ट्रीय सहमति, जमीनी हकीकत और अपने देश के राष्ट्रीय हितों के अनुरूप मान्यता देगा. पाकिस्तान ने काबुल में अपने दूतावास को बंद नहीं करने का फैसला लिया है.