BIHAR
तेजस्वी यादव के लिए ‘छि: छि:’ कह CM नीतीश के साथ आए उपेंद्र कुशवाहा, कही बड़ी बात

7वीं बिहार विधानसभा (Bihar Legislative Assembly) में पहले सत्र के अंतिम दिन नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejaswi Yadav) की सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) व एनडीए के विधायकों पर की गई अमर्यादित टिप्पणियों के बाद से ही बिहार का राजनीतिक माहौल गरमाया हुआ है. तेजस्वी यादव ने कहा था कि 1991 में सीएम नीतीश पर हत्या का मुकदमा चला जिसे बिना किसी पूछताछ के रफा-दफा कर दिया गया. कंटेंट चोरी के मामले में मुख्यमंत्री रहते थे 25000 का जुर्माना भरना पड़ा. तेजस्वी सृजन घोटाले की भी चर्चा की और एनडीए के विधायकों की ओर इशारा करते हुए कहा था कि यह डरे हुए चोर और बेईमान लोग हैं. उस समय सदन में सीएम नीतीश कुमार भी मौजूद थे. तेजस्वी ने सीएम नीतीश की संतान को लेकर भी टिप्पणी की और कहा कि उन्होंने दूसरा बच्चा इसलिए पैदा नहीं किया क्योंकि उन्हें बेटी होने का डर था.
तेजस्वी की एक के बाद एक निजी टिप्पणियों से आहत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी आक्रोशित हो उठे और पहली बार सदन में उन्हें काफी तल्ख अंदाज में देखा गया .सीएम नीतीश ने अपने ऊपर की गई टिप्पणी पर ऐतराज भी जताते हुए कहा आप सभी मुझे इतना दिनों से जानते हैं. किसी के बारे में इस तरह असत्य बात कही जाए यहअशोभनीय है. सदन की एक मर्यादा है. अब इस मामले में सीएम नीतीश को पूर्व केंद्रीय मंत्री व राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा का भी साथ मिला है. कुशवाहा ने इसके लिए ट्वीट किया और तेजस्वी यादव के आचरण को अमर्यादित करार दिया.
उपेंद्र कुशवाहा ने अपने ट्वीट में लिखा, माननीय तेजस्वी यादव ने आज सदन में माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी के प्रति जिस तरह की अभद्र भाषा का प्रयोग किया, वह घोर निंदनीय है. छि: छि: ! क्या इसी राड़ी-बेटखउकी के लिए सदन है?
इसी मसले पर जदयू एमएलसी नीरज कुमार ने भी तेजस्वी पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा, भाषाई विकृति राजनीति के संक्रमण काल में एक बड़ी चुनौती. भाषाई रूप में हर राजनीतिज्ञ को समृद्ध होना चाहिए. ऐसे लोग ईर्ष्या और विद्वेष की बुनियाद पर राजनीतिक एजेंडा तैयार करते हैं. ऐसी टिप्पणी से राजनीतिक जीवन की शुचिता प्रभावित होती है.
भाजपा सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री रामकृपाल यादव ने भी तेजश्वी यादव को अपने निशाने पर लेते हुए कहा कि सदन में निजी हमला राजनीति के गिरते स्तर का परिचायक है. राजनीति के इस गिरते रूप की मैं निंदा करता हूं. आखिर हम ऐसा आचरण दिखा कर आनेवाली पीढ़ी को क्या सीख दे पाएंगे?
वहीं, राजद नेता शिवानन्द तिवारी ने तेजस्वी का बचाव करते हुए नीतीश कुमार पर तंज कसा है. उन्होंने कहा, सदन में सीएम नीतीश का व्यवहार सदमे की बात है क्योंकि नीतीश कुमार भाषा और व्यवहार के मामले में शालीनता के प्रतीक है. लेकिन कल विधसनसभा में जो किया व्यवहार वह पहली बार दिखा. नीतीश कुमार राजनीतिक रूप से कमजोर हो चुके हैं. इसलिए चुनाव के समय तेजश्वी पर निजी हमला किया था.
वहीं तेजस्वी यादव के बयान पर कांग्रेस नेता प्रेमचंद मिश्रा ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सत्ता पक्ष के लोग सदन में लालू परिवार को टारगेट कर रहे थे. इसलिए हर क्रिया की विपरीत प्रतिक्रिया होती है और वही हुआ. लेकिन, राजनीति में इस तरह की परंपरा दुर्भाग्यपूर्ण है.
Source : News18
MUZAFFARPUR
मुजफ्फरपुर में रोनोजीत के हत्यारे को फांसी देने की मांग लेकर नगर विधायक व हजारों की संख्या में निकाला गया कैंडल मार्च

मुज़फ़्फ़रपुर जिले के ही करजा थाना क्षेत्र स्थित पकरी गांव में बीते दिनों पुलिसिया कार्रवाई से बेखौफ होकर जिम संचालक रोनोजीत उर्फ जॉन की हत्या कर दिया गया, जिस घटना को लेकर आज हत्यारे को फांसी देने की मांग को लेकर सैकड़ों की संख्या में युवाओं ने खुदीराम बोस स्मारक स्थल से सरैयागंज टावर, कल्याणी चौक होते हुए मोतीझील ओवर ब्रिज पर लाकर समापन किया।
वही इस कैंडल मार्च मे लग रहे नारो को बुलंद करने के लिए शामिल हुए मुज़फ़्फ़रपुर के नगर विधायक विजेंद्र चौधरी और पत्रकारों से वार्तालाप करते हुए बताया कि रोनोजीत उर्फ जॉन बहुत ही अच्छे व्यक्ति थे जिनकी हत्या कर दी गई, जिसके हत्यारे को फाँसी दिया जाए
और उनकी जिले में अच्छी जगह पर प्रतिमा लगाया जाए,
साथ ही साथ उनके परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी भी दिया जाए
वही इस कार्यक्रम में शामिल रहे कार्यक्रम के नेतृत्व कर्ता दीपक कुमार एवं रितेश कुमार पासवान, सोनू कुमार, छात्र राजद के प्रधान महासचिव चंदन यादव, युवा कांग्रेस जिलाध्यक्ष मोहम्मद सद्दाम हुसैन, छात्र राजद नेता प्रिंस मंसूरी समेत अन्य सैकड़ों युवा।
बाइट विजेन्द्र चौधरी विधायक नगर मुज़फ़्फ़रपुर
BIHAR
शिक्षक अभ्यर्थियों से मिले तेजस्वी, पुलिस लाठीचार्ज की बात सुन सीधे डीजीपी को लगा दिया फोन

पटना के इको पार्क में इकट्ठा हुए शिक्षक अभ्यर्थियों से तेजस्वी यादव ने मुलाकात की. गर्दनीबाग धरना स्थल से पुलिस ने इन्हें पीट पीटकर भगा दिया था. पुलिस की लाठी चार्ज में दर्जनों अभ्यर्थी घायल हो गए हैं. जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है. पुलिसिया लाठीचार्ज में घायल अभ्यर्थियों ने तेजस्वी को पूरी बात बतायी.
नेता प्रतिपक्ष ने सभी अभ्यर्थियों की बातों को बड़े ही गौर से सुना. एक दिव्यांग की ओर से इशारा करते हुए कहा कि ‘का हो तोहरो मार पड़ल बा’ अगर मेरी सरकार होती 10 लाख लोगों को रोजगार दे दिया गया होता. उनकी इस बात पर अभ्यर्थियों ने हामी भरते हुए कहा कि अब आप ही से हम लोगों को उम्मीद है.
मौके से ही तेजस्वी ने डीजीपी और एसएसपी और डीएम को फोन लगाया. उन्होंने डीजीपी से बात कर पूरे मामले की जानकारी दी, साथ ही दोषी पुलिसवालों पर कार्रवाई करने की मांग की. वहीं डीएम और एसएसपी से भी बात करते हुए अभ्यर्थियों की मांग पर गौर करने का निर्देश दिया.
अभ्यर्थियों की बातों को सुनने के बाद उन्होंंने नीतीश सरकार को जनविरोधी करार देते हुए कहा कि इस सरकार से सभी वर्ग के लोग नाखुश है. अगर कोई अपनी बातों को शांति ढंग से सरकार तक पहुंचाना चाहता है तो उसपर लाठियां बरसायी जाती है. यह सरकार निरकुंश हो गयी है.
बता दें कि मंगलवार को पटना के गर्दनीबाग में धरने पर बैठे शिक्षक अभ्यर्थियों को पुलिस ने खदेड़ खदेड़ कर पीटा. जबरन उन्हें धरना स्थल से खदेड़ दिया गया. पुलिस की इस बर्बरतापूर्ण कार्रवाई में कई अभ्यर्थी बुरी तरह से घायल हो गए हैं. घायलों में महिला और पुरूष अभ्यर्थी शामिल है. सभी घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
Input: Live Cities
BIHAR
बिहार में पंचायत चुनाव से पहले मुखिया सरपंच को आयोग का झटका! जानें राज्य आयोग का फैसला

बिहार में पंचायत चुनाव के ऐलान से पहले राज्य में मुखिया और सरपंच को बड़ा झटका लगा है. राज्य आयोग ने मतदान केंद्रों की सूची बनाने को लेकर अधिसूचना जारी की है. अधिसूचना में कहा गया है कि सभी मतदान केंद्र की सूची और निरीक्षण करने का जिम्मा प्रखंड विकास पदाधिकारी का होगा. मतदान केंद्रों का फाइनल लिस्ट आयोग के सहमति से ही प्रकाशित किया जा सकता है.
राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक बिहार में अप्रैल और मई में पंचायत चुनाव हो सकता है. चुनाव से पहले सभी जिले में अधिकृत अधिकारियों को मतदान केंद्र का जायजा लेना है. अधिकारी मतदान केंद्र की लिस्ट जिला निर्वाचन पदाधिकारी को सौंपेंगे, जिसे आयोग की सहमति से प्रकाशित किया जा सकता है.
नोटिफिकेशन में बताया गया है कि वर्तमान मुखिया के घर से 100 मीटर की दूरी पर केंद्र नहीं बनाया जा सकता है. ऐसा होने पर अधिकृत अधिकारी जिम्मेदार होंगे. बिहार में होली के बाद कभी भी पंचायत इलेक्शन का ऐलान किया जा सकता है.
वहीं बिहार निर्वाचन आयोग के निर्देश के बाद सूबे की सभी 8387 ग्राम पंचायतों में मतदाता सूची के ड्राफ्ट का प्रकाशन मंगलवार को कर दिया जायेगा. राज्य निर्वाचन आयोग ने सोमवार को सभी जिलाधिकारियों के साथ मतदाता सूची के प्रारूप प्रकाशन को लेकर बातचीत की. साथ ही जिन जिलों में मतदाता सूची के प्रकाशन में किसी तरह की परेशानी थी, तो उसे दूर करा दिया है.
Input: Prabhat Khabar
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