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दबाव में पाकिस्तान, मसूद अजहर के भाई सहित 44 आतं’कियों को किया गिर’फ्तार
भारत की हवाई हम’ले के बाद डरे सहमे पाकिस्तान ने दुनिया को दिखाने के लिए कार्रवाई करनी शुरू कर दी है। पाकिस्तान ने जैश-ए-मुहम्मद के सरगना मसूद अजहर के भाई अब्दुल रऊफ, हम्माद अजहर समेत 44 आतं’कियों को गिर’फ्तार किया है। अब्दुर रऊफ ही वह शख्स है जिसने IC-814 विमान को हाईजैक किया था। मौलाना […]
भारत की हवाई हम’ले के बाद डरे सहमे पाकिस्तान ने दुनिया को दिखाने के लिए कार्रवाई करनी शुरू कर दी है। पाकिस्तान ने जैश-ए-मुहम्मद के सरगना मसूद अजहर के भाई अब्दुल रऊफ, हम्माद अजहर समेत 44 आतं’कियों को गिर’फ्तार किया है। अब्दुर रऊफ ही वह शख्स है जिसने IC-814 विमान को हाईजैक किया था।
मौलाना मसूद अजहर के भाई मुफ्ती अब्दुल रऊफ और उसका बेटा हम्माद अजहर उन लोगों में शामिल हैं, जिन्हें कार्रवाई के बाद गिरफ्तार किया गया। यह जानकारी आंतरिक मामलों के राज्य मंत्री शहीर खान अफरीदी ने एक संवाददाता सम्मेलन में दी। उन्होंने कहा कि पिछले हफ्ते पाकिस्तान के साथ भारत द्वारा साझा किए गए एक डोजियर में मुफ्ती अब्दुल रऊफ और हम्माद अजहर के नाम भी थे। हालांकि, उन्होंने कहा कि किसी दबाव के कारण कार्रवाई नहीं की गई।
मंत्री ने कहा कि सभी प्रतिबंधित संगठनों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। यह कदम पाकिस्तान द्वारा मंगलवार को आया है, जिसमें संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों को लागू करने की प्रक्रिया को कारगर बनाने के लिए व्यक्ति और संगठनों के कार्रवाई की गई। सरकार के आदेश की व्याख्या करते हुए विदेश कार्यालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने कहा कि इसका मतलब है कि सरकार ने देश में संचालित सभी प्रतिबंधित संगठनों की संपत्ति और संपत्तियों पर नियंत्रण कर लिया है।
इससे पहले मुताबिक रविवार को पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में आतंकियों की मदद करने के आरोप में करीब 53 संगठनों पर रोक लगाई गई है।
इससे पहले जैश-ए-मुहम्मद के सरगना मसूद अजहर की मौत की अफवाह उड़ी थी, बाद में पाकिस्तान ने इन खबरों का खंडन किया था। इससे पहले पाकिस्तान के विदेश मंत्री महमूद कुरैशी ने मसूद अजहर के बीमार होने की बात कही थी। बताया जाता है कि वह रावलपिंडी के एक सैन्य अस्पताल में भर्ती है और सेना के घेरे में है। भारत के दबाव के बाद उसके स्थान को बदला जा रहा है।
बता दें कि यह कार्रवाई विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के उस एलान के बाद की गई है, जिसमें उन्होंने अपनी जमीन का किसी भी देश के खिलाफ आतंकवाद के लिए इस्तेमाल नहीं होने की बात कही थी। उन्होंने यह भी दावा किया था कि आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के मुख्यालय को सरकार ने कब्जे में ले लिया है।
आतंकी संगठनों पर कार्रवाई के नाम पर पाक की एक और गुगली
बढ़ते अंतरराष्ट्रीय दबाव से बचने के लिए पाकिस्तान की पैंतरेबाजी जारी है। इमरान सरकार ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा नामित व्यक्तियों और आतंकी संगठनों की संपत्तियां जब्त करने का फैसला किया है। इस बारे में सोमवार को आदेश भी जारी कर दिया गया है। हालांकि, पाकिस्तान पहले भी ऐसा कर चुका है, कोर्ट से प्रतिबंधित व्यक्तियों और संगठनों को राहत मिल जाती है।
विदेश विभाग के अनुसार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (कुर्की और जब्ती) आदेश को 2019, पाकिस्तान के संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) अधिनियम, 1948 के प्रावधानों के अनुसार जारी किया गया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मुहम्मद फैसल ने कहा कि इसका मतलब है कि सरकार ने देश में संचालित सभी प्रतिबंधित संगठनों पर नियंत्रण कर लिया है।
अब से आगे सभी तरह की संपत्ति और सभी (प्रतिबंधित) संगठनों की संपत्ति सरकार के नियंत्रण में होगी। उन्होंने कहा कि सरकार अब ऐसे प्रतिबंधित संगठनों के चैरिटी विंग और एंबुलेंस को भी जब्त करेगी।
आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद की स्थापना
जैश-ए-मोहम्मद पाकिस्तान का एक (जिहादी) आतंकी संगठन है, जिसका प्रमुख उद्देश्य भारत से कश्मीर को अलग करना है। इसके अलावा यह संगठन पश्चिमी देशों में भी आतंक फैलाने का काम करता है। इस संगठन की स्थापना पाकिस्तान के पंजाब के मौलाना मसूद अजहर ने साल 2000 के मार्च महीने में की थी।
आपको बता दें कि साल 1999 में कंधार विमान अपहरण में भी इसी संगठन के नेता मौलाना मसूद अज़हर को छुड़ाने के लिए किया गया था। जिसके बाद अजहर ने इस आतंकी संगठन की नींव रखी। इस आतंकी संगठन में हरकत-उल-अंसार और हरकत-उल-मुजाहिदीन के कई आतंकी शामिल हैं। इस संगठन का मुखिया मौलाना मसूद अज़हर खुद भी हरकत-उल-अंसार का महासचिव रह चुका था।
भारत में कई हमलों की ली जिम्मेदारी
इस संगठन को भारत में हुए कई आतंकी हमलों का जिम्मेदार माना जाता है। साल 2002 जनवरी में पाकिस्तान ने भी इसे आतंकी संगठन बताकर बैन कर दिया था जिसके बाद इस संगठन ने अपना नाम बदलकर ‘ख़ुद्दाम उल-इस्लाम’ कर लिया था। यह संगठन भारत, अमेरिका और ब्रिटेन द्वारा जारी आतंकवादी संगठनों की सूची में शामिल है। इस अपहरण कांड में भारत ने अजहर के साथ दो और आतंकी संगठन के मुखिया को छोड़ा था।
Input : Dainik Jagran
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मुजफ्फरपुर शहर से हटाए गए चार हजार बैनर-पोस्टर

मुजफ्फरपुर : शहर से अवैध बैनर-पोस्टरों को हटाने का अभियान मंगलवार से शुरू हो गया। पहले दिन नगर निगम की टीम ने कंपनीबाग, मोतीझील, हरिसभा चौक,इमलीचट्टी, बटलर रोड व अन्य इलाकों में चार हजार से अधिक बैनर-पोस्टर हटाए। पोल व अन्य जगहों पर लगाए गए बैनर-पोस्टर को हटाने के बाद ट्रैक्टर में लोडकर डंप कर दिया गया।
सड़कों पर लगाए गए बैनर-पोस्टर पर धूल जमा हो जाती है। इस कारण हवा चलने या बड़े वाहनों के गुजरने पर सड़क के साथ बैनर-पोस्टर पर जमा धूल भी उड़ने लगती है। हालात की गंभीरता को देखकर नगर आयुक्त के आदेश पर कार्रवाई की जा रही है। नगर आयुक्त नवीन कुमार के मुताबिक, अवैध तरीके से लगाए गए बैनर-पोस्टर को हटाया जा रहा है।
Source : Hindustan
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समाधान यात्रा के दौरान सिटी पार्क व नगर भवन भी जा सकते हैं सीएम नीतीश

मुजफ्फरपुर : 14 फरवरी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी समाधान यात्रा पर मुजफ्फरपुर आयेंगे। इस दौरान सीएम की समाधान यात्रा की तैयारी को लेकर डीएम ने सभी अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंप दी है। बताया जा रहा है कि सीएम नीतीश कुमार शहर में कंट्रोल एंड कमांड सेंटर के उद्घाटन के साथ–साथ सिटी पार्क एवं नवनिर्मित नगर भवन का भी निरीक्षण कर सकते हैं।
इसको लेकर डीएम प्रणव कुमार ने अधिकारियों को अलग-अलग टास्क सौंपे हैं। सभी कार्यक्रमों का वरीय प्रभार डीडीसी आशुतोष द्विवेदी को सौंपा गया है। शहर के बाद सीएम सकरा के लिए रवाना रवाना होंगे। जहां वो मनरेगा पार्क, जीविका, आईसीडीएस, स्वास्थ्य विभाग एवं कृषि विभाग के स्टॉल का निरीक्षण करेंगे। संभावना जताई जा रही है कि उसी दिन पीएम आवास योजना के अंतर्गत भूमिहीनों को जमीन आवंटित किया जाएगा।
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पूर्व मंत्री अजीत कुमार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ किया लड़ाई का ऐलान

KANTI : प्रशासनिक भ्रष्टाचार व गरीबों पर जोर जुल्म के खिलाफ गुरुवार को पूर्व मंत्री अजीत कुमार ने कांटी प्रखंड मुख्यालय पर जन प्रदर्शन किया। इस दौरान पूर्व मंत्री अजीत कुमार ने आर-पार की लड़ाई लड़ने का भी ऐलान किया। इससे पहले कांटी के रातल मैदान में भारी संख्या में जुटे प्रदर्शनकारियों ने उनके नेतृत्व में प्रखंड कार्यालय तक जुलूस निकाला। वहां इंद्रमोहन झा की अध्यक्षता में प्रतिरोध सभा हुई।
इसमें पूर्व मंत्री ने कहा कि पूरा जिला प्रशासनिक भ्रष्टाचार से त्रस्त है। बिना रिश्वत दिए कहीं कोई काम नहीं हो रहा है। खासकर प्रखंड-अंचल कार्यालय पूरी तरह बिचौलिए की गिरफ्त में हैं। सभी जगह भ्रष्टाचारियों के संरक्षक अधिकारी बने हैं। गरीब लूटे जा रहे हैं। उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कांटी थर्मल में स्थानीय मजदूरों के साथ बड़े पैमाने पर भेदभाव बरता जा रहा है। प्रबंधन छाई से होने वाले प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए कारगर कदम उठाए। टीम अजीत कुमार ने 11 सूत्री खुला मांग पत्र पेश किया। सभा को सामाजिक कार्यकर्ता शंभू नाथ चौबे, मो. शमीम, मुरारी झा, अंकेश ओझा, नंदकिशोर सिंह, पैक्स अध्यक्ष रंजीत सिंहआदि ने संबोधित किया।
पूर्व मंत्री अजीत कुमार, रवि कुमार व शिवनाथ साह और 500 अज्ञात के विरुद्ध केस दर्ज कराया गया है। दंडाधिकारी सह प्रखंड कृषि पदाधिकारी विनय कुमार के बयान पर कांटी थाने में केस दर्ज हुआ है। भीड़ को उकसाने समेत अन्य आरोप है। कांटी थानाध्यक्ष संजय कुमार ने केस दर्ज होने की पुष्टि की है।
Source : Hindustan
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