नाबालिक लड़की को प्रेम जाल में फांस कर शादी रचाने वाले अपहरण के आरोपित दीपक कुमार को शुक्रवार काे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। काेर्ट ने लड़की को उत्तर रक्षा गृह पटना भेजने का आदेश दिया। लड़की को उत्तर रक्षा गृह भेजे जाने से परिजनों को झटका लगा है।

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महिला थाने से कोर्ट परिसर तक लड़की के करीबी उससे बात करने की काेशिश करते रहे। लेकिन, कड़ी सुरक्षा के कारण उनकी बात नहीं हाे सकी। उधर, इस कांड का असलियत सामने आने के बाद आंदोलन कर रहे लोग परिजनों और दिघरावासियाें के रवैए से नाखुश हैं। उल्लेखनीय है कि कड़ी सुरक्षा के बीच आरोपित दीपक को कोर्ट लाया गया। कोर्ट ने एक दिन देरी से उसे पेश किए जाने पर नाराजगी जताते हुए आईओ से जवाब तलब किया। बुधवार की शाम मुजफ्फरपुर पुलिस ने दिल्ली में अपहरण के आरोपित को गिरफ्तार कर लड़की को बरामद किया था।

गुरुवार की शाम में दिल्ली से मुजफ्फरपुर पहुंचने के बाद लड़की का कोर्ट में बयान दर्ज कराया गया। लेकिन, आरोपित काे पेश नहीं किया गया। इसी पर कोर्ट ने जवाब तलब किया है। कोर्ट ने लड़की का बयान दर्ज करने के बाद सदर पुलिस को सुरक्षा की दृष्टि से उसे उत्तर रक्षा गृह पहुंचाने का निर्देश दिया।

पुलिस के अनुसार लड़की का बयान सीलबंद लिफाफे में है। इसकी कॉपी अभी पुलिस को नहीं मिली है। इसलिए यह स्पष्ट नहीं हुआ कि लड़की ने कोर्ट में क्या बयान दिया? संभव है कि लड़की ने प्रेमी के साथ रहने की इच्छा जताई हो। लेकिन, नाबालिग होने के कारण कोर्ट ने इसकी इजाजत नहीं दी हाे।

अनशन पर बैठे देशभक्त ने लड़की के पिता पर ठोका मुकदमा

लड़की की बरामदगी की मांग काे लेकर अशोक देशभक्त तीन दिनाें तक अनशन पर बैठे थे। मामले का पटाक्षेप होने पर शुक्रवार को उन्होंने लड़की के पिता शंभू पांडे के खिलाफ कोर्ट में परिवाद दायर किया। अशोक देशभक्त का कहना है शंभू पांडे ने सदर थाने में झूठा केस दर्ज करा डकैती के दौरान नाबालिग बेटी के अपहरण की बात कही।

पुलिस ने जब लड़की को बरामद कर लिया है, तो मामला प्रेम प्रसंग का निकला। इस तरह मनगढ़ंत तरीके से पुलिस, समाज के लोगाें और सामाजिक कार्यकर्ता को गुमराह किया गया। श्री देशभक्त ने शंभू पांडे पर गुमराह करने को लेकर कोर्ट से कार्रवाई की मांग की है।

आंदोलन की अगुवाई कर रहे मुक्तेश्वर बाेले- घटना समाज का दिवालियापन दर्शाता है

पूरे प्रकरण में आंदोलन की अगुवाई कर रहे मुक्तेश्वर प्रसाद सिंह का कहना है कि लड़की की सकुशल बरामदगी के लिए प्रशासन बधाई का पात्र है। परिजनों ने पूरे घटनाक्रम को गलत ढंग से प्रस्तुत किया। दिघरा के प्रबुद्ध समाज को इस सच्चाई को सामने लाना चाहिए था। यह समाज के बौद्धिक दिवालिएपन को दर्शाता है।

Source : Dainik Bhaskar

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