सफाई कर्मियों के अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाने से स्मार्ट सिटी मुजफ्फरपुर में साफ सफाई व्यवस्था बिल्कुल चरमरा गई है। सिटी की सूरत बहुत ज्यादा बिगड़ने वाली है क्योंकि यहां 180 टन कूड़ा प्रतिदिन शहरी क्षेत्र से निकलता है। बारिश के मौसम में शहर के सभी वार्डों के किसी न किसी मोहल्ले में जलजमाव है। कई इलाकों में नाले भी जाम हैं। ऐसे हालात में नगर निगम में नियमित और संविदा पर कार्यरत 700 से ज्यादा सफाई कर्मियों के एक साथ हड़ताल पर चले जाने से मंगलवार से ही स्थिति खराब होने लगी है। कल बुधवार से सफाई नही हुई तो दुर्गंध के मारे घर से निकलना मुश्किल हो जाएगा। सफाई कर्मियों ने, न डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन लिया और न डंपिंग स्थलों पर जमा गंदगी को उठाया।
मांगें पूरी होने तक चलेगी हड़ताल
बिहार लोकल बॉडीज कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा के नेता अशोक कुमार सिंह और सतेंद्र सिंह ने कहा है कि वर्षों से कार्यरत कर्मियों को स्थाई नौकरी नहीं दी जा रही है। दूसरी तरफ संविदा और आउटसोर्सिंग पर नए लोगों को बहाल किया जा रहा है। सातवें वेतन की मांग पर अधिकारी बिल्कुल ध्यान नहीं दे रहे हैं। इसके अलावा भी सफाई कर्मियों की कई अन्य समस्याएं हैं जिस के निदान के लिए निगम प्रशासन रुचि नहीं ले रहा है। नेताओं ने दावा किया है कि कोई भी सफाई कर्मी काम नहीं करेगा जब तक उनकी मांगे नहीं मान ली जाती हैं। फिलहाल मुजफ्फरपुर नगर निगम के पास शहर की सफाई का कोई विकल्प उपलब्ध नहीं है।
कॉल नही उठा रहे अधिकारी
इधर नगर आयुक्त विवेक रंजन मैत्रेय अबतक कह रहे थे कि सफाई की वैकल्पिक व्यवस्था की तलाश की जा रही है। जो कर्मी स्वेच्छा से काम करेंगे उन्हें सुरक्षा दी जाएगी। काम करने वालों को रोकने या निगम की संपत्ति को क्षति पहुंचाने वालों पर कार्रवाई होगी। आज हड़ताल की घोषणा हो जाने के बाद बात नही कर रहे हैं। फोन करने पर वे कॉल स्वीकार नही करते हैं। नगर विधायक विजेन्द्र चौधरी ने भी कॉल रीसिव नही किया।
Source: Live Hindustan
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