बिहार में सोमवार को एक सियासी इफ्तार पार्टी में पक्के सियासी विरोधी, जनता दल यूनाइटेड सुप्रीमो व तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार की हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) सुप्रीमो जीतनराम मांझी से मुलाकात हुई। जीतनराम मांझी द्वारा आयोजित इस इफ्तार पार्टी में राष्ट्रीय जनता दल से राबड़ी देवी सहित विपक्षी महागठबंधन के कई बड़े नेता भी दिखे।
गौरतलब है कि 24 घंटे के भीतर यह दूसरी बार नीतीश कुमार व जीतनराम मांझी की मुलाकात हुई। इसके साथ किसी सियासी ‘फिरनी’ के पकने की आशंका की जा रही है। श्रीमती राबड़ी देवी के इस बयान से यह आशंका और पक्की हो गयी है कि उन्हें नीतीश कुमार की महागठबंधन में वापसी पर आपत्ति नहीं है।
विपक्ष के नेताओं के बयान भी हमारे इस आशंका को हवा दे रहे हैं। अारजेडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह कहते हैं कि बीजेपी से मुकाबला के लिए नीतीश कुमार को महागठबंधन में वापस आ जाना चाहिए। आरजेडी के शिवानंद तिवारी ने कहा कि मांझी बिहार के बड़े नेता हैं और वे सबको साथ लेकर चलना चाहते हैं। कांग्रेस के प्रवक्ता प्रेमचंद्र मिश्रा मानते हैं कि बीजेपी से आहत नीतीश कुमार इफ्तार के बहाने सियासी संदेश्ा दे रहे हैं। बीजेपी-जेडीयू के बीच गांठ पड़ गई है, जो कांग्रेस के लिए आनंद का विषय है।
उधर, जेडीयू ने अपनी सधी प्रतिक्रिया में नीतीश-मांझी की मुलाक़ात को शिष्टाचार मुलाक़ात बताया है। जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि इफ्तार पार्टी के सियासी मायने नहीं निकाले जाने चाहिए।
ख़ैर, ये सारी बातें अपनी जगह हैं। संभवतः कुछ न कुछ है जो समय के साथ हमारे सामने आयेगा। इंतज़ार करिये और देखिये कि ये ऊँट किस करवट बैठता है। कमेंट करके बतायें कि जदयू महागठबंधन के साथ आयेगी या भाजपा का दामन ही पकड़ेगी?