नई दिल्ली. लॉकडाउन में फंसे प्रवासी मजदूर अपने गृह राज्य जानें के लिए सड़कों पर पैदल ही निकल पड़े हैं. कई मजदूर ऐसे भी हैं जिनके साथ रास्ते में दुर्घटनाएं भी हुईं. ऐसी ही एक 30 साल की महिला मजदूर महाराष्ट्र से मध्य प्रदेश के सतना जिले स्थित अपने गांव के लिए पैदल ही निकल पड़ी. लेकिन रास्ते में ही प्रसव पीड़ा होने पर महिला ने सड़क किनारे एक बच्ची को जन्म दिया. महिला प्रसव के मात्र दो घंटे बाद ही वापस अपने गांव की तरफ चल पड़ी.
धूप में साड़ियों की आड़ में दिया बच्चे को जन्म
गांव जा रहे इन मजदूरों के साथ दो महिलाएं गर्भवती थी, जिसमें से शकुंतला नौ महीने की गर्भवती थीं. ये लोग नासिक से 30 किमी पहले से पैदल चलकर आ रहे थे. सफर के दौरान नासिक और धूलिया के बीच महाराष्ट्र के ग्राम पिपरी में शकुंतला को प्रसव पीड़ा होने लगी. आसपास कोई अस्पताल न होने के कारण साथ चल रही महिलाओं ने सड़क किनारे ही साड़ियों की आड़ कर शकुंतला को प्रसव कराया और उन्होंने एक बच्ची को जन्म दिया.
प्रसव के बाद वापस चल दीं गांव
शकुंतला के पहले से चार बच्चे हैं. ये उनका पांचवां बच्चा है. वह अपने पति एवं चार बच्चों के साथ सतना के समीप ग्राम उचेरा के लिए निकली थीं. प्रसव के बाद ऐसी स्थिति में शकुंतला ने फिर से चलना शुरू कर दिया और रविवार शाम मध्यप्रदेश के सेंधवा पहुंचे. महिला ने प्रसव के पहले करीब 70 किमी और प्रसव के बाद 160 किमी पैदल ही यात्रा पूरी की.
राज्य की सीमा पर जांच कर रहे पुलिसवालों की जब महिला पर नजर पड़ी तो उन्होंने पूछताछ की, जिसके बाद सारी घटना इन लोगों ने पुलिसकर्मियों को बताई. मध्य प्रदेश स्थित बिजासन चौकी के पुलिसकर्मियों ने शकुंतला, उनके पति और नवजात बच्चे सहित पांचों बच्चों को एकलव्य छात्रावास में पहुंचाया, जहां उनके रुकने और खाने की व्यवस्था के साथ ही उन्हें उनके गांव छोड़ने के लिए बस की व्यवस्था भी कराई गई.
Input : News18