लोक आस्था के महापर्व छठ का आज तीसरा दिन है. आज सभी छठ व्रतियों ने डूबते सूर्य की आराधना कर अर्घ्य अर्पित की. अब कल उदयगामी सूर्य को अर्घ्य देकर सभी व्रती 36 घंटे का निर्जल और कठिन व्रत सम्पन्न करेंगी. इधर, देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समस्त देशवासियों को महापर्व छठ की बधाई दी है.
सूर्य की आराधना के महापर्व छठ की समस्त देशवासियों को बहुत-बहुत मंगलकामनाएं। छठी मइया सभी के जीवन में सुख-समृद्धि और सूर्यदेव के ओज का संचार करें। pic.twitter.com/MK1j3jkhXk
— Narendra Modi (@narendramodi) November 20, 2020
नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर लिखा, ” सूर्य की आराधना के महापर्व छठ की समस्त देशवासियों को बहुत-बहुत मंगलकामनाएं. छठी मइया सभी के जीवन में सुख-समृद्धि और सूर्यदेव के ओज का संचार करें. ”
बता दें कि छठ महापर्व खासकर पूरे बिहार और पूर्वांचल में मनाया जाता है. कार्तिक माह में मनाए जाने वाले इस पर्व की विशेषता यह है कि इसमें उगते और डूबते दोनों सूर्य की उपासना की जाती है. इसके पीछे ऐसी मान्यता है कि जिसका उदय हुआ है उसका अस्त निश्चित है और अस्त के बाद उदय. यह चक्र जीवन भर चलता है. ऐसे में उदय और अस्त के महत्व को समझते हुए भगवान भास्कर और छठी मां की अराधना की जाती है.
यह पर्व सामाजिक सौहार्द और एकता का बड़ा संदेश देता है. इस पर्व को हर वर्ग और हर जाति के लोग करते हैं. वहीं, पर्व में इस्तेमाल होने वाली वस्तुएं जैसे अरता का पत्ता, सूप-दौरा, मिट्टी के बर्तन समाज के अलग-अलग वर्ग के लोगों द्वारा तैयार किया जाता है, जिससे यह संदेश मिलता है कि समाज में हर वर्ग की जगह एक सी है और बिना एक दूसरे के सहयोग के जीवनयापन थोड़ी मुश्किल है.