केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद जम्मू-कश्मीर के पहले स्थायी निवासी के तौर पर बिहार के एक IAS अफसर को सर्टिफिकेट दिया गया है. भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी नवीन कुमार चौधरी पहले ऐसे प्रशासनिक सेवा अधिकारी हैं जिन्हें जम्मू-कश्मीर के बाहर का निवासी होने के बावजूद जम्मू कश्मीर के स्थायी निवासी होने का प्रमाण पत्र मिला है.

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नवीन चौधरी (फाइल फोटो)

बिहार के रहने वाले आईएएस अफसर नवीन कुमार चौधरी को बीते 24 जून को डोमिसाइल सर्टिफिकेट दिया गया है. नवीन कुमार चौधरी को जम्मू डिविजन के गांधीनगर इलाके के तहसीलदार ने स्थायी निवासी होने का प्रमाण पत्र निर्गत किया है. जम्मू-कश्मीर डोमिसाइल कानून के तहत 15 साल से रहने वाले नागरिकों को यह सर्टिफिकेट हासिल करने का अधिकार है.

आइएएस अधिकारी नवीन चौधरी 25 साल की उम्र में जम्मू-कश्मीर का कैडर हासिल कर बिहार से आए थे. आज 26 साल बाद वह जम्मू-कश्मीर के स्थायी नागरिक बन गए हैं. सरकारी सूत्रों के अनुसार अभी तक विभिन्न तहसील कार्यालयों में 33 हजार से अधिक आवेदन आए हैं. इनमें 32000 हजार के करीब आवेदन जम्मू संभाग के दस जिलों में आए हैं जबकि कश्मीर में मात्र 700 से 800 लोगों ने ही डोमिसाइल के लिए आवेदन किया है. यही नहीं श्रीनगर जिले में 100 के करीब आवेदन आए हैं परंतु अभी तक यहां किसी को भी डोमिसाइल सर्टिफिकेट जारी नहीं किया गया है.

बता दें कि पिछले साल 2019 में 5 अगस्त को जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 35 ए और अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को खत्म कर दिया गया था. भारत सरकार के इस फैसले के बाद जम्मू-कश्मीर एक केंद्र शासित प्रदेश बन गया. आर्टिकल 35ए और अनुच्छेद 370 के प्रावधानों में बदलाव होने से पहले जम्मू-कश्मीर में किसी बाहरी व्यक्ति को पर्मानेंट रेसिडेंट बनाने का प्रावधान नहीं था.

सूत्राें से मिली जानकारी के अनुसार कश्मीर संभाग में अभी तक 500 के करीब डोमिसाइल सर्टिफिकेट जारी हो चुके हैं जबकि जम्मू संभाग के जिला डोडा में अब तक सबसे अधिक सर्टिफिकेट जारी किए गए हैं. यहां 8500 से अधिक लोगों ने यह प्रमाणपत्र हासिल कर लिया है. वहीं जिला राजौरी में 6214, पुंछ में 6123 और जम्मू में 2820 प्रमाण पत्र जारी कर दिए गए हैं.

Input : First Bihar

 

 

 

 

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