BIHAR
बिहार के राजगीर में होगा चीन जैसा शीशे का पुल, सैर करके ऐसा लगेगा जैसे आसमान में चल रहे हों

ourism in Bihar: फेसबुक और यूट्यूब समेत इंटरनेट मीडिया पर आपने ऊंची पर्वत चोटियों के बीच गहरी खाई के ऊपर से गुजरता शीशे का पुल देखा होगा। और यह भी संभव है कि इसे देखते हुए आपके मन में भी हसरत जगी होगी। अगर हां, तो आपकी हसरत पूरी हो सकती है। वह भी अपने ही राज्य बिहार में। ज्यादा दूर जाने की जरूरत भी नहीं। बिहारशरीफ जिले के राजगीर में पहाड़ियों के बीच शीशे का पुल बनाया जा रहा है। वास्तव में यह पुल नहीं बल्कि शीशे का बना एक किस्म का छज्जा है, जिसपर खड़े होकर आप ठीक नीचे सैकड़ों फीट नीचे गहरी खाई को निहार सकेंगे। इसपर चलते हुए आपको ऐसा लगेगा जैसे कि आप आकाश में चल रहे हों। यह अनुभव बेहद रोमांचकारी है। कई लोग इसपर चलते हुए डर भी जाते हैं।
बिहार में पर्यटकों के लिए पसंदीदा स्पॉट है राजगीर
राजगीर (Rajgir) में वैसे तो एक से बढ़कर एक खूबसूरत पर्यटन स्थल हैं। यहां की पांच पहाड़ियों (Five mountains) में से किसी पर्वत के शिखर पर खड़े होकर वादियों को निहारने का अलग ही अनुभव है। चेयर रोप-वे (Chair Roap-way) से रत्नागिरी (Ratnagiri) पर स्थित विश्व शांति स्तूप (Vishwa Shanti Stoop) जाने के रास्ते में पर्यटकों को गहरी घाटी के उपर हवा में लटके होने का अहसास होता है। जल्द ही ऐसा ही एक रोमांच राजगीर के पर्यटन में जुड़ने जा रहा है। नेचर सफारी में ग्लास स्काई वॉक ब्रिज (Glass Sky Walk Bridge) का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है। 85 फीट लंबा तथा 5 फीट चौड़ा यह ब्रिज वैभारगिरि की दो चोटी के बीच गहरी खाई के उपर बनाया गया है। यह खाई लगभग 250 फुट गहरी है। जबकि दोनों पर्वत शिखर के बीच की दूरी लगभग 5 सौ मीटर है। अब इस स्काई वॉक पर पर्यटक हवा में स्थिर होकर वादियों को काफी करीब से निहार सकेंगे।
Wow..First Glass Bridge of Bihar!
Really, Bihar is going to next level of Development!#Rajgir #Glassbridge pic.twitter.com/v7eLa76eDU
— मैं समय हू! (@Indian_Dignity) December 17, 2020
एक साथ 20 से 25 लोग कर सकेंगे चहलकदमी
इस स्काई वॉक पर एक साथ 25 से 30 लोग चहलकदमी कर सकेंगे। इसके फर्श में मजबूत पारदर्शी शीशा लगाया गया है। जिस पर अगर कोई खड़ा हो जाए तो ऐसा महसूस होगा कि वह सीधे घाटियों में जा गिरेगा। यह पर्यटकों को अलग ही रोमांच का अनुभव कराएगा। 2022 में नेचर सफारी को पर्यटकों के लिए खोलने का लक्ष्य रखकर काम किया जा रहा है।
जिन लोगों को ऊंचाई पर जाने से लगता डर, उनके लिए मनाही
बता दें कि ऐसा ग्लास स्काई वॉक विश्व में सबसे पहले चीन के हेबई प्रांत में एस्ट तैहांग में बनाया गया था, जबकि देश में पहला ग्लास स्काई वॉक सिक्किम राज्य के पेलिंग में स्थित है। अब राजगीर नेचर सफारी में निर्मित यह ग्लास स्काई वॉक देश का दूसरा तथा बिहार का पहला स्काई वॉक होगा। हालांकि, जिन लोगों को ऊंचाई से डर लगता है, उन्हें ग्लास स्काई वॉक करने की अनुमति नहीं होगी।
लॉकर बेल्ट में बंधकर पर्यटक जिप लाइन का ले सकेंगे रोमांच
वैभारगिरी पर्वत श्रृंखला के बीच एक जिप लाइन भी बनाई जाएगी। जिसमें लोहे की रस्सी पर लॉकर बेल्ट से बंधे पर्यटक हवा की सैर करते हुए 250 फुट गहरी घाटियों और खाई के उपर इस पर्वतीय श्रृंखला को आर-पार करेंगे। जिप लाइन सका काम अभी प्रगति पर है।
Glass Bridge 😍 #Rajgir pic.twitter.com/gn8jv14MOR
— Imperfect 💔🌜 (@UndyingloveAz) December 18, 2020
नेचर सफारी में कर सकेंगे बिहार दर्शन
राजगीर में वाईल्ड लाईफ जू सफारी के सटे नेचर सफारी का काम जोर-शोर से जारी है। अगर जू सफारी में खुले में विचरते शेर, बाघ, भालू आदि जानवर वाईल्ड लाइफ फोटोग्राफर तथा एडवेंचर पसंद लोगों के आकर्षण का केन्द्र होगा, तो वहीं नेचर सफारी प्राकृतिक ²श्यों के बीच एडवेंचर स्पॉट बनेगा। नेचर सफारी में बिहार दर्शन का स्पॉट बन रहा है। जहां सूबे के सभी जिलों से संबंधित प्रतीक व ऐतिहासिक तथ्य दर्शाए जाएंगे। सभी प्रतीक पहाड़ की तलहटी के पत्थरों पर उकेरे जा रहे हैं।
झोपडिय़ां व देसी नस्ल की तितलियां खींचेंगी ध्यान
परिसर में मड हट यानी मिट्टी की झोपड़ी, ट्री हट यानी पेड़ों पर झोपड़ी, वुडेन हट यानी लकडिय़ों के कॉटेज भी बनाए जा रहे हैं। जिसमें तय शुल्क देकर पर्यटक ठहर सकेंगे। इसके अलावा ग्रास लैंड यानी घास का मैदान व मेडिसिनल यानी औषधीय गार्डेन भी होगा। जहां लोग तरह-तरह के औषधीय पौधे देख सकेंगे। नेचर सफारी में तितलियों की एवियरी भी होगी। जहां नालंदा में पाई जाने वाली तितलियों की प्रजातियां रखी जाएंगी। वैसे वाईल्ड लाइफ जू सफारी में भी तितलियों की एवियरी बनाई जा रही है। वहां देश-विदेश की अधिकांश तितलियों की प्रजातियां होंगी।
गया जाने वाले जेठियन मार्ग पर है नेचर सफारी
यह नेचर सफारी जरासंध अखाड़ा से गया जिला स्थित जेठियन जाने वाले मार्ग के बीच है। राजगीर स्थित जरासंध अखाड़ा से दूरी लगभग 6 किलोमीटर है। यह सफारी उसी मार्ग पर आकार ले रहा है, जिस रास्ते से कभी भगवान बुद्ध ज्ञान प्राप्ति के पहले और बाद में गया से पैदल राजगीर आए थे। नेचर सफारी का निर्माण लगभग 20 करोड़ की लागत से किया जा रहा है। 2022 तक इसे पर्यटकों के लिए खोल दिया जाएगा।
Glass Bridge 😍 #Rajgir pic.twitter.com/gn8jv14MOR
— Imperfect 💔🌜 (@UndyingloveAz) December 18, 2020
फील्ड तीरंदाजी व ट्रैकिंग कर सकेंगे पर्यटक
नेचर सफारी में पर्यटक आर्चरी यानी फील्ड तीरंदाजी कर सकेंगे। यह अलग-अलग और अक्सर बिना किसी तय दूरी के निशाना लगाया जाने वाला रोमांचक खेल है। वहीं लक्ष्य पर निशाना लगाना यानी टारगेट आर्चरी की व्यवस्था भी होगी। यह एक ओलंपिक खेल है, जो दुनिया भर के 160 से ज्यादा देशों में लोकप्रिय है। पर्वतारोहण के शौकीन पर्यटकों के लिए ट्रैकिंग की भी व्यवस्था की जा रही है।
ग्लास ब्रिज पर चढ़ने को उमड़ने लगी भीड़ तो कराई बैरिकेडिंग
नेचर सफारी में निर्माणाधीन स्काई वॉक ग्लास ब्रिज की 15 दिसंबर को दैनिक जागरण में प्रमुखता से खबर प्रकाशित होने के बाद यह खबर सोशल मीडिया पर भी वायरल हो गई। इसके बाद पर्यटकों की भारी भीड़ अभी से ही नेचर सफारी पहुंचने लगी है, जबकि ग्लास ब्रिज का निर्माण अभी पूरा नहीं किया जा सका है। ब्रिज पर चढऩे के लिए सीढिय़ां, इसके फाउंडेशन के चारों ओर रेलिंग का काम जारी है। फिर भी लोग खतरा मोल लेकर इस पर चढ़ना चाह रहे हैं। इस पर गंभीर होते हुए राजगीर वनक्षेत्र पदाधिकारी अमृतधारी सिंह ने गुरुवार को ग्लास ब्रिज के चारों ओर बैरिकेडिंग करा दी। लोगों की सुरक्षा को लेकर ब्रिज पर चढऩे तथा आसपास न फटकने से संबंधित बोर्ड लगा दिया गया है। ताकि कार्य प्रगति में कोई बाधा न पहुंचे।
Source : Dainik Jagran
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पत्नी को गैर की बाहों में देखा तो पति ने कर दी हत्या, लिखा- इसका यही अंजाम होता है

पूर्णिया. बिहार के पूर्णिया में एक महिला की निर्मम तरीके से हत्या कर दी गई. महिला का अर्धनग्न शव उसके किराये के मकान से मिला है. मृतका का नाम कल्याणी है. घटना शहर के खजांची हाट थाना के प्रभात कॉलोनी की है. घटना की सूचना मिलते ही सदर एसडीपीओ सुरेंद्र कुमार सरोज, थाना प्रभारी अनिल कुमार समेत पुलिस बल मौके पर पहुंचे और मामले की जांच में जुट गई. घटनास्थल से पुलिस को एक नोट भी मिला है, जिसमें लिखा है कि पति के रहते दूसरे से संबंध बनाने का यही नतीजा होता है.
नीचे में नाम नीरज लिखा हुआ है. दरअसल नीरज मृतका कल्याणी के पति का भी नाम है. पुलिस को आशंका है कि पति ने ही किसी वजनदार चीज रोटी बनाने वाले तवे से सिर पर वारकर उसकी हत्या कर दी है. मृतका का मोबाइल भी पति के पास ही है. सदर एसडीपीओ सुरेंद्र कुमार सरोज ने बताया कि हत्या का शक पति पर ही है. उन्होंने कहा कि महिला कल्याणी का ससुराल बड़हरा कोठी थाना इलाके में पड़ता है. मृतका यहां पर रहकर किसी प्राइवेट एक्स-रे में काम करती थी.
शनिवार की शाम को उसकी सहेली जो कि मृतका के साथ ही रहती थी, जब पहुंची तो महिला कल्याणी का शव घर में देखा. उसके बाद इसकी सूचना उसने पहले घर के मालिक को दी. गृहस्वामी प्रदीप कुमार ने बताया कि महिला पिछले डेढ़ माह से उनके घर में किराये पर रहती थी. वह ऑफिस से आकर अपने घर में लेटा था तभी लड़की जो उसी कमरे में किराये पर रहती है ने उसे बताया कि कल्याणी की किसी ने हत्या कर दी है.
पुलिस ने बताया कि एक महीने पहले ही महिला के 4 साल के बेटे को उसके दादा अपने साथ घर लेकर चले गए थे. घटना के दिन महिला का पति नीरज भी यहां आया था. आशंका है कि उसी ने कल्याणी की हत्या कर दी और मोबाइल लेकर फरार हो गया है. फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है. मृतका का पति काफी दिनों से अपनी पत्नी से अलग रहता था.
Source : News18
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समस्तीपुर : पिस्टल से केक काटा, ड्रोन से खिंचाई फोटो,गर्लफ्रेंड से रिश्ता टूटने पर मनी ब्रेकअप पार्टी

यूं तो आपने बर्थ डे, मैरेज एनिवर्सरी, फेयरवेल जैस कई तरह के उत्सव के माहौल पर केक काटते हुए देखा होगा. अक्सर जन्मदिन, विवाह के वर्षगांठ एवं अन्य अवसरों पर केक काटे जाते हैं और उस मौके पर उत्सवी माहौल होता है लेकिन बिहार से एक ऐसा मामला सामने आया है जहां गर्ल फ्रेंड से हुए ब्रेकअप पर केक काटा गया, जश्न मनाया गया.
इस मौके पर जमकर नाच गाना हुए लेकिन इस ब्रेकअप पार्टी में जो सबसे खास बात रही वो ये कि युवाओं की टोली के द्वारा इस ब्रेकअप पार्टी में जो केक काटा गया उसमें चाकू की बजाय पिस्टल का प्रयोग किया गया और जमकर हथियारों का नुमाइश की गई.
मामला समस्तीपुर का है जहां हुए इस अनोखे ब्रेकअप पार्टी की तस्वीरें अब सोशल मीडिया मे वायरल हो रही है. इन तस्वीरों में युवकों की टोली के द्वारा यहां पार्टी किसी सुनसान जगह पर लेकिन उत्सवी माहौल में किया जा रहा है, वहीं जमकर हथियार भी लहराये जा रहे हैं.
समस्तीपुर जिले में हुई ये घटना जिले के विद्यापतिनगर थाना क्षेत्र अंतर्गत मनियारपुर गांव की बतायी जा रही है. गर्लफ्रैंड से ब्रेकअप होने के बाद युवक ने बेहतर साज-सज्जा के साथ पार्टी बुलाई थी और जमकर जश्न मनाया इस दौरान डीजे की धुन पर खूब नाच गाना भी हुआ.
इस दौरान पार्टी में डीजे साउंड और लाइटिंग की भी व्यवस्था की गयी थी और पूरे कार्यक्रम को ड्रोन कैमरे से भी कवर किया गया. पार्टी में दोस्तों के लिए खाने-पीने की भी व्यवस्था थी.
ये घटना कब की है, इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है. हालांकि जानकार लोगों का बताना है कि यह मामला विद्यापति के मनियारपुर गांव का है. पार्टी के केक पर अमित एन्ड निशा ब्रेकअप डे लिखा हुआ था.
पार्टी की तस्वीरें वायरल होने के बाद सवाल उठता है पार्टी किसी भी तरह की हो लेकिन उस पार्टी में हथियार की नुमाइश कहां तक उचित है. मामला पुलिस तक पहुंचा है जिसके बाद पुलिस घटना की जांच कर कार्रवाई की बात कह रही है..
Source : News18
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नीतीश कुमार ने भले तोड़ा हो भाजपा से गठबंधन, हरिवंश नहीं देंगे इस्तीफा; बने रहेंगे राज्यसभा के उपसभापति

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ गठबंधन तोड़ने के जनता दल (यूनाइटेड) के फैसले ने न केवल बिहार में राजनीतिक समीकरण को बदल दिया, बल्कि पटना से लेकर दिल्ली तक के सियासी गलियारों में सरगर्मी बढ़ा दी है। इस बीच यह चर्चा हो रही है कि क्या राज्यसभा के उपसभापति और जेडीयू सांसद हरिवंश अपने पद पर बने रहेंगे या इस्तीफा देने जा रहे हैं।
हरिवंश के एक करीबी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया कि जेडीयू नेता एक संवैधानिक पद पर हैं और जो लोग इस तरह के पद पर बैठे हैं वे अपने कर्तव्यों के निर्वहन के दौरान किसी राजनीतिक दल से संबंधित नहीं होते हैं। उन्होंने कहा, “उन्हें इस्तीफा क्यों देना चाहिए?”
जेडीयू ने बैठक में भी नहीं बुलाया
पटना में नीतीश कुमार द्वारा 9 अगस्त को बुलाई गई जेडीयू की बैठक में हरिवंश के शामिल नहीं होने के बारे में पूछे जाने पर राज्यसभा के उपसभापति के सहयोगी ने कहा, “उन्हें बैठक में आमंत्रित नहीं किया गया था। इसलिए वह वहां नहीं गए थे, लेकिन नीतीश कुमार के लिए उनके मन में बहुत सम्मान है।”
अपने पद पर बने रहेंगे हरिवेश: JDU नेता
हरिवंश को 8 अगस्त, 2018 को राज्यसभा के उपसभापति के रूप में चुना गया था। 14 सितंबर, 2020 को संसद के ऊपरी सदन में अपने दूसरे कार्यकाल के लिए लौटने के बाद उन्हें राज्यसभा के उपसभापति के रूप में फिर से चुना गया था। जेडीयू के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि हरिवंश का पार्टी से गहरा नाता है और उनके संवैधानिक पद पर बने रहने की संभावना है।
नीतीश के लिए भी पूरा सम्मान
जेडीयू नेता ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा, “हरिवंश जी हमारे सुप्रीमो और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए पूरा सम्मान और सम्मान रखते हैं, लेकिन यह भी समझना चाहिए कि राज्यसभा का सभापति एक संवैधानिक पद है और निर्वाचित व्यक्ति छह साल तक इस पद पर रहता है। इसलिए इसका कोई प्रभाव नहीं होना चाहिए। बिहार में राजनीतिक स्थिति बदलने के बावजूद उनके पद पर बने रहने की संभावना है।”
भाजपा ने बनाया था डिप्टी स्पीकर
बिहार के एक अन्य जेडीयू नेता ने कहा कि हरिवंश के नाम का प्रस्ताव भाजपा ने किया था और उन्हें कई दलों के समर्थन से चुना गया था। उन्होंने एएनआई को बताया, “मौजूदा राजनीतिक स्थिति में राज्यसभा के उपसभापति को उनके पद से तभी हटाया जा सकता है जब भाजपा उनके खिलाफ अविश्वास व्यक्त करे।”
संवैधानिक होता है उपसभापति का पद
राज्यसभा के एक पूर्व महासचिव ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि उपसभापति, अध्यक्ष या उपाध्यक्ष का पद संवैधानिक होता है। देश या राज्य या किसी भी राजनीतिक दल की राजनीतिक स्थिति में बदलाव के बावजूद उनके प्रभाव में कोई परिवर्तन नहीं किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, “इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि उनकी पार्टी सत्ता में है या विपक्ष में। संवैधानिक पद पर ऐसे लोग सदन के नियम का पालन करने के लिए बाध्य हैं और संविधान उनके लिए सर्वोच्च होना चाहिए। मेरा मानना है कि राज्यसभा के उपसभापति का पद गैर-राजनीतिक है।”
कई उदाहरण
एक उदाहरण का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि प्रोफेसर पीजे कुरियन (कांग्रेस) 21 अगस्त 2012 को राज्यसभा के उपसभापति चुने गए थे और वर्ष 2014 में लोकसभा चुनाव के बाद केंद्र में सरकार बदलने के बावजूद 1 जुलाई 2018 तक अपने पद पर बने रहे। इसके अलावा उन्होंने कहा, “नजमा हेपतुल्ला (कांग्रेस) 18 नवंबर, 1988 से 4 जुलाई, 1992, फिर 10 जुलाई 1992 से 4 जुलाई 1998 और 9 जुलाई 1998 से 10 जून 2004 तक राज्यसभा की उपसभापति रहीं। इस बीच 4 मौकों पर सरकार बदली, लेकिन वह उपसभापति के रूप में अपने कार्यालय में बनी रहीं।”
उन्होंने आगे कहा कि माकपा नेता सोमनाथ चटर्जी 4 जून 2004 को 14वीं लोकसभा के अध्यक्ष चुने गए थे। माकपा केंद्र में तत्कालीन संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार की सहयोगी थी। भारत-अमेरिका परमाणु समझौते के मुद्दे पर माकपा ने जुलाई 2008 में सरकार से समर्थन वापस ले लिया। हालांकि, चटर्जी ने लोकसभा अध्यक्ष का पद संभालना जारी रखा।
नीतीश कुमार ने बिहार में फिर बदला पाला
आपको बता दें कि नीतीश कुमार ने एक दिन पहले पद से इस्तीफा देने और भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) छोड़ने के बाद बुधवार को रिकॉर्ड आठवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। राजद नेता तेजस्वी यादव उपमुख्यमंत्री बनेंगे। बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली महागठबंधन सरकार राज्य विधानसभा में अपना बहुमत साबित करने के लिए 24 अगस्त को एक फ्लोर टेस्ट के लिए जाएगी।
महागठबंधन को विधानसभा में 164 सदस्यों का समर्थन प्राप्त है। नीतीश कुमार ने कांग्रेस और वाम दलों सहित महागठबंधन में राजद और अन्य दलों के साथ हाथ मिलाने से पहले मंगलवार को आठ साल में दूसरी बार भाजपा के साथ अपना गठबंधन तोड़ा। महागठबंधन को हिंदुस्तान आवाम मोर्चा (एचएएम) का भी समर्थन प्राप्त है, जिसके विधानसभा में चार विधायक हैं।
बीजेपी ने नीतीश कुमार पर बिहार की जनता द्वारा दिए गए जनादेश का अपमान करने का आरोप लगाया है। बीजेपी और जद (यू) ने 2020 में विधानसभा चुनाव एक साथ लड़ा था। नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाया गया था, हालांकि बीजेपी को ज्यादा सीटें मिली थीं।
Source : Hindustan
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