पूर्णिया. भगवान राम, माता जानकी और लक्ष्मण को आखिरकार थाने के कैद से मुक्ति मिल गयी. बता दें कि पूर्णिया के एसीजेएम की कोर्ट ने भगवान की प्रतिमाओं को जमानत देते हुये उसे मंदिर में स्थापित करने का आदेश दिया था. मंगलवार को तीनों प्रतिमाओं को विधि-विधान के साथ प्राचीन राम जानकी ठाकुरबाड़ी मंदिर में स्थापित किया गया. सभी प्रतिमाओं को मरम्मत करने के बाद उनकी पॉलिश की गई फिर प्राण-प्रतिष्ठा के साथ ऐतिहासिक मंदिर में पुन: स्थापित किया गया.

बिहार: कोर्ट के आदेश पर थाने में 'कैद' से भगवान को मिली मुक्ति! विधि-विधान के साथ मंदिर में किया गया स्थापित

बता दें कि विगत 11 मार्च को सहायक खजांची थाना अंतर्गत रजनी चौक के पास प्राचीन ऐतिहासिक राम जानकी ठाकुर बाड़ी से करोड़ों रुपये मूल्य की अष्टधातु की तीन मूर्तियों की चोरी हुई थी. इन मूर्तियों में भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण जी की प्रतिमा थी. मूर्ति चोरों ने इन प्रतिमाओं को खंडित कर प्रतिमाओं के हाथ और पैर काट दिए थे.

एसपी विशाल शर्मा ने बताया कि दो माह के अंदर मई महीने में चोरी हुई तीनों प्रतिमा पुलिस ने बरामद कर लिया था. पुलिस ने इस दौरान नौ मूर्ति तस्करों को भी गिरफ्तार किया था. इसके बाद से सारी मूर्तियां पुलिस की अभिरक्षा में सहायक खजांची थाना में बंद थीं. कोर्ट के आदेश पर आज तीनों प्रतिमाओं को फिर से मंदिर में स्थापित किया गया.

वहीं, अधिवक्ता दिलीप कुमार दीपक ने कहा कि मंदिर के पुजारी व ट्रस्ट के सचिव मुरारी बाबा की जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुये एसीजेएम कोर्ट ने मूर्ति को मंदिर में स्थापित करने का आदेश दिया है. साथ ही थाना को इसकी रिपोर्ट कोर्ट को देने को भी कहा गया है. अधिवक्ता ने कहा कि भगवान राम आस्था के शिखर पुरुष औऱ पुरुषोत्तम हैं.

कोर्ट ने थाना प्रभारी को निर्देश देते हुए कहा कि भगवान की प्रतिमा मंदिर में स्थापित हो न कि इस मूर्ति का स्वामी कोई पुजारी है. कोर्ट के इस आदेश से मंदिर कमिटी समेत पूर्णियावासियों में खुशी व्याप्त है. वहीं कोर्ट के आदेश के बाद सहायक खजांची थाना प्रभारी अमित कुमार ने मंदिर प्रांगण में ही कारीगरों को बुलाकर सभी प्रतिमाओं के मरम्मत करा कर उसे मंदिर में स्थापित करवाया.

Source : News18

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