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बिहार बोर्ड ने जारी किया इंटर परीक्षा का एडमिट कार्ड, इस लिंक से करें डाउनलोड

बिहार बोर्ड इंटरमीडिएट वार्षिक परीक्षा 2021 की परीक्षा का प्रवेश पत्र जारी कर दिया गया है। स्कूलों के प्रमुख बोर्ड वेबसाइट seniorsecondary.biharboardonline.com पर जाकर यूजर आईडी और पासवर्ड से अपने अपने स्कूलों के बच्चों के एडमिट कार्ड डाउनलोड कर सकते हैं। शिक्षण संस्थानों के प्रमुख हस्ताक्षर और मुहर लगाने के बाद ही ये एडमिट कार्ड स्टूडेंट्स को देंगे।
बोर्ड वेबसाइट पर 31 जनवरी तक प्रवेश पत्र अपलोड रहेगा।
बोर्ड की मानें तो जो छात्र सेंटअप परीक्षा उत्तीर्ण नहीं हुए हैं, उनका प्रवेश पत्र जारी नहीं किया जायेगा। इसका निर्देश सभी स्कूल ओर कॉलेजों को बोर्ड द्वारा भेज दिया गया है।
हेल्पलाइन नंबर भी हुआ जारी:
प्रवेश पत्र डाउनलोड करने में किसी तरह की परेशानी ना हो, इसके लिए बोर्ड ने हेल्पलाइन नंबर 612-2230039 और 2235161 जारी किया है।
यहां देखें बिहार बोर्ड इंटर परीक्षा 2021 की डेटशीट ( Bihar Board Inter Exam Datesheet 2021 )
छात्रों को 15 मिनट मिलेगा प्रश्न पत्र पढ़ने के लिए
परीक्षा के दौरान 15 मिनट प्रश्न पत्र पढ़ने के लिए परीक्षार्थियों को दिया जाएगा। वहीं दृष्टिबाधित एवं दिव्यांग परीक्षार्थी जो स्वयं लिख नहीं सकते उनके लिए लेखक रखने की अनुमति बोर्ड द्वारा दी जाएगी। ऐसे परीक्षार्थियों को परीक्षा के निर्धारित समय से 20 मिनट प्रति घंटा अतिरिक्त समय दिया जाएगा। दृष्टिबाधित परीक्षार्थियों के लिए पूर्व की भांति विज्ञान के स्थान पर संगीत और गणित के स्थान पर गृह विज्ञान विषय की परीक्षा पुराने पाठ्यक्रम के आधार पर ली जाएगी।
Input: Live Hindustan
BIHAR
नीतीश कुमार बर्थडे: इन 10 फैसलों की वजह से नीतीश कुमार बने बिहार की सियासत के ‘हीरो’

बिहार के मुख्यमंत्री के तौर पर 7वीं बार शपथ लेकर नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने अपने कद को बहुत बड़ा कर लिया है. राज्य की सियासत के चाणक्य कहे जाने वाले सीएम आज 70 साल के हो गए हैं. यही नहीं, उनकी लंबी राजनीतिक पारी से लेकर व्यक्तित्व की चर्चा आज भी न सिर्फ उनके सहयोगी, बल्कि विरोधी तक करते हैं. इसके अलावा वह बिहार में अपने निर्णयों की वजह से महिला मतदाताओं पर खासी पकड़ रखते हैं.
1 मार्च 1951 को पटना जिला के बख्तियारपुर
(Bakhtiarpur) में जन्मे ‘मुन्ना’ जिसे आज देश और दुनिया नीतीश कुमार के नाम से जानती है, वह आज 70 साल के हो गए हैं. बचपन से ही तेज बुद्धि के नीतीश ने स्कूली पढ़ाई बख्तियारपुर से पूरी करने के बाद साइंस कॉलेज से पढ़ाई की और इसके बाद पटना इंजीनियरिंग कॉलेज से डिग्री ली. इसके बाद 1974 के आंदोलन में सक्रिय हो गए और राजनीति में कदम रखा. छात्र राजनीति में आने के बाद नीतीश कुमार ने पहली बार 1977 में विधानसभा चुनाव हरनौत से लड़ा, लेकिन वो हार गए. इसके बाद 1980 में एक बार फिर हरनौत से उन्हें शिकस्त मिली, लेकिन नीतीश कुमार ने हिम्मत नहीं हारी.
आखिरकार 1985 में हरनौत से नीतीश कुमार शानदार जीत हासिल की और विधायक बने, इसके बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. 1989 में तब के मजबूत नेता माने जाने वाले राम लखन सिंह यादव को बाढ़ से हराकर लोकसभा चुनाव जीता और पांच बार सांसद बने. वहीं, उनके (नीतीश) 1974 के आंदोलन के मित्र और राजनीतिक सहयोगी वशिष्ठ नारायण सिंह बताते हैं कि नीतीश कुमार ने छात्र राजनीति के वक्त ही अपनी अलग पहचान बना ली थी.
कुछ ऐसा है नीतीश का परिवार
कविराज राम लखन सिंह और माता परमेश्वरी देवी के पुत्र मुन्ना यानी नीतीश कुमार की पेशे से शिक्षिका मंजू कुमारी सिन्हा से शादी हुई. उनसे एक पुत्र निशांत है, जो इंजीनियर है. हालांकि मंजू सिन्हा का निधन हो चुका है. बता दें कि 2005 में नीतीश कुमार की अगुवाई में लालू प्रसाद यादव के खिलाफ जब एनडीए को शानदार जीत मिली थी, तब से वह कुछ महीने छोड़कर अब तक मुख्यमंत्री की कुर्सी पर काबिज हैं. इसके अलावा नीतीश कुमार ने केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में भी रेल और कृषि मंत्री जैसे महत्वपूर्ण विभाग संभालते हुए अपने काम का लोहा मनवाया है.
ये 10 फैसले बने नीतीश कुमार की पहचान:
- स्कूल जाने वाली लड़कियों के लिए साइकिल और पोशाक योजना की शुरुआत करना, जिसके कारण बड़ी संख्या में लड़कियां स्कूल जाने लगीं और उनकी साक्षरता दर में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है.
- स्पीड ट्रायल: अपराधियों पर लगाम लगाने के लिए नीतीश कुमार ने स्पीड ट्रायल की शुरुआत की. इसकी का नतीजा था कि अपराधियों के मन में भय समाया और बिहार में अपराध में काफी कमी आई.
- पंचायती राज में महिलाओं को आरक्षण: नीतीश कुमार के इस कदम से महिलाओं के आत्म विश्वास में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है.
- महिला पुलिस में सिपाही भर्ती में 33 प्रतिशत आरक्षण का फैसला जिसकी वजह से न सिर्फ महिलाओं को रोजगार मिला बल्कि महिलाओं का आत्मविश्वास भी खूब बढ़ा है.
- शराबबंदी: नीतीश कुमार का ये वो फैसला था जिसकी चर्चा आज भी होती है. विरोधी इस फैसले पर सवाल उठाते हैं, बावजूद इसके शराबबंदी ने बिहार के गांव से लेकर शहर की तस्वीर बदलने में बड़ा योगदान किया है.
- जल-जीवन और हरियाली: पर्यावरण को बचाने के लिए नीतीश कुमार के इस फैसले की सराहना देश और दुनिया में हुई है. इस फैसले से पर्यावरण को काफी फायदा मिल रहा है और जंगल भी बढ़ रहे हैं.
- सात निश्चय: हर घर जल, कल नल योजना को चला कर नीतीश कुमार ने गांव की शक्ल सूरत बदलने में बड़ी भूमिका निभाई है.
- बाल विवाह, दहेज प्रथा और बुजुर्ग मां-बाप की सेवा करना अनिवार्य बनाना, जैसे फैसले से भी बिहार में बदलाव का कारण बने हैं.
- देश में पहली बार किसी राज्य ने सवर्ण आयोग का गठन किया. महादलित समुदाय के किसी शख़्स से 15 अगस्त और 26 जनवरी को झंडा फहराने के फैसलने भी नीतीश कुमार को चर्चा दिलाई है.
- कृषि रोडमैप लाने वाला बिहार देश का पहला राज्य है, जिसकी वजह से बिहार में कृषि में काफी बदलाव आया है.
Input: Live Hindustan
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मुजफ्फरपुर सेंट्रल जेल में कारा प्रशासन की रेड, शौचालय के पास मिले तीन मोबाइल फोन

मुजफ्फरपुर सेंट्रल जेल में शनिवार की देर रात कारा प्रशासन ने छापेमारी की। वार्ड पांच के शौचालय के समीप तीन मोबाइल बिना सिम के मिले। कौन बंदी जेल में चोरी-छिपे मोबाइल का इस्तेमाल कर रहे थे, फिलहाल इसकी जानकारी नहीं हो सकी है। इस संबंध में जेल उपाधीक्षक सुनील कुमार मौर्य ने मिठनपुरा थाने में रविवार को अज्ञात पर एफआईआर कराई है।
जेल उपाधीक्षक ने बताया कि जेल अधीक्षक राजीव कुमार सिंह के नेतृत्व में औचक छापेमारी की गई। वार्ड पांच के खंड एक के शौचालय के समीप भुजिया के पैकेट में तीन काले मोबाइल मिले। इसे उच्चवर्गीय क्लर्क रवि कुमार व होमगार्ड सुनील कुमार के समक्ष जब्त किया गया। जेल उपाधीक्षक ने बताया कि वार्ड पांच के अलावा दूसरे वार्ड, सेल और टी-सेल में भी छापेमारी की गई। वहीं, मिठनपुरा थानेदार भगीरथ प्रसाद ने एफआईआर की पुष्टि करते हुए बताया कि जांच की जा रही है। मोबाइल को लैब भेजा जाएगा।
निलंबित न्यायिक पदाधिकारी के पास से मिला था मोबाइल :
प्रॉपर्टी डीलर हत्याकांड में चार्जशीटेड निलंबित न्यायिक पदाधिकारी के पास से फरवरी के दूसरे सप्ताह में औचक जांच के दौरान मोबाइल व चार्जर बरामद हुआ था। इस संबंध में एफआईआर भी कराई गई थी, लेकिन जांच की रफ्तार काफी धीमी है। जांच के लिए मोबाइल को अबतक लैब नहीं भेजा गया। न ही आईओ ने मोबाइल रखने के आरोपित बंदी निलंबित न्यायिक पदाधिकारी से पूछताछ की है।
Input: Live Hindustan
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ट्रेन के बाद अब बस का सफर भी होगा महंगा, बिहार में होली से पहले 25 प्रतिशत यात्री किराया बढ़ेगा

बिहार में लोगों पर एक और पेट्रोल-डीजल और घरेलू गैस सिलेंडर के दामों में बढ़ोतरी की मार के बाद अब एक और महंगाई की मार पड़ने वाली है। दरअसल प्रदेश में बस यात्रा 25 फीसदी महंगी होने जा रही है। बिहार मोटर ट्रांसपोर्ट फेडरेशन ने यात्री किराया 25 फीसदी बढाने का निर्णय लिया है। 14 मार्च की मध्य रात यानी 15 मार्च से यह लागू होगा।
बस मालिकों की रविवार को बैरिया में हुई बैठक में डीजल के बढ़ते दाम पर चिंता जताई गई। बैठक में कहा गया कि 19 से 28 फ़रवरी के बीच डीजल में प्रति लीटर 20 रुपये की बढ़ोतरी हुई है। आगे भी बढ़ने की आंशका है। ऐसे में गाड़ी के कागजात बनाने की सरकारी फीस भी बढ़ा दी गयी है। इसलिए यात्री किराया बढ़ाना मजबूरी है। फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष उदय शंकर सिंह ने बताया कि काफी विचार के बाद यात्री किराया 25 फीसदी बढ़ाने का फैसला लिया गया।
निर्णय लिया गया कि 14 मार्च से इसे लागू किया जाएगा। एक सप्ताह के अंदर भाड़ा चार्ट सभी वाहनों में लगा दिया जाएगा। बैठक में संरक्षक अमर पांडेय, जिला अध्यक्ष मुकेश शर्मा, कामेश्वर महतो, आलोक सिंह, मुन्ना सिंह, बलिंद्र सिंह, ब्रजभूषण सिंह, रामरेखा राय, रोहित कुमार, सुधीर सिंह आदि मौजूद रहे।
Input: Live Hindustan
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