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बिहार : 22 एके-47 में 6 सेना की जवानों की चुरा’कर लाया था मुंगेर
बिहार में मुंगेर जिले से बरामद 22 एके-47 में छह एके-47 आर्मी जवान की थी। इसे जबलपुर की ऑर्डिनेंस फैक्ट्री से निकाला गया था। इसकी पुष्टि एनआईए द्वारा न्यायालय में जमा किए गए चार्जशीट से हुई है। वहीं अन्य 16 एके-47 कहां से लायी गयी थी, इसकी जांच एनआईए की टीम कर रही है। जिला […]
बिहार में मुंगेर जिले से बरामद 22 एके-47 में छह एके-47 आर्मी जवान की थी। इसे जबलपुर की ऑर्डिनेंस फैक्ट्री से निकाला गया था। इसकी पुष्टि एनआईए द्वारा न्यायालय में जमा किए गए चार्जशीट से हुई है। वहीं अन्य 16 एके-47 कहां से लायी गयी थी, इसकी जांच एनआईए की टीम कर रही है।
जिला पुलिस ने 29 अगस्त से 23 दिसंबर 2018 तक अलग-अलग जगहों पर छापेमारी कर 22 एके-47 बरामद किया था। इसका खुलासा 29 अगस्त को हुआ, जब जिला पुलिस ने जुबली वेल चौक के समीप तीन एके 47 के साथ मो. इमरान को गिरफ्तार किया था।
रूस से नयी एके-47 आते ही, रखी गयी एके-47 आती थी बाहर : सूत्रों के अनुसार भारत सरकार ने एके-47 खरीदने की डील रूस से की है। इसी कारण रूस से जैसे ही नयी एके-47 ऑर्डिनेंस फैक्ट्री आती थी। तो आर्मी द्वारा इस्तेमाल की जा रही एके-47 को ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में जमा कराने के बाद नयी एके-47 वितरित कर दी जाती थी। ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में आर्मी द्वारा इस्तेमाल एके-47 को रखा जाता था। इसी एके-47 को ऑर्डिनेंस फैक्ट्री का स्टोरकीपर सुरेश ठाकुर निकाल कर पूर्व आर्मरर पुरुषोत्तम लाल रजक को दिया करता था। इसके बाद पुरुषोत्तम लाल रजक एके-47 को बिक्री करने के लिए मुंगेर के हथियार तस्करों को सप्लाई करता था।
80 में 22 एके-47 हुई हैं बरामद : एके-47 मामले में गिरफ्तार हथियार तस्कर और पुरुषोत्तम लाल रजक ने पुलिस को बताया कि जिले में बिक्री करने के लिए लगभग 80 एके-47 लायी गयी है। लेकिन जिला पुलिस अब तक 22 एके-47 ही बरामद कर सकी है। 68 एके-47 की बरामदगी के लिए पुलिस कार्रवाई जरूर कर रही है। लेकिन सफलता हाथ नहीं लग रही है।
पांच दिन पूर्व ही गृह मंत्रालय ने अनुसंधान का जिम्मा नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी को सौंपा था। सात फरवरी को पूर्णिया पुलिस द्वारा पकड़े गये अंतरराष्ट्रीय हथियार तस्कर गिरोह व यूबीजीएल के तार म्यांमार और उग्रवादियों संगठन से जुड़े होने के कारण मामला काफी संवेदनशील बन चुका है। बिहार में पहली बार म्यांमार आर्मी द्वारा सप्लाई किए गये यूबीजीएल व एके 47 मिलने से सनसनी फैल गयी थी। नगालैंड से पटना जा रहे सफेद सफारी में तीन तस्करों के पास से 1800 जिंदा कारतूस और दो यूबीजीए व एक एके 47 की बरामदगी ने पुलिस व खुफिया एजेंसियों के कान खड़े कर दिए थे। सात फरवरी को पकड़े गए तस्कर से पूछताछ में पुलिस को पता चला कि पटना का मुकेश कुमार सिंह इसका मास्टरमाइंड है। वह उग्रवादी संगठन टीपीसी को हथियार सप्लाई करता था।
यूबीजीएल हथियार तस्करी मामले की जांच करने एनआईए की तीन सदस्यीय टीम शुक्रवार सुबह पूर्णिया पहुंच गयी। करीब 12 बजे एसपी विशाल शर्मा से मिलकर टीम ने इस मामले में कुछ अहम बिंदुओं पर चर्चा की।
इस संबंध में एसपी विशाल शर्मा ने बताया कि लखनऊ से तीन सदस्यीय टीम आकर यूबीजीएल मामले की जांच कर रही है। टीम में एक एडिशनल एसपी व दो इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी शामिल थे। पूर्णिया पुलिस मामले से जुड़े सभी दस्तावेजों को सौंपनों की प्रक्रिया कर रही है। इसके बाद न्यायालय से इस मामले को एनआईए अपने कोर्ट में ट्रायल चलाएगी। टीम ने बायसी थाना पहुंचकर भी जांच की। .
एसपी ने बताया कि इस मामले में अबतक मास्टर माइंड मुकेश कुमार सिंह समेत छह लोगों को गिरफ्तारी हो चुकी है। इस मामले में संतोष समेत एक दर्जन लोग फरार चल रहे हैं। उनकी तलाश में बिहार, झारखंड समेत अन्य राज्यों में छापेमारी चल रही है।
Input : Hindustan
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बहन का अश्लील वीडियो बनाकर करता था ब्लैकमेल… ठोक दिया, गोपालगंज स्वर्ण व्यवसायी केस में बड़ा खुलासा

GOPALGANJ : स्वर्ण व्यवसायी के ऊपर सरेआम गोलियों से हमला करने के मामले का पुलिस ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए पुलिस ने तीन अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस अधीक्षक का कहना है कि गोलीबारी में घायल स्वर्ण व्यवसायी मामले में गिरफ्तार किए गए तीन अपराधियों में शामिल एक अपराधी की बहन का अश्लील वीडियो बनाकर उसे ब्लैकमेल करता था। और उसकी शादी तोड़वाने के लिए इस वीडियो का इस्तेमाल करता था। इससे नाराज होकर प्रेमिका के भाई ने स्वर्ण व्यवसायी को गोली मारने का प्लान बनाया। पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों के पास से एक पिस्तौल, बाइक और कई स्मार्ट फोन भी जब्त किए गए हैं।
एसपी ने जानकारी देते हुए बताया कि बीते दिनों उचकागांव थानाक्षेत्र के टोल प्लाजा के समीप बाइक सवार तीन अपराधियों ने स्वर्ण व्यवसायी राजू सोनी की गोली मारकर हत्या कर दी थी। दिनदहाड़े इस वारदात को अंजाम दिया गया था,जिस वजह से इलाके में दहशत फैल गई थी। एसपी ने बताया कि टोल प्लाजा पर लगे सीसीटीवी से अपराधियों की पहचान की गई।
हथुआ एसडीपीओ के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया गया था। एसआईटी की टीम ने घटना में शामिल तीनों अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया है। एसपी ने कहा कि वारदात में शामिल एक अपराधी की बहन को स्वर्ण व्यवसायी राजू सोनी हमेशा ब्लैकमेल करता था। आरोपी की बहन का अश्लील वीडियो बनाकर उसे 8 साल से ब्लैकमेल कर रहा था। पुलिस के अनुसार, इसी हरकत से तंग आकर लड़की के भाई ने अपने दो और दोस्तों के साथ मिलकर स्वर्ण व्यवसायी को गोली मार दी।
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पटना रेलवे स्टेशन पर अचानक से चलने लगी गंदी फिल्म, एजेंसी ब्लैक लिस्टेड

पटना जंक्शन पर ऐसी घटना घटी कि लोग शर्म से सिर झुका लिए। दरअसल स्टेशन पर विज्ञापन प्रसारण के लिए लगे दर्जनों टीवी स्क्रीनों पर अचानक से एडल्ट फिल्म चलना शुरू हो गया। तकरीबन 3 मिनट तक दर्जनों टेलीविजन स्क्रीन पर पॉर्न फिल्म चलती रही। इस वजह से वहां मौजूद लोग आक्रोशित हो गए।
जंक्शन पर मौजूद यात्रियों ने आनन-फानन में घटना की सूचना जीआरपी और आरपीएफ को दी। जिसके बाद विज्ञापन चलाने वाली एजेंसी से संपर्क कर प्रसारण को बंद कराया गया। वहीं इस तरह के अश्लील प्रसारण के लिए जिम्मेदार एजेंसी दत्ता कम्युनिकेशन पर एफआईआर दर्ज कर उसे ब्लैक लिस्ट कर दिया गया।
जानकारी के अनुसार, टेलीविजन स्क्रीन पर विज्ञापन प्रसारित करने के लिए एजेंसी को दिया गया अनुबंध भी समाप्त कर दिया है। वहीं, रेलवे अब एडल्ट फिल्म प्रसारित होने के मामले में अलग से जांच भी करवा रहा है।
गौरतलब है कि राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में भी साल 2017 कुछ इसी तरह का घटनाक्रम सामने आया था। अप्रैल माह में दिल्ली के राजीव चौक मेट्रो स्टेशन पर विज्ञापन के लिए लगी स्क्रीन पर पोर्न फिल्म दिखने लगी थी। स्टेशन पर मौजूद यात्रियों ने अपने-अपने मोबाइल कैमरे से स्क्रीन पर चलती क्लिप को रिकॉर्ड कर लिया था। देखते ही देखते वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो गई।
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पटना: 20 लाख कर्ज चुकाने को अगवा कर शिक्षक के इकलौते बेटे की हत्या

40 लाख की फिरौती के लिए अपहृत बिहटा के कन्हौली निवासी सह शिक्षक राज किशोर पंडित के 12 वर्षीय एकलौते पुत्र तुषार कुमार की घटना के दिन ही हत्या कर दी गई थी। एसआइटी ने मुख्य आरोपित मुकेश कुमार को गिरफ्तार कर लिया है, जो स्कूल संचालक और बिहटा के किशुनपुर का निवासी है। पूछताछ में उसने पुलिस को बताया कि कन्हौली में उसका कोङ्क्षचग और स्कूल था, जो बंद हो गया। वह करीब 20 लाख रुपये का कर्जदार हो गया था। वह तुषार और उसकी बहनों का शिक्षक रह चुका था। कर्ज चुकाने के लिए उसने शिक्षक के पुत्र तुषार को विश्वास में लेकर अपहरण किया। अपहरण के एक घंटे बाद ही उसकी गला दबाकर और चाकू गोदकर हत्या कर दी। छात्र का मोबाइल पास में रख लिया। साक्ष्य मिटाने के लिए बिहटा में आइएसआइसी अस्पताल के पास ही शव को पेट्रोल से जला दिया। इसके बाद छात्र के मोबाइल से वायस मैसेज भेज उसके स्वजनों से 40 लाख की फिरौती मांगने लगा। मुकेश को एसकेपुरी के वेस्ट बोङ्क्षरग कैनाल रोड से गिरफ्तार किया गया है और उसके पास से छात्र का मोबाइल भी बरामद किया गया है।
एसएसपी राजीव मिश्रा ने बताया कि गुरुवार की शाम करीब 6:30 बजे तुषार कुमार घर से निकला था। स्वजनों ने बच्चे को फोन किया तो चंद मिनट में घर लौटने की बात कही। इसके बाद उसका मोबाइल बंद हो गया। स्वजन की शिकायत पर बिहटा पुलिस केस दर्ज कर छात्र की तलाश में जुट गई। एसपी के नेतृत्व में एसआइटी गठित की गई। एसआइटी की तीन टीम छानबीन में जुटी थी। एक टीम तुषार के मोहल्ले के साथियों व परिचितों से पूछताछ कर रही थी, दूसरी विद्यालय और कोङ्क्षचग से सूचना जुटा रही थी और तीसरी तकनीकी जांच में जुटी थी। अपहृत के मोबाइल का आखिरी लोकेशन पता कर आसपास के इलाके में छापेमारी की जा रही थी। तकनीकी टीम को पता चला कि छात्र की आखिरी बार बातचीत निजी स्कूल संचालक मुकेश कुमार से हुई थी। पुलिस मुकेश के बारे में जानकारी जुटाने लगी तो पता चला कि वह कन्हौली में विवेकानंद मेमोरियल के नाम से स्कूल और प्रियांश एजुकेशन प्वाइंट कोङ्क्षचग इंस्टिट््यूट चलाता था, जो दिसंबर 2022 में बंद हो गया। वहीं जिस दिन से छात्र गायब हुआ उस दिन से मुकेश भी घर नहीं जा रहा था। पुलिस को मुकेश पर संदेह हुआ, लेकिन वह लगातार ठिकाना बदल रहा था। एसआइटी की टीम उसकी तलाश में बिहटा, नौबतपुर, शाहपुर, पालीगंज, मनेर और खगौल में दबिश दे रही थी। इधर, शनिवार को आइएसआइसी अस्पताल के पास से एक जला हुआ शव बरामद हुआ। श्वान दस्ते को बुलाया गया। फोरेंसिक की टीम भी साक्ष्य संकलन में जुट गई। एम्स में परीक्षण के लिए भेजने पर पता चला उक्त शव तुषार का है।
पुलिस की पूछताछ में आरोपित ने छात्र की हत्या की बात स्वीकार की। घटना के किसी अन्य के शामिल होने की बात से इन्कार किया। फिलहाल, पुलिस इस बिन्दु पर अभी जांच कर रही है। आरोपित ने पुलिस को बताया कि स्कूल चलाने के लिए उसने जिन लोगों से 20 लाख रुपये कर्ज ले रखा था, उनके तकादे से वह परेशान हो गया था। पूर्व में वह छात्र का शिक्षक रहा चुका था। घटना के चार दिन पूर्व उसने छात्र के अपहरण और फिर हत्या की साजिश रची थी। उसे इस बात की जानकारी थी कि वह एकलौता और उसके पिात की कन्हौली में काफी संपत्ति हैं।
आरोपित को उम्मीद थी कि छात्र का अपहरण करने के कुछ देर बाद ही उसे रकम मिल सकती है। इसके बाद उसने छात्र को फोन कर बुलाया। विश्वास में लेकर उसे बाइक पर बैठाया और फिर उक्त अस्पताल के समीप ले गया था। वहां ले जाने के बाद पहले छात्र का गला दबाया और फिर चाकू से वार कर हत्या कर दी। पेट्रोल छिड़कर छात्र के शव को जला दिया और छात्र का मोबाइल लेकर वहां से ठिकाना बदलने लगा। छात्र के मोबाइल से वायस मैसेज उसके स्वजन को भेज फिरौती मांगने लगा। अलग-अलग जगहों पर ठिकाना बदलने के बाद वह वेस्ट बोङ्क्षरग कैनाल रोड स्थित लाज में छिप गया था।
Source : InextLive
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