बीआरए बिहार विश्वविद्यालय को नववर्ष पर बहुमंजिले परीक्षा भवन की सौगात मिलेगी। बिहार सरकार के बीएसआइडीसी की ओर से मुख्यालय के बगल में ही इसका निर्माण कराया गया है। परीक्षा नियंत्रक डॉ.मनोज कुमार ने बताया कि मार्च में ही इस परीक्षा भवन का निर्माण पूरा कर हैंडओवर करना था। लेकिन, कोरोना के कारण इसमें विलंब हो गया। अब भवन में निर्माण से लेकर अन्य सभी कार्य पूरा कर लिया गया है। ऐसे में एक सप्ताह के भीतर इसे विवि के हैंडओवर कर दिया जाएगा। बताया कि इस परीक्षा भवन में एक साथ एक हजार परीक्षार्थी परीक्षा दे सकेंगे। परीक्षा को कदाचारमुक्त संचालित कराने के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। कंट्रोल रूम बनाया गया है जहां से परीक्षा की मॉनिटरिंग की जाएगी। भवन सभी अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है। साथ ही यहां पेयजल, शौचालय समेत अन्य सभी सुविधाओं का विशेष ख्याल रखा गया है। इस भवन का निर्माण कार्य 2018 में शुरू हुआ था। इसे मार्च 2019 तक विवि के हवाले करना था। लेकिन कोरोना के कारण विलंब हो गया। परीक्षा भवन का कुलपति इसी महीने उद्घाटन करेंगे।
कॉपी जांच के लिए भी स्थाई केंद्र : परीक्षा भवन में विभिन्न परीक्षा की कॉपियों का मूल्यांकन भी होगा। अभी कॉपी जांच के लिए अलग-अलग केंद्र बनाना पड़ता है। इस कारण परेशानी होती है। इससे छूटकारा मिलेगा।
विवि को बहुमंजिले परीक्षा भवन की मिलेगी सौगात
मुजफ्फरपुर : बीआरए बिहार विश्वविद्यालय इस वर्ष एक दर्जन नए कोर्स का संचालन शुरू करेगा। इसको लेकर विवि की ओर से तैयारी शुरू कर दी गई है। विवि की बैठक में इसे पास होने के बाद स्वीकृति के लिए राजभवन को भेजा जाएगा। मेडिकल से जुड़े कोर्स मेडिकल कॉलेजों व एलएलएम कोर्स लॉ कॉलेज के लिए होंगे। जबकि, मास्टर ऑफ मास कम्युनिकेशन एमजेएमसी कोर्स का संचालन विवि में ही होगा। विवि की ओर से अगले महीने बैठक में इसे पास कर भेजा जाएगा।
अन्य विवि के तर्ज पर तैयार होगा सिलेबस, सीटों पर बैठक में निर्णय : इन कोर्स के संचालन को लेकर अन्य विश्वविद्यालयों से सिलेबस मंगाकर उसका अध्ययन किया जाएगा। उसी आधार पर सिलेबस तैयार किया जाएगा। साथ ही सीटों की संख्या कितनी होगी बैठक में इसपर भी निर्णय लिया जाएगा।
पत्रकारिता से पीएचडी करने के लिए छात्रों को सुविधा : उत्तर बिहार में पत्रकारिता पाठ्यक्रम में पीएचडी की सुविधा अन्य किसी विश्वविद्यालय के पास नहीं है। ऐसे में यदि एमजेएमसी कोर्स की शुरूआत होती है तो छात्र यहीं से पीएचडी कर सकेंगे।
Source : Dainik Jagran