बेंगलुरु में इंडिगो की दो फ्लाइट्स जमीन से 3000 हजार फीट की ऊंचाई पर आपस में टकराने से बाल-बाल बच गई. इस दौरान दोनों फ्लाइट्स में करीब 400 से ज्यादा यात्री मौजूद थे. यह घटना 7 जनवरी की है. बेंगलुरु एयरपोर्ट से उड़ान भरने के कुछ देर बाद ही यह खतरनाक स्थिति बन गई थी. डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविशन ने इस बात का खुलासा किया. डीजीसीए के चीफ अरुण कुमार ने कहा कि इस मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं.

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डीजीसीए के अधिकारियों के अनुसार, इस घटना को किसी भी लॉगबुक में दर्ज नहीं किया गया और ना ही एयरपोर्ट अथॉरिटी से इस मामले की रिपोर्ट की गई.

डीजीसीए प्रमुख अरुण कुमार ने कहा कि बेंगलुरु एयरपोर्ट से इंडिगो की फ्लाइट 6E 455 ने कोलकाता और 6E 246 ने भुवनेश्वर के लिए उड़ान भरी थी. राहत की बात है कि रडार कंट्रोलर ने इस खामी का पता लगा लिया और अलर्ट करते हुए इसकी सूचना दोनों विमान के पायलट्स को दे दी गई. जिससे यह हादसा होने से टल गया और फ्लाइट में मौजूद पैसेंडर व स्टाफ को कोई नुकसान नहीं हुआ.

डीजीसीए ने इस मामले में हुई चूक का पता लगाने के लिए जांच के आदेश दिए हैं. अरुण कुमार ने कहा कि इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. डीजीसीए के अन्य अधिकारी ने बताया कि, बेंगलुरु एयरपोर्ट पर उस दिन नॉर्थ रनवे का इस्तेमाल विमानों के प्रस्थान के लिए और साउथ रनवे का उपयोग आगमन के लिए किया जा रहा था. लेकिन बाद में शिफ्ट इंचार्ज ने साउथ रनवे को बंद करने का फैसला किया लेकिन साउथ टॉवर के एयर ट्रैफिक कंट्रोलर को इसकी सूचना नहीं दी गई.

अधिकारी ने कहा कि, इस वजह से दोनों फ्लाइट्स को एक ही रनवे से एक ही समय में उड़ान भरने और लैंड करने की इजाजत दे दी गई. इसके कारण यह हालात बने. हालांकि जैसे ही विमान एक ही दिशा में आगे बढ़े और इनके आपस में टकराने की स्थिति बनी. रडार कंट्रोलर को जब इस बात की भनक लगी तो उन्होंने पायलट को सतर्क किया और यह हादसा टल गया.

Source : News18

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