लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर भारत के साथ तनाव और तनातनी के बीच चीन एक झील के किनारे जमीन से हवा में मार करने वाले मिसाइलों को तैनात कर रहा है। यह झील कैलाश-मानसरोवर का हिस्सा है। विशेषज्ञों के मुताबिक, मिसाइल की तैनाती चीन की ओर से जारी आक्रामक उकसावे का हिस्सा है, जिससे दोनों देशों के बीच सीमा विवाद और जटिल हो सकता है। इपोक टाइम्स ने एक रिपोर्ट में यह बात कही है।

Over 1,500 Kailash Mansarovar pilgrims from India stranded in Nepal, 100 evacuated - india news - Hindustan Times

कैलाश पर्वत और मानसरोवर झील, जिसे आमतौर पर कैलाश-मानसरोवर स्थल के रूप में जाना जाता है, चार धर्मों द्वारा पूजनीय है और भारत में सांस्कृति और आध्यात्मिक शास्त्रों से जुड़ा हुआ है। हिंदू इस स्थल को शिव और उनकी पत्नी पार्वती का निवास मानते हैं, तिब्बती बौद्ध लोग पहाड़ को कंग रिंपोछे कहते हैं। जैन इस पहाड़ को अस्तपद कहते हैं और इसे वह स्थान माना जहां उनके 24 आध्यात्मिक गुरुओं में से प्रथम ने मोक्ष प्राप्त किया। तिब्बत का बौद्ध पूर्व धर्म बोन्स के अनुयायी इस पर्वत को आकाश की देवी सिपाईमेन का निवास स्थान बताया। यह पवित्र स्थल सिंधु, ब्रह्मपुत्र, सतलज और कर्णाली (गंगा की एक प्रमुख सहायक नदी) का उद्गम स्थल भी है।

लंदन बेस्ड थिंक टैंक ब्रिज इंडिया में जियोपॉलिटिकल विशेषज्ञ और लेखक प्रियजीत देबसरकार ने इपोक टाइम्स को ईमेल पर बताया, ”मेरी नजर में यह भारत के खिलाफ चीन की उकसावे की कार्रवाई का हिस्सा है, जो LAC पर लद्दाख से पूर्वी और मध्य सेक्टर में दिख रहा है।” उन्होंने आगे कहा, ”तिब्बत में जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल की तैनाती से हैरानी नहीं होनी चाहिए। यह शुद्ध रूप से अधिनायकवादी अस्थिरता और भारत को उकसाने के लिए है, जिसने चीनी खतरे और आक्रामकता के सामने पीछे हटने से इनकार कर दिया है।”

वॉशिंगटन बेस्ड ह्यूस्टन इंस्टीट्यूट इनिशिटिव ऑन द फ्यूचर ऑफ इंडिया एंड साउथ एशिया की डायरेक्टर अपर्णा पांडे ने कहा कि चीन धर्म और संस्कृति में विश्वास और उनका सम्मान नहीं करता है। हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि वे किसी धर्म को नहीं मानते हैं। उनका मानना ​​है कि धर्म जनता की अफीम है और वे जिस विचारधारा की परवाह करते हैं, वह उनका कम्युनिज्म। वे प्रतीकों और प्रतीकवाद के बारे में परवाह नहीं करते हैं, यदि वे चीनी कम्युनिस्ट पार्टी से ना जुड़े हों।

भारत और चीन के बीच अप्रैल-मई से ही तनातनी जारी है। पूर्वी लद्दाख के कई इलाकों में चीनी सेना ने घुसपैठ की कोशिश की, जिसका भारतीय सैनिकों ने मुंहतोड़ जवाब दिया है। 15 जून को गलवान घाटी में दोनों देश के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई, जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए। चीन के भी कई सैनिक हताहत हुए लेकिन उसने अभी तक संख्या का खुलासा नहीं किया है। इस बीच 29-30 अगस्त की दरम्यानी रात भी दोनों देशों के सैनिकों में झड़प की खबर है।

दोनों देशों के बीच सैन्य और कूटनीतिक स्तर पर बातचीत भी चल रही है, लेकिन चीन की चालाकियों और चालबाजियों की वजह से अभी तक मामला सुलझ नहीं पाया है। इस बीच चीन लगातार LAC पर मोर्चेबंदी में जुटा है। भारतीय सीमा पर उसने कई जगह जंगी तैयारी शुरू कर दी है। भारत ने भी उसी मुताबिक तैयारी कर रखी है।

Input : Hindustan

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