अफ्रीकी अमेरिकी जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या पर अमेरिका में चल रहे हिंसक प्रदर्शनों में एक भारतीय की भूमिका की इन दिनों जमकर तारीफ हो रही है। वाशिंगटन डीसी के रहने वाले भारतीय अमेरिकी राहुल दुबे ने 70 से अधिक प्रदर्शनकारियों को पनाह देकर लोगों का दिल जीत लिया है। समाचार एजेंसी पीटीआइ के मुताबिक, राहुल दुबे कई प्रदर्शनकारियों को अपने घर में पनाह दी।
"They were running for their lives, so you open the door"
Washington resident Rahul Dubey sheltered 80 protesters in his home to protect them from arresthttps://t.co/y0C5XMdHwc pic.twitter.com/bpOK6bvvK4
— BBC News (World) (@BBCWorld) June 3, 2020
एस्क्वायर पत्रिका को दिए एक साक्षात्कार में 44 वर्षीय राहुल ने कहा कि उनके घर में करीब 75 लोग थे। उन्हें एक सोफे जितनी ही जगह मिल रही थी। एक मां और बेटी के परिवार को उन्होंने अपने बेटे का कमरा दे दिया था ताकि वे आराम कर सकें। उन्होंने बताया कि भीड़ ज्यादा थी यहां तक कि मेरे बाथटब में भी लोग थे। हालांकि किसी ने कोई भी शिकायत नहीं की। सभी खुश थे क्योंकि वे सुरक्षित थे। सभी एक-दूसरे को सहारा दे रहे थे।
"I hope that my 13-year-old son grows up to be just as amazing as they are."
Rahul Dubey opened his home to nearly 70 strangers overnight and sheltered them during D.C.'s curfew. He says our country needs people like THEM.
FULL INTERVIEW: https://t.co/hucxiraHk9 pic.twitter.com/BKFMsTsSgk
— 7News DC (@7NewsDC) June 2, 2020
राहुल सोमवार को हुए प्रदर्शन के बाद से ही चर्चा में आ गए थे। राहुल के इस कदम के लिए सोशल मीडिया पर उनकी काफी तारीफ हो रही है। एक प्रदर्शनकारी ने ट्वीट कर कहा कि राहुल ने उनकी जान बचाई। एक अन्य एलिसन लेन ने लिखा कि पेपर स्प्रे से पुलिस ने मुझे घायल कर दिया था उसके बाद मैं अब डीसी में एक घर में हूं। घर को पुलिस ने घेर रखा है जिसमें हम 100 लोग हैं। सभी लोगों ने अपने घरों के दरवाजे हमारे लिए खोल दिए हैं और हमारी देखभाल कर रहे हैं।
राहुल सोमवार को हुए प्रदर्शन के बाद से ही चर्चा में आ गए थे। राहुल के इस कदम के लिए सोशल मीडिया पर उनकी काफी तारीफ हो रही है। एक प्रदर्शनकारी ने ट्वीट कर कहा कि राहुल ने उनकी जान बचाई। एक अन्य एलिसन लेन ने लिखा कि पेपर स्प्रे से पुलिस ने मुझे घायल कर दिया था उसके बाद मैं अब डीसी में एक घर में हूं। घर को पुलिस ने घेर रखा है जिसमें हम 100 लोग हैं। सभी लोगों ने अपने घरों के दरवाजे हमारे लिए खोल दिए हैं और हमारी देखभाल कर रहे हैं।
राहुल दुबे ने बजफीड न्यूज से कहा कि कोई विकल्प ही नहीं बचा था। लोगों पर पेपर स्प्रे किया जा रहा था और उन्हें पीटा जा रहा था। मैं चाहता हूं कि मेरा 13 साल का बेटा इन्हीं की तरह एक अच्छा इंसान बने। मालूम हो कि मिनियापोलिस में 25 मई को एक श्वेत पुलिस अधिकारी ने अपने घुटने से जॉर्ज फ्लॉयड (46) की गर्दन दबाकर उसकी जान ले ली थी। अमेरिका में इन दिनों जॉर्ज फ्लॉयड के लिए इंसाफ की मांग के लिए हजारों लोग सड़क पर उतर आए हैं।