जितने ही बिहार के प्रवासी मजदूर तेज़ी से बिहार लौट रहे है उतना ही तेज़ी से लौट रहा है बिहार में कोरोना का ख़तरा क्योंकि बिहार में अब बढ़ रहे कोरोना मामलों में उन मजदूरों की संख्या अधिक है जो अन्य राज्यों से लौट रहे है. नये रिपोर्ट के सामने आने के साथ साथ सामने आ रहा है बाहर से आये मजदूर में कोरोना की पुष्टि की ख़बर. दरअसल अन्य राज्यों से आये मजदूरों के वज़ह से कोरोना का ख़तरा बिहार से काफी अधिक बढ़ चुका है. ऐसे में जो मजदूर बिहार वापस लौट रहे है उनमें संक्रमण का अधिक मामला सामने आ रहा है.

कल  भी कई ऐसे मामले सामने आये जिनमें मरीज़ प्रवासी मजदूरों में से थे. बिहार स्वास्थ सचिव के मुताबित शनिवार को भी आये 49 कोरोना पॉजिटिव मामलों में 44 अन्य राज्यों से आये मजदूर थे.दरअसल अन्य राज्यों से आये मजदूरों में कोरोना का ख़तरा अधिक है क्योंकि जिस राज्य से वो आ रहे है वहां कोरोना बुरी तरह से पैर फैला चुकी है.

मज़दूरो को बिहार वापस लौटाने के लिये बहुत हाय- तौबा मचा अब जैसे जैसे मजदूरों का बिहार लौटना हो रहा है, उतने ही तेज़ी से बिहार में कोरोना संक्रमण भी वापस लौट रहा है, अब मिल रहे है नये मामलो में प्रवासी लोगो की संख्या अधिक मिल रही है.

सरकार द्वारा अन्य राज्य से लौट रहे मजदूरों को कोरेन्टीन करने की व्यवस्था की गई है लेक़िन जरा सी भी चूक पूरे बिहार को खतरे में डाल देगा, प्रवासी मजदूर अगर क्वारेन्टीन नहीं किये गए तो यह बिहार को गर्त में धकेल देगा, प्रवासी मजदूरो को क्वारेन्टीन करने में प्रशासन की जिम्मेदारी अब बहुत अधिक बढ़ गयी है, क्योंकि बाहर से बिहार आ रहे प्रवासी साथ में कोरोना को भी ला रहे है.

ये कहना बिल्कुल सही होगा कि मज़दूरो के साथ-साथ बिहार में कोरोना का ख़तरा भी तेज़ी से लौट रहा है ऐसे में प्रशासन हाई अलर्ट पर है अगर एक भी मरीज़ बिना क्वारेन्टीन के घर चला गया तो बिहार का सत्यानाश होने में समय नहीं लगेगा.

अभिषेक रंजन, मुजफ्फरपुर में जन्में एक पत्रकार है, इन्होंने अपना स्नातक पत्रकारिता...