उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने ट्वीट कर एक मजदूर के हिम्मत को सलाम किया है। साथ ही मजदूर के बेटे की पढ़ाई का उठाने की बात भी कही है। गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले मध्य प्रदेश के धार जिले में मजदूरी करने वाले शोभाराम ने अपने बेटे आशीष को 10वीं के पेपर दिलवाने के लिए 105 किमी का सफर साइकिल से तय किया था। जब उनकी तस्वीर वायरल हुई तो बहुत से लोगों ने उनके जज्बे की तारीफ की। अब उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने फैसला किया कि वो उनके बेटे की पढ़ाई का खर्च उठाएंगे। सोशल मीडिया पर लोग महिंद्रा के इस कदम की सरहाना कर रहे हैं, वहीं अशीष के पिता ने भी उनका आभार जताया है।
A heroic parent. One who dreams big for his children. These are the aspirations that fuel a nation’s progress. At @MahindraRise we call it a Rise story. Our Foundation would be privileged to support Aseesh’s further Education. Could the journalist please connect us? pic.twitter.com/KsVVy6ptMU
— anand mahindra (@anandmahindra) August 20, 2020
आनंद महिंद्रा ने ट्विटर पर एक स्टोरी शेयर की और लिखा,कि इस पिता को सलाम! जो अपने बच्चों के लिए सुनहरे भविष्य का सपना देखते हैं। यही ख्वाब एक देश को आगे बढ़ाते हैं। हमारी संस्था आशीष की आगे की पढ़ाई का खर्च उठाएगी।’ इसके लिए उन्होंने पत्रकार से इस परिवार से संपर्क करवाने की गुजारिश की है। महिंद्रा के ट्वीट को खबर लिखे जाने तक 36 हजार लाइक्स और करीब 5 हजार री-ट्वीट मिल चुके हैं।
क्या है पूरा मामला?
मध्य प्रदेश के धार जिले में एक पिता ने अपने बेटे को 10वीं कक्षा की पूरक परीक्षा दिलवाने के लिए उसके साथ 105 किलोमीटर का सफर रात में आठ घंटे साइकिल चलाकर तय किया। 46 साल के शोभाराम परिहार 17 अगस्त की रात को अपने गांव धार जिले के बयड़ीपुरा से निकले। वह पर्चे के तय समय से ठीक पहले 18 अगस्त की सुबह अपने बेटे आयुष को लेकर धार जिले के ही भोज कन्या स्कूल पहुंच गए। शोभाराम खुद अशिक्षित हैं, लेकिन उनमें बेटे की इच्छा के अनुसार उसे अधिकारी बनाने का जज्बा है। कोरोना के चलते मध्य प्रदेश में बसों व अन्य सार्वजनिक वाहनों का परिचालन बंद है। इस कारण शोभाराम ने पहले तो बेटे को पूरक परीक्षा नहीं दिलवाने का फैसला किया, लेकिन बेटे की जिद व अपने जज्बे के दम पर सोमवार रात 105 किमी लंबे सफर पर वह निकले पड़े। जिस साइकिल से सफर किया वह भी बेटे आयुष परिहार को कक्षा नौवीं में सरकारी योजना के तहत मिली थी। अब आयुष का 24 अगस्त को एक पेपर और होना है। गौरतलब है कि मध्य प्रदेश शिक्षा बोर्ड की 10वीं कक्षा में जिन विद्यार्थियों को पूरक आई, उनके लिए राज्य सरकार ने ‘रुक जाना नहीं योजना’ शुरू की है।
गांव में कोई मदद नहीं करता
शोभाराम ने बताया कि गांव में कोई मदद नहीं करता है। 17 अगस्त की रात करीब 12 बजे वह गांव से धार के लिए बेटे को लेकर निकले थे। रास्ते में कई मुश्किलें आई, लेकिन 18 अगस्त को सुबह 7.45 मिनट पर बेटे को परीक्षा केंद्र पर पहुंचा दिया।
दो हजार रुपये उधार लिए
शोभाराम में बताया उन्होंने एक परिचित से दो हजार रुपये उधार लिए थे। 1500 रुपये बेटे के परीक्षा फॉर्म में लग गए। 500 रुपये साथ लाए थे।