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महाशिवरात्रि पर रात में करना चाहिए शिवजी की विशेष पूजा, ये हैं शुभ मुहूर्त
कल (4 मार्च, सोमवार) महाशिवरात्रि है। शिवपुराण के अनुसार, इस दिन भगवान शिव की विधि-विधान पूर्वक पूजा करने तथा व्रत रखने से विशेष फल मिलता है। महाशिवरात्रि पर शिव पूजा की विधि इस प्रकार है- व्रत विधिAdvertisement महाशिवरात्रि की सुबह व्रती (व्रत करने वाला) जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद माथे पर भस्म का त्रिपुंड तिलक […]
कल (4 मार्च, सोमवार) महाशिवरात्रि है। शिवपुराण के अनुसार, इस दिन भगवान शिव की विधि-विधान पूर्वक पूजा करने तथा व्रत रखने से विशेष फल मिलता है। महाशिवरात्रि पर शिव पूजा की विधि इस प्रकार है-
व्रत विधि
महाशिवरात्रि की सुबह व्रती (व्रत करने वाला) जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद माथे पर भस्म का त्रिपुंड तिलक लगाएं और गले में रुद्राक्ष की माला धारण करें। इसके बाद समीप स्थित किसी शिव मंदिर में जाकर शिवलिंग की पूजा करें। श्रृद्धापूर्वक व्रत का संकल्प इस प्रकार लें-
शिवरात्रिव्रतं ह्येतत् करिष्येहं महाफलम्।
निर्विघ्नमस्तु मे चात्र त्वत्प्रसादाज्जगत्पते।।
यह कहकर हाथ में फूल, चावल व जल लेकर उसे शिवलिंग पर अर्पित करते हुए यह श्लोक बोलें-
देवदेव महादेव नीलकण्ठ नमोस्तु ते।
कर्तुमिच्छाम्यहं देव शिवरात्रिव्रतं तव।।
तव प्रसादाद्देवेश निर्विघ्नेन भवेदिति।
कामाद्या: शत्रवो मां वै पीडां कुर्वन्तु नैव हि।।
इस प्रकार करें रात्रि पूजा
व्रती दिनभर शिव मंत्र (ऊं नम: शिवाय) का जाप करें तथा पूरा दिन निराहार रहें। (रोगी, अशक्त और वृद्ध दिन में फलाहार लेकर रात्रि पूजा कर सकते हैं।) शिवपुराण में रात्रि के चारों प्रहर में शिव पूजा का विधान है। शाम को स्नान करके किसी शिव मंदिर में जाकर अथवा घर पर ही पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुंह करके त्रिपुंड एवं रुद्राक्ष धारण करके
पूजा का संकल्प इस प्रकार लें-
ममाखिलपापक्षयपूर्वकसलाभीष्टसिद्धये शिवप्रीत्यर्थं च शिवपूजनमहं करिष्ये
व्रती को फल, फूल, चंदन, बिल्व पत्र, धतूरा, धूप व दीप से रात के चारों प्रहर पूजा करनी चाहिए साथ ही भोग भी लगाना चाहिए। दूध, दही, घी, शहद और शक्कर से अलग-अलग तथा सबको एक साथ मिलाकर पंचामृत से शिवलिंग को स्नान कराकर जल से अभिषेक करें। चारों प्रहर के पूजन में शिवपंचाक्षर (नम: शिवाय) मंत्र का जाप करें। भव, शर्व, रुद्र, पशुपति, उग्र, महान, भीम और ईशान, इन आठ नामों से फूल अर्पित कर भगवान शिव की आरती व परिक्रमा करें।
अंत में भगवान से प्रार्थना इस प्रकार करें-
नियमो यो महादेव कृतश्चैव त्वदाज्ञया।
विसृत्यते मया स्वामिन् व्रतं जातमनुत्तमम्।।
व्रतेनानेन देवेश यथाशक्तिकृतेन च।
संतुष्टो भव शर्वाद्य कृपां कुरु ममोपरि।।
अगले दिन (5 मार्च, मंगलवार) सुबह पुन: स्नान कर भगवान शंकर की पूजा करने के बाद व्रत का समापन करें।
शिवरात्रि पूजा के शुभ मुहूर्त
पहले प्रहर की पूजा – शाम 06:22 से रात 09:28 तक
दूसरे प्रहर की पूजा – रात 09:28 से 12:35 तक
तीसरे प्रहर की पूजा – रात 12:35 से 03:41तक
चौथे प्रहर की पूजा – रात 03:41 से अगले दिन सुबह 06:48 तक
महाशिवरात्रि व्रत की कथा इस प्रकार है-
किसी समय वाराणसी के जंगल में एक भील रहता था। उसका नाम गुरुद्रुह था। वह जंगली जानवरों का शिकार कर अपना परिवार पालता था। एक बार शिवरात्रि पर वह शिकार करने वन में गया। उस दिन उसे दिनभर कोई शिकार नहीं मिला और रात भी हो गई। तभी उसे वन में एक झील दिखाई दी। उसने सोचा मैं यहीं पेड़ पर चढ़कर शिकार की राह देखता हूं। कोई न कोई प्राणी यहां पानी पीने आएगा। यह सोचकर वह पानी का बर्तन भरकर बिल्ववृक्ष पर चढ़ गया। उस वृक्ष के नीचे शिवलिंग स्थापित था।
थोड़ी देर बाद वहां एक हिरनी आई। गुरुद्रुह ने जैसे ही हिरनी को मारने के लिए धनुष पर तीर चढ़ाया तो बिल्ववृक्ष के पत्ते और जल शिवलिंग पर गिरे। इस प्रकार रात के प्रथम प्रहर में अंजाने में ही उसके द्वारा शिवलिंग की पूजा हो गई। तभी हिरनी ने उसे देख लिया और उससे पूछा कि तुम क्या चाहते हो। वह बोला कि तुम्हें मारकर मैं अपने परिवार का पालन करूंगा। यह सुनकर हिरनी बोली कि मेरे बच्चे मेरी राह देख रहे होंगे। मैं उन्हें अपनी बहन को सौंपकर लौट आऊंगी। हिरनी के ऐसा कहने पर शिकारी ने उसे छोड़ दिया।
थोड़ी देर बाद उस हिरनी की बहन उसे खोजते हुए झील के पास आ गई। शिकारी ने उसे देखकर पुन: अपने धनुष पर तीर चढ़ाया। इस बार भी रात के दूसरे प्रहर में बिल्ववृक्ष के पत्ते व जल शिवलिंग पर गिरे और शिवलिंग की पूजा हो गई। उस हिरनी ने भी अपने बच्चों को सुरक्षित स्थान पर रखकर आने को कहा। शिकारी ने उसे भी जाने दिया। थोड़ी देर बाद वहां एक हिरन अपनी हिरनी को खोज में आया। इस बार भी वही सब हुआ और तीसरे प्रहर में भी शिवलिंग की पूजा हो गई। वह हिरन भी अपने बच्चों को सुरक्षित स्थान पर छोड़कर आने की बात कहकर चला गया। जब वह तीनों हिरनी व हिरन मिले तो प्रतिज्ञाबद्ध होने के कारण तीनों शिकारी के पास आ गए। सबको एक साथ देखकर शिकारी बड़ा खुश हुआ और उसने फिर से अपने धनुष पर बाण चढ़ाया, जिससे चौथे प्रहर में पुन: शिवलिंग की पूजा हो गई।
इस प्रकार गुरुद्रुह दिनभर भूखा-प्यासा रहकर रात भर जागता रहा और चारों प्रहर अंजाने में ही उससे शिव की पूजा हो गई, जिससे शिवरात्रि का व्रत संपन्न हो गया। इस व्रत के प्रभाव से उसके पाप तत्काल ही भस्म हो गए। पुण्य उदय होते ही उसने हिरनों को मारने का विचार त्याग दिया। तभी शिवलिंग से भगवान शंकर प्रकट हुए और उन्होंने गुरुद्रुह को वरदान दिया कि त्रेतायुग में भगवान राम तुम्हारे घर आएंगे और तुम्हारे साथ मित्रता करेंगे। तुम्हें मोक्ष भी प्राप्त होगा। इस प्रकार अंजाने में किए गए शिवरात्रि व्रत से भगवान शंकर ने शिकारी को मोक्ष प्रदान कर दिया।
भगवान शिव को प्रिय है ये रात्रि
फाल्गुन मास के कृष्णपक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार यह रात्रि भगवान शिव को अति प्रिय है। धर्म शास्त्रों के अनुसार, शिवरात्रि के महत्व का वर्णन स्वयं भगवान शिव ने माता पार्वती को बताया था। उसके अनुसार भगवान शिव अभिषेक, वस्त्र, धूप तथा पुष्प से इतने प्रसन्न नहीं होते जितने कि शिवरात्रि के दिन व्रत उपवास रखने से होते हैं-
फाल्गुने कृष्णपक्षस्य या तिथि: स्याच्चतुर्दशी।
तस्यां या तामसी रात्रि: सोच्यते शिवरात्रिका।।
तत्रोपवासं कुर्वाण: प्रसादयति मां ध्रुवम्।
न स्नानेन न वस्त्रेण न धूपेन न चार्चया।
तुष्यामि न तथा पुष्पैर्यथा तत्रोपवासत:।।
ईशानसंहिता में बताया गया है कि फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी की रात को आदिदेव भगवान श्रीशिव करोड़ों सूर्यों के समान
प्रभा वाले लिंगरूप में प्रकट हुए-
फाल्गुनकृष्णचतुर्दश्यामादिदेवी महानिशि।
शिललिंगतयोद्भुत: कोटिसूर्यसमप्रभ:।।
भगवान शिव की आरती
जय शिव ओंकारा ऊँ जय शिव ओंकारा। ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अद्र्धांगी धारा॥ ऊँ जय शिव…॥
एकानन चतुरानन पंचानन राजे। हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे॥ ऊँ जय शिव…॥
दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे। त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ ऊँ जय शिव…॥
अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी। चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी॥ ऊँ जय शिव…॥
श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे। सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे॥ ऊँ जय शिव…॥
कर के मध्य कमंडलु चक्रत्रिशूल धर्ता। जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता॥ ऊँ जय शिव…॥
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका। प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका॥ ऊँ जय शिव…॥
काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी। नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी॥ ऊँ जय शिव…॥
त्रिगुण शिवजीकी आरती जो कोई नर गावे। कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे॥ ऊँ जय शिव…॥
Input : Dainik Bhaskar
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उदयपुर हत्याकांड: आरोपियों की जयपुर कोर्ट में पेशी के दौरान पिटाई

जयपुर. उदयपुर हत्याकांड के चारों आरोपियों को जयपुर कोर्ट से निकलते समय अधिवक्ताओं ने जमकर पीटा. आरोपियों की किसी भी अधिवक्ता ने पैरवी नहीं की. चारों आरोपियों को एनआईए ने कोर्ट में पेश किया. वापस अजमेर जेल ले जाते समय अधिवक्ताओं का गुस्सा आरोपियों पर फूट पड़ा. उन्होंने चारों आरोपियों की पिटाई कर दी.
अदालत में पेश करने से पहले आरोपियों को लेकर पुलिस दल, एटीएस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) के कार्यालय में पहुंचा. एनआईए ने एटीएस से सभी दस्तावेजी सबूत एकत्र किये. इसके बाद कन्हैयालाल हत्याकांड के दो मुख्य आरोपियों मोहम्मद रियाज अख्तरी, गौस मोहम्मद और उनके साथी आसिफ और मोहसिन सहित चारों आरोपियों को एनआईए और एटीएस के दल ने अदालत में पेश किया. सुरक्षा कारणों से अदालत और शहर के इलाकों में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया था.
#WATCH | Udaipur murder incident: Accused attacked by an angry crowd of people while being escorted by police outside the premises of NIA court in Jaipur
All the four accused were sent to 10-day remand to NIA by the NIA court, today pic.twitter.com/1TRWRWO53Z
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) July 2, 2022
उदयपुर हत्याकांड की जांच जैसे जैसे आगे बढ़ रही है हर रोज़ नए नए और बेहद चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं. हत्यारे गिफ्तार हो चुके हैं और उनसे पुलिस की पूछताछ लगातार जारी है जिसमें हर रोज़ नई नई बातें सामने आ रही हैं. कुछ ऐसे ही नए सवाल सामने आए हैं जिन्होंने सभी को चौंका दिया है. पुलिस की पूछताछ में ये खुलासा हुआ है कि जिस तरह के खतरनाक खंजर ये दोनों हत्यारे वीडियो में दिखा रहे हैं ठीक वैसे ही दो खंजर और बनाए गए थे. आखिर दोनों हत्यारों ने हत्या करने के बाद जो वीडियो बनाया गया… उसको शूट कौन कर रहा था ? आखिर कौन था जो वीडियो बनाने में इन हत्यारों की मदद कर रहा था? इन सवालों के जवाब पुलिस तलाश रही है.
पुलिस की पूछताछ में ये भी खुलासा हुआ है कि इन दोनों यानी आसिफ और मोहसिन ने भी खंजर लिया हुआ था. यानी कुल मिलाकर चार खंजर कन्हैया की हत्या के लिए बनाए गए थे. दो खंजर रियाज और गौस मोहम्मद के पास था और दो खंजर आसिफ और मोहसिन के पास थे.
Source : News18
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बैंक ऑफ बड़ौदा में ऑफिसर बनने का सुनहरा मौका, निकली है बंपर वैकेंसी

बैंक ऑफ बड़ौदा (BOB) ने स्पेशलिस्ट ऑफिसर (SO) के पदों को भरने के लिए आवेदन मांगे हैं. इच्छुक एवं योग्य उम्मीदवार जो इन पदों के लिए आवेदन करना चाहते हैं, वे Bank of Baroda की आधिकारिक वेबसाइट bankofbaroda.in पर जाकर अप्लाई कर सकते हैं. इन पदों के लिए आवेदन 22 जून से शुरू हो गई है.
इसके अलावा उम्मीदवार सीधे इस लिंक https://www.bankofbaroda.in/career पर क्लिक करके भी इन पदों के लिए आवेदन कर सकते हैं. साथ ही इस लिंक https://www.bankofbaroda.in/-/media/Project/BOB/CountryWebsites के जरिए आधिकारिक नोटिफिकेशन को भी देख सकते हैं. इस भर्ती प्रक्रिया के तहत कुल 325 पदों को भरा जाएगा.
BOB SO Recruitment 2022 के लिए महत्वपूर्ण तिथियां
ऑनलाइन आवेदन करने की शुरुआत तिथि- 22 जून 2022
ऑनलाइन आवेदन करने की अंतिम तिथि – 12 जुलाई 2022
BOB SO Recruitment 2022 के लिए रिक्ति विवरण
पद का नाम ग्रेड रिक्तियों की संख्या
रिलेशनशिप मैनेजर एसएमजी/एस-IV- 75
कॉर्पोरेट और संस्थान क्रेडिट एमएमजी/एस-III- 100
क्रेडिट विश्लेषक एमएमजी/एस-III- 100
कॉर्पोरेट और संस्थान क्रेडिट एमएमजी/एस-II- 50
BOB SO Recruitment 2022 के लिए योग्यता मानदंड
संबंध प्रबंधक और कॉर्पोरेट और संस्थान (क्रेडिट) – ग्रेजुएट (किसी भी विषय में) और वित्त में विशेषज्ञता के साथ पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री / डिप्लोमा (न्यूनतम 1 वर्ष का पाठ्यक्रम) होना चाहिए.
क्रेडिट एनालिस्ट- ग्रेजुएशन (किसी भी विषय में) और फाइनेंस में स्पेशलाइजेशन के साथ पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री या सीए/सीएमए/सीएस/सीएफए होना चाहिए.
कॉर्पोरेट और संस्थान क्रेडिट – ग्रेजुएट (किसी भी विषय में) और CA होना चाहिए.
BOB SO Recruitment 2022 के लिए आयु सीमा
रिलेशनशिप मैनेजर – 25 से 42 वर्ष
कॉर्पोरेट और संस्थान क्रेडिट – 28 से 35 वर्ष
क्रेडिट एनालिस्ट – 28 से 35 वर्ष
कॉर्पोरेट और संस्थान क्रेडिट – 25 से 30 वर्ष
BOB SO Recruitment 2022 के लिए वेतन
एमएमजीएस II: रु. 48170 x 1740 (1) – 49910 x 1990 (10) – 69180
एमएमजीएस III: रु। 63840 x 1990 (5) – 73790 x 2220 (2) – 78230
एसएमजी/एस-IV : रु. 76010 x 2220 (4) – 84890 x 2500 (2) – 89890
BOB SO Recruitment 2022 के लिए आवेदन शुल्क
अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति / विकलांग व्यक्ति (पीडब्ल्यूडी) / महिला – 100 / – रुपये
जनरल/ओबीसी/ईडब्ल्यूएस- 600/- रुपये
Source : News18
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मुजफ्फरपुर : अग्निपथ योजना संबधी जानकारी के लिए सेना के अधिकारी से संपर्क कर ले सकते जानकारी

सेना भर्ती निर्देशक कर्नल बॉबी जसरोटिया ने जिले के युवाओं से अपील की है कि वे अग्निपथ योजना से संभंबित किसी भी प्रकार की जानकारी लेने के लिए सेना भर्ती कार्यालय मै 10 बजे से 1 बजे के बीच आ कर जानकारी पराप्त कर सकते है।
साथ ही साथ सेना भर्ती निर्देशक ने सेना भर्ती कार्यालय के आधीन आठों जिलों के युवाओं से आग्रह किया की बह किसी के बहकावे में न आएं और उपद्रवी गतिविधियों में भाग न लें। इससे न केवल उनके वविश का नुकसान होगा बल्कि देश और समाज का भी नुकसान होगा।
कर्नल बॉबी जसरोटिया ने बताया कि कुछ आसामाजिक तत्व अग्निपथ योजना पर बारंभ फला रहे है आप उन के जासे मै ना आए।
किसी भी क्षण भारतीय सेना के JIA साइट पर अग्नि पथ योजना में भर्ती का नोटिफिकेशन जारी हो सकता है। बताया कि नोटिफिकेशन जारी होने पर उसके आलोक में युवा/नौजवान सेना बहाली की विभिन्न प्रक्रियाओं में भाग लेने की दिशा में पूरी तत्परता एवं मनोयोग के साथ आगे आएं और सेना में बहाल होकर देश की सेवा करें।
उन्होंने कहा कि किसी के बहकावे म आकर उपद्रवी गतिविधियों में शामिल होने के कारण यदि प्रथमिकी दर्ज होती है तो आपका और आपके माता- पिता के सपने पूरे नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि सरकारी संपत्ति पब्लिक की ही संपत्ति है।अतः किसी भी प्रकार की संपत्ति यथा: सड़क, रेलवे स्टेशन, ट्रेन, बस, निजी वाहनों इत्यादि को नुकसान न पहुंचाया जाए।
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