ट्रैफिकिंग का शिकार हुईं झारखंड की चार लड़कियों को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग में एक दिन के लिए अध्यक्ष और सदस्य की भूमिका दी जाएगी. उनके सामने बाल संरक्षण से जुड़े मामले भी रखे जाएंगे और इनपर फैसला सुनाने का अधिकार भी इन लड़कियों को मिलेगा.
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केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने यह घोषणा रविवार को नई दिल्ली में आयोजित एक सेमिनार के दौरान की. सेमिनार में झारखंड की इन चार लड़कियों ने भी शिरकत की.
स्मृति ईरानी ने की झारखंड की बेटियों की सराहना
झारखंड से ह्यूमन ट्रैफिकिंग को रोकने के लिए अभियान चलानेवाली स्वयंसेवी संस्था बीकेएस के सचिव संजय मिश्र ने बताया कि केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने ट्रैफिकरों के कब्जे से मुक्त होकर नए हौसले के साथ खड़ी होनेवाली झारखंड की बेटियों की सराहना की.
कई कड़वे पड़ाव का किया अनुभव
झारखंड की जिन चार लड़कियों को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग में एक दिन की निर्णायक भूमिका के लिए चुना गया है, उनमें बसंती कच्छप, शशि शानी सुंडी, प्रतिमा कुमारी और देवंती कुमारी शामिल हैं. ये चारों कम उम्र में ही ट्रैफिकर्स का शिकार हुई थीं. उन्होंने कई कड़वे अनुभव झेले. बाद में इन चारों लड़कियों को ट्रैफिकर्स के चंगुल से मुक्त करा कर सिक्योरिटी गार्डस की ट्रेनिंग दी गई. ट्रेनिंग के बाद अब ये सभी लड़कियां सुरक्षा एजेंसी में गार्ड की नौकरी कर रही हैं.
एक दिन के भोज पर न्योता
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने इन चारों लड़कियों को मंत्रालय में एक दिन के भोज पर भी न्योता दिया है. नई दिल्ली में आयोजित सेमिनार में झारखंड से शामिल हुए प्रतिनिधियों ने मंत्री के समक्ष झारखंड से लगातार हो रही ट्रैफिकिंग की समस्याओं से अवगत कराया. इस पर मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि सरकार ट्रैफिकिंग रोकने के कानूनों को हर हाल में सख्ती से लागू कराएगी. इस दौरान बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो सहित अनेक लोग उपस्थित थे.
(इनपुट- आईएएनएस)
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