बरसात में शहर को डूबने से बचाने के बदले नगर निगम में सियासी खेल शुरू हो गया है। 9 जुलाई के बाद मेयर सुरेश कुमार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव अा सकता है। 2019 में कुर्सी गंवाने के बाद दूसरी बार उन्होंने 9 जुलाई को ही कुर्सी संभाली थी। इसलिए पार्षदों काे उनके इस कार्यकाल के 2 साल पूरा होने का इंतजार है। मेयर पद के उम्मीदवार रह चुके सशक्त स्थाई समिति सदस्य नंदकुमार प्रसाद साह पार्षदों की नब्ज टटोल रहे हैं। वार्ड 23 के पार्षद राकेश कुमार पिंटू भी पार्षदों के संपर्क में हैं। कम से कम 18 पार्षदों का हस्ताक्षर जरूरी है। दो साल पहले मेयर सुरेश कुमार काे मतदान में कुर्सी गंवानी पड़ी थी।
हालांकि, दोबारा वोटिंग में नंदकुमार प्रसाद साह के सहयोग से वे फिर कुर्सी पर काबिज हो गए। अब फिर दोनों के बीच दूरी बढ़ गई है। उधर, राकेश कुमार पिंटू की नजर भी मेयर की कुर्सी पर है। पार्षद केपी पप्पू कहते हैं कि अविश्वास प्रस्ताव के लिए खेमाबंदी चल रही है। लेकिन, अभी वक्त शहर काे मानसूनी बारिश में डूबने बचाने का है। इधर, नंद कुमार कहते हैं- यदि पार्षद चाहेंगे, तो वे उम्मीदवार बन सकते हैं। मेयर विकास विरोधी काम कर रहे हैं।
खजाने में पड़े हैं एक अरब रुपए, फिर भी नहीं हो रहा है काम : नगर विधायक
नगर विधायक विजेंद्र चौधरी ने कहा कि उन्हें निगम में 14-15वें वित्त आयोग समेत अन्य मद की एक अरब से अधिक राशि हाेने की जानकारी मिली है। ड्रेनेज मद में डेढ़ करोड़, जलजीवन हरियाली, नागरिक सुविधा, रोड कंस्ट्रक्शन और अन्य मद के एक अरब रुपए हैं। फिर भी डेवलपमेंट का काम नहीं होना समझ से परे है। मेयर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव से कोई लेना-देना नहीं है। विकास करनेवाले के साथ रहेंगे। काम के लिए अपने स्तर से दबाव जरूर बनाएंगे।
Input: dainik bhaskar