बिहार के मुजफ्फरपुर में एईएस से बच्चों की मौ’त का आकड़ा अब 142 पहुंच चुका है. बता दें कि सरकारी आकड़े के अनुसार 142 बच्चों ने द’म तोड़ दिया है. बता दें कि एसकेएमसीएच न 121 तो वहीँ केजरीवाल अस्पताल में 21 बच्चों की मौ’त हो गयी है. आपको बता दें कि रविवार को बिहार के गया जिले में 4 बच्चों ने द’म तोड़ा था. हालांकि बच्चों की मौ’त का कारण चमकी बुखार नहीं बल्कि कुपोषण का नाम दिया जा रहा है.

हालांकि मौसम में बदलाव हुआ है. रविवार को हुई बारिश से कुछ हद तक लोगों को राहत जरुर मिली है और मौत का सिलसिला कुछ हद तक कम हुआ है. चिकित्सक लगातार लगे हुए हैं. पटना से भी डॉक्टर की टीम को मुजफ्फरपुर और अन्य प्रभावित जिलों में भेजा गया है.

बता दें कि इस बीमारी से प्रभावित जिलों में मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, वैशाली, समस्तीपुर, सीतामढ़ी, औरंगाबाद, बांका, बेगूसराय, भागलपुर, भोजपुर, दरभंगा, गया, जहानाबाद, किशनगंज, नालंदा, पश्चिमी चंपारण, पटना, पूर्णिया, शिवहर, सुपौल शामिल हैं. मुजफ्फरपुर जिले के बाद पूर्वी चंपारण जिला सबसे अधिक प्रभावित हुआ है.

एक हफ्ता पहले मानसून ने बिहार में प्रवेश किया है. मुजफ्फरपुर सहित राज्य के अधिकांश हिस्सों में हल्की से मद्धिम बारिश हुई है, जिससे किसानों से ज्यादा डॉक्टर, मेडिकल अधिकारियों और एईएस से प्रभावित बच्चों के माता-पिता खुश हुए हैं क्योंकि तापमान घटने से चमकी बुखार का असर घटेगा.

Input : Live Cities

 

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