खाद की कालाबाजारी व अधिक कीमत पर बिक्री करनेवाली एजेंसी या दुकानों पर सरकार ने प्राथमिकी दर्ज कर लाइसेंस रद करने का आदेश दिया था। इस आदेश पर इतना ही अमल हुआ कि जिस एजेंसी को खाद बिक्री से लेकर हिसाब-किताब में घपला करने का दोषी पाया गया, उसे उर्वरक का सर्वाधिक आवंटन दे दिया गया। जिले में खाद के सबसे बड़े थोक विक्रेता अशोक टायर एजेंसी के विरुद्ध खुदरा विक्रेताओं ने अधिक कीमत लेकर उर्वरक बेचने की शिकायत की थी। मामले की जांच कृषि विभाग की चार सदस्यीय टीम से कराई गई। इसमें अधिक राशि लेकर खाद बेचने का आरोप प्रमाणित हुआ। जांच में यह बात भी सामने आई कि एजेंसी दो तरह के बिल तैयार करती है। एक बिना जीएसटी व दूसरा जीएसटी के साथ। टीम ने उर्वरक नियंत्रण आदेश का उल्लंघन पाते हुए जिला कृषि पदाधिकारी (डीएओ) को जांच रिपोर्ट भेज दी। इसके बाद जिले में आई उर्वरक की सभी रैक में उक्त एजेंसी को ही सर्वाधिक आवंटन दिया गया।

गड़बड़ी करनेवालों को संरक्षण

कृषि विभाग के चार पदाधिकारियों ने आठ जनवरी को संयुक्त जांच रिपोर्ट डीएओ को सौंपी थी। इसके बाद डीएओ कार्यालय से 22 को एक एवं 24 जनवरी को दो आवंटन आदेश जारी हुए। पहले आदेश में कुल 272.84 एमटी यूरिया में 123.210 एमटी (45.15 प्रतिशत) का आवंटन अशोक टायर एजेंसी को दिया गया। शेष आवंटन तीन थोक विक्रेताओं को दिया गया। इसके बाद 24 जनवरी को 722.52 एमटी उर्वरक एवं 360.80 एमटी यूरिया आवंटन में भी बड़ा हिस्सा उक्त एजेंसी को मिला। यह क्रमश: 146.52 एमटी और 70.8 एमटी था। विभाग के पदाधिकारी की एजेंसी पर मेहरबानी का आलम यह रहा कि इसी तिथि को जिले को कुल आवंटित 1521 एमटी उर्वरक में से 459 एमटी अशोक टायर को दे दिया गया। शेष 11 एजेंसी में आवंटित किए गए। सरकार के आदेश पर जहां कार्रवाई होनी थी, वहां मेहरबानी ने विभाग के पदाधिकारियों की मंशा पर सवाल खड़ा कर दिया है।

दावे-प्रतिदावे में मर रहे किसान

अशोक टायर एजेंसी के संजय कुमार कहते हैं, उन्हें कोई जांच रिपोर्ट नहीं मिली है। जांच के लिए जो टीम आई थी, उसने कंफ्यूजन में रिपोर्ट बनाई होगी। वहीं जिसने शिकायत की थी, उसने उसे वापस ले लिया है। जिला कृषि पदाधिकारी शिलाजीत सिंह कहते हैं कि शिकायत पर जांच कराई गई थी। शिकायत वापस लेने से फर्क नहीं पड़ता। गड़बड़ी की पुष्टि होने के बाद विभाग को रिपोर्ट भेज दी गई है। वहां जो दिशा-निर्देश आएगा उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी। अन्न, फल, सब्जी उत्पादक संघ के कार्यकारी संयोजक मुक्तेश्वर सिंह मुकेश कहते हैं, खाद के लिए हाहाकार है। कृषि विभाग के पदाधिकारी गड़बड़ी करने वालों पर मेहरबान हैं। प्रदेश महासचिव छात्र राजद के अमरेंद्र कुमार ने कार्रवाई नहीं होने पर लोक शिकायत अधिकार अधिनियम में परिवाद दायर किया है।

Source : Dainik Jagran

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