राजधानी पटना सहित मुजफ्फरपुर और गया की आबोहवा दिल्ली से भी ज्यादा जहरीली हो गई है। मंगलवार को पटना देश का तीसरा सबसे ज्यादा प्र’दूषित शहर बना रहा। यहां की हवा दिल्ली, गुड़गांव और ग्रेटर नोएडा से भी ज्यादा प्र’दूषित हो गई है। वायु गुणवत्ता सूचकांक में पटना से ऊपर लखनऊ और कानपुर रहे।

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इससे सांस के मरीजों की परेशानी बढ़ गई है। अपार्टमेंट के ऊपरी तल्ले पर रहने वाले भी इसकी चपेट में आ चुके हैं। मंगलवार शाम चार बजे दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक 324 रहा। वहीं पटना का 414, मुजफ्फरपुर का 385 और गया का 325 हो गया है। दिल्ली के अलावा गाजियाबाद, नोएडा, गुड़गांव, समेत एनसीआर का क्षेत्र पटना से कम प्रदूषित पाया गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण पर्षद द्वारा जारी देश के 103 शहरों की वायु गुणवत्ता सूचकांक ने पटना वालों के होश उड़ा दिए हैं।
पटना के खतरनाक श्रेणी में पहुंचने से यहां की हवा जहरीली हो गई है। बोर्ड सूत्रों के अनुसार भागलपुर, दरभंगा, नवादा, औरंगाबाद भी मानक (100) से अधिक प्रदूषित हो गया है। इन शहरों में मंगलवार को चाहे वह अस्पताल हो या सोशल साइट सभी जगह प्रदूषण चर्चा का मुख्य विषय रहा।
धूलकण हैं प्रदूषण बढ़ने का बड़ा कारण
पटना, गया और मुजफ्फरपुर में प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण धूलकण है। बिना ढंके निर्माण, सड़क पर गंदगी धूलकण के वाहक हैं। पुरानी गाड़ियों का काला धुआं भी इसका कारण है। राज्य में निजी और व्यावसायिक वाहनों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। ट्रैफिक जाम में ये गाड़ियां प्रदूषण बढ़ाती हैं।
30 फुट की ऊंचाई तक लोग नहीं हैं सुरक्षित शहर की हवा में धूलकण की मात्रा साढ़े चार गुणा बढ़ गई है। पटना में 30 फुट की ऊंचाई तक वायुमंडल में ये धूलकण तैर रहे हैं। यानी अगर आप ऊंचे मकान में रहते हैं तो भी वायु प्रदूषण के शिकार होंगे। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड 30 फुट की ऊंचाई तक वायु प्रदूषण का आकलन करता है।
शहरों का वायु गुणवत्ता सूचकांक जारी किया केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड ने
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- पटना 414
- मुजफ्फरपुर 385
- गया 325
- दिल्ली 324
Input : Hindustan