मुजफ्फरपुर. बदइंतजामी किस तरह लोगों की जान ले रही है, इसका उदाहरण मीनापुर प्रखंड के बनघारा गांव के उपेंद्र प्रसाद का परिवार है. उपेंद्र को दिल्ली में ऑक्सीजन नहीं मिला, तो वह किराये की गाड़ी से मुजफ्फरपुर लौटे. यहां उनकी मौत हो गयी.उपेंद्र प्रसाद (40 साल) पिछले 20 वर्षों से दिल्ली में रह रहे थे. ब्रेड सप्लाई का काम करते थे. बड़ा पुत्र दीपक इसी वर्ष 10 वीं पास किया है.

पुत्री नौवीं व छोटा पुत्र आठवीं में पढ़ रहा था. अचानक एक सप्ताह पहले उपेंद्र को बुखार लगी. इलाज दिल्ली में ही कराया तो बुखार ठीक हो गया. लेकिन, इसके बाद सांस लेने में समस्या उत्पन्न होने लगी. उनका ऑक्सीजन लेवल 80 तक पहुंच गया, लेकिन दिल्ली के किसी अस्पताल में ऑक्सीजन उपलब्ध नहीं होने की वजह से वह भर्ती नहीं हो पाये. परेशानी बढ़ती ही जा रही थी.

पत्नी व बच्चों से विचार के बाद निर्णय लिया कि किसी तरह घर ही चला जाये. वहीं के अस्पतालों में ऑक्सीजन मिलेगा और इलाज भी करा लेंगे. दिल्ली से घर आने के लिए 25 हजार रुपये में एक कार भाड़ा किया. परिवार के साथ उपेंद्र अपने ससुराल मीनापुर प्रखंड के ही कर्मवारी चले गये. वहां चिकित्सक की सलाह पर दवा खायी.

सोमवार की सुबह सांस का प्रॉब्लम अधिक बढ़ गया. ऑटो भाड़े पर लेकर एसकेएमसीएच के लिए चले. लेकिन, एसकेएमसीएच पहुंचने से पहले ही उपेंद्र ने दम तोड़ दिया. उपेंद्र के बड़े पुत्र दीपक ने बताया कि अब तीनों भाई-बहन की पढ़ाई का खर्च कहां से आयेगा. अब तो परिवार के सभी लोगों के लिए भोजन जुटाना ही मुश्किल दिख रहा है.

Input: Prabhat Khabar

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