मानसून के दौरान जिले में अब तक सामान्य से हुई अधिक बारिश के साथ संभावित बाढ़ से निपटने को लेकर बुधवार को डीएम प्रणव कुमार ने स्थिति की समीक्षा की। बैठक में डीएम ने सभी पदाधिकारियों को सजग रहने तथा पहले से सभी स्तरों पर आवश्यक व्यवस्था करने का निर्देश दिया। सिविल सर्जन को अत्यधिक बाढ़ के दौरान औराई, कटरा एवं गायघाट प्रखंड में लोगों को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए बोट एंबुलेंस चलाने का निर्देश दिया। वहीं, सभी सीओ को अपने-अपने क्षेत्र में अवस्थित तटबंधों का नियमित रूप से निरीक्षण करने तथा जनप्रतिनिधियों व संभावित बाढ़ प्रभावितों से संवाद स्थापित करते रहने को कहा।
साथ ही चिन्हित किए गए शरणस्थलों पर बाढ़ प्रभावित परिवारों के लिए सभी मूलभूत सुविधाओं का पुनः आंकलन कर पेयजल, शौचालय, प्रकाश व्यवस्था की उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा। साथ ही कहा कि नावों पर क्षमता से अधिक लोग आवागमन नहीं करने देने, प्रत्येक वार्ड में एक नाव की व्यवस्था करने करने का निर्देश दिया। वहीं, बूढ़ी गंडक, गंडक व बागमती नदी के कार्यपालक अभियंता को प्रशासनिक पदाधिकारियों के निरीक्षण में मिली कमियों के अनुसार अविलंब मरम्मत व अन्य कार्य कराने को कहा। कार्यपालक अभियंता, बूढ़ी गंडक को दादर कोल्हुआ के निकट अवस्थित टेनी बांध के 400 मीटर क्षतिग्रस्त भाग तथा मुशहरी अंचल के बैकटपुर एवं डुमरी के विभिन्न क्षतिग्रस्त भाग व नरौली पंचायत में अवस्थित स्लुईस गेट के सुदृढ़ीकरण व उसकी मरम्मत का निर्देश दिया।
सीएस को दवा, एंटी रैबीज की व्यवस्था रखने को कहा
डीएम ने सिविल सर्जन को संभावित बाढ़ को देखते हुए आवश्यक दवा, एंटी रैबीज इंजेक्शन, हैलोजन टैबलेट, ब्लीचिंग पाउडर आदि की उपलब्धता सभी सीएचसी व रेफरल अस्पतालों में सुनिश्चित करने, कोविड संक्रमण की तीसरी लहर को रोकने के लिए मोबाइल मेडिकल टीम की प्रतिनियुक्ति करने, औराई, कटरा व गायघाट अंचल के प्रखंड मुख्यालय से कट जाने वाली पंचायतों में बाढ़ के दौरान चिकित्सकीय सुविधाओं से युक्त बोट एंबुलेंस के संचालन का निर्देश दिया।
Source : Dainik Bhaskar