मुंगेर, बेगूसराय व वैशाली से अवैध हथियार मुजफ्फरपुर में पहुंचाए जा रहे हैं। औने-पौने दाम में हथियार खरीदकर अपराधी हत्या व लूट जैसी बड़ी वारदातों को अंजाम दे रहे हैं।
स्टेट क्राइम ब्यूरो की रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल सितंबर तक जिले में 238 हत्याएं हो चुकी हैं। इनमें से 95 फीसदी मौत गोली लगने से हुई है। लूटपाट की 387 से अधिक घटनाएं हुई हैं। इसमें करीब 70 फीसदी वारदातों को सड़कों पर बाइक सवार अपराधियों ने पिस्टल व कट्टा के बलपर अंजाम दिया है।
लूट के दौरान राहगीरों को गोली भी मारी गई है। पुलिस द्वारा गिरफ्तार अपराधियों के पास से भी औसतन हर माह 15 से 20 हथियार जब्त की जा रही है। इससे साफ है कि मुजफ्फरपुर में अवैध हथियारों की तस्करी बेधड़क हो रही है। अपराधियों से की गयी पूछताछ में खुलासा हुआ है कि लूटपाट व हत्या की वारदात को अंजाम देने के लिए मुंगेर व बेगूसराय में बने हथियार का इस्तेमाल किया जा रहा है।
15 सौ से लेकर 10 हजार रुपये तक में उपलब्ध है हथियार
वैशाली व पटना के दियारा में भी हथियार बनाए जाने की खुफिया जानकारी मिल रही है। कुछ वर्ष पहले तक मुजफ्फरपुर में भी बनाए जाते थे। पुलिस को अपराधियों ने बताया कि मुजफ्फरपुर में मुंगेर व बेगूसराय में बने हथियारों की अधिक डिमांड है। ये इस्तेमाल के दौरान धोखा नहीं देते हैं। 15 सौ से लेकर 10 हजार रुपये तक में उपलब्ध हैं। तस्कर आर्म्स के अलावा कारतूस भी सप्लाई करते हैं।
पुलिस पदाधिकारी की मानें तो जिले के अहियापुर, सदर, कुढ़नी, कटरा, औराई, मिठनपुरा, नगर, ब्रह्मपुरा-कांटी के सीमावर्ती इलाके चांदनी चौक, बैरिया में आर्म्स तस्कर सक्रिय हैं। शहर के मिठनपुरा व नगर थाना क्षेत्र में आर्म्स की डिलिंग होती है। हाल में मनियारी थाना क्षेत्र में एक पूर्व मुखिया के गोदाम से चार कट्टा व एक पिस्टल बरामद की गई थी।
बैरिया में मिल चुकी है अमेरिकन पेन पिस्टल
पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, अहियापुर थाना के बैरिया से अमेरिकन पेन पिस्टल भी बरामद हो चुकी है, जिसकी जांच ब्रह्मपुरा पुलिस ने की थी। मामला 2015 में ब्रह्मपुरा थाने में दर्ज हुआ था। इसकी जांच भी गिरफ्तार तस्कर के ही आसपास खत्म कर दी गई। उसके नेटवर्क को पुलिस नहीं तोड़ सकी अन्यथा आर्म्स तस्करी के एक बड़े नेटवर्क का खुलासा हो सकता था।
Source : Hindustan
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