गत शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गृह और पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों के साथ कानून-व्यवस्था पर समीक्षा बैठक की थी.बैठक में यह पाया गया कि मुजफ्फरपुर जिला क्रा’ईम के मामले में अव्वल है.मुज़फ़्फ़रपुर में लगातार आ’पराधिक घ’टना बढ़ रही है.पुलिस अ’पराध पर नियंत्रण लगाने के लिए तरह तरह के हथकंडे अपना रही है.फिर भी अप’राधियो पर लगाम लगाने में विफल साबित हो रही है.
जिले के थानों में तैनात प्राइवेट चालको का क्षेत्र के अपराधियों के साथ मिली भगत रहती है.पुलिस के हर एक गतविधियों के बारे में निजी चालको के द्वारा अपराधियो को सूचना दे दी जा रही है.जिससे अपराधी बड़े आराम से आपराधिक घटनाओं को अंजाम दे कर निकल जाते है.वही पुलिस हाथ मलती रह जा रही है.
थानों में तैनात निजी चालको को किसी प्रकार के विभागीय कार्यवाई का भय नही है.नाम न बताने के शर्त पर कई चालको ने बताया कि मासिक वेतन काफी कम होता है.जिस कारण क्षेत्र के शराब माफियाओं व अपराधियो से मेल जोल रखने के कारण उनकी ऊपरी कमाई बढ़ जाती है.घर गृहस्थी चलाने में आसानी होती है.
जिले के कई थानों के निजी चालक कानून की खुले आम धज्जियां उड़ाते है.गाड़ियों पर पुलिस लिखा नंबर प्लेट लगा लेते है.थाना क्षेत्र में घूम कर पुलिस का धौस दिखा कर अवैध वसूली भी करते है.लेकिन पुलिस के द्वारा उनपर कोई कार्यवाई नही होती है.जिस कारण वैसे निजी चालको का मनोबल दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है.