लॉकडाउन में ज़रा सी ढील क्या मिली लोग सड़कों पर ऐसे निकल पड़े जैसे मानो कोरोना का डर ही ख़त्म हो गया हो, लेक़िन इन मूर्खो को कौन समझाये की कोरोना की असली चुनौती तो अभी शुरू हुई है.
बिहार और मुजफ्फरपुर में प्रशासन द्वारा कुछ दुकानों को आवश्यक निर्देश और नियमों के साथ आज से दुकान को खोलने की अनुमति दी गई है, लेकिन ऐसा लग रहा है इस अनुमति से कुछ लोगो को बेख़ौफ़ और बेवज़ह घूमने का लाइसेंस मिल गया हो, सुबह बाज़ार खुलते ही लोग सड़क पर ऐसे उतर गए मानो जैसे पिंजरे से कोई जानवर छूटता हो. शहर के मुख्य जगह से जो तस्वीरे आ रही है उसे देखकर लगता है आने वाले समय में कोरोना का विकराल रूप का सामना लोगो को करना पड़ेगा.
कोरोना महामारी से बचने का एकमात्र उपाय समाजिक दूरी ही है लेकिन बाजारों में भीड़ देखकर लगता है शायद सरकार ने लॉकडाउन में ढील देकर कोई गलत फ़ैसला ले लिया है, जिसकी बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है, ये कीमत आपकी मौत भी हो सकती है. प्रशासन द्वारा दुकानो को खोलने का निर्देश देने के बाद अब हर किसी के पास बाहर निकलने का बहाना है. लोगो के मन में डर नही दिख रहा मगर महामारी के समय मे सड़को पर ये भीड़ भयावह है.
बाजारों में भीड़ को देखते हुये लगता है, प्रशासन को दुकानो को खोलने पर पुनः विचार करना चाहिए एक बार फिर से दुकानों को सख्ती से बन्द कराये जाने की जरूरत है, जारी नये निर्देशो से समाजिक दूरी का पालन नही हो पा रहा लोगों में लापरवाही दिख रही है, ऐसे में प्रशासन को दुकानदारों से भी सख्ती से निपटने की जरूरत है जो नियमो का पालन नहीं कर रहे उनपर उचित करवाई की जरुरत है.
मुजफ्फरपुर में आज सुबह से सड़कों पर बढ़ते भीड़ की जो भयावह तस्वीर सामने आ रही है ये डराने वाली है कोरोना काल में ऐसी भीड़ मौत का नया मानक साबित हो सकती है.