पटना.बिहार के मुजफ्फरपुर शे’ल्टर हो’म मा’मले में दिल्ली की साकेत को’र्ट (Saket Co’urt) ने फै’सला सुना दिया है. इसमें मुख्य आ’रोपी ब्रजेश ठाकुर समेत 19 अभि’युक्तों को दो’षी करार दिया गया है, वहीं एक को आ’रो’पमुक्त कर दिया गया है. बता दें कि इस मा’मले पर फैसला अब तक तीन बार टल चुका था, लेकिन आज कोर्ट ने अपना निर्णय दे दिया. ब्रजेश ठाकुर को रे’प और जुवे’नाइल ज’स्टिस ए’क्ट के प्राव’धानों के तहत दो’षी पाया गया है.
बता दें कि ये पूरा मामला बिहार के शेल्टर होम में नाबालिग बच्चियों और युवतियों से दुष्कर्म से जुड़ा हुआ है. दरअसल, टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंस (TISS) की रिपोर्ट कई आश्रय गृहों में बच्चियों के साथ यौन उत्पीड़न होने की बात सामने आई थी.
फरवरी 2019 में दिल्ली ट्रांसफर किया गया था मामला
सुप्रीम कोर्ट ने शेल्टर होम केस को 7 फरवरी 2019 को बिहार से दिल्ली ट्रांसफर किया था. इसके बाद 23 फरवरी से इस मामले की साकेत कोर्ट में सुनवाई चल रही थी. लगभग सात महीने की सुनवाई के बाद 30 सितंबर में साकेत कोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.
बीते 14 जनवरी को साकेत कोर्ट ने सभी आरोपियों के जमानती न होने के कारण फैसला टाल दिया गया. इसके अलावा आरोपियों के वकील ने एक अर्जी भी कोर्ट में लगाई थी कि लड़कियों के बयान विश्वासनीय नहीं हैं, क्योंकि उन्होंने कोर्ट में कहा था कि शेल्टर होम में लड़कियों का क़त्ल भी किया गया था.
तीन बार टल चुका था फैसला
बता दें कि इस मामले में विभिन्न कारणों से तीन बार फैसला टल चुका था. साकेत कोर्ट ने बृजेश ठाकुर समेत 20 आरोपियों के खिलाफ पॉक्सो, बलात्कार, आपराधिक साजिश और अन्य धाराओं में आरोप तय किया था. सीबीआई ने इस मामले में मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर को बनाया था.सीबीआई का आरोप था कि जिस शेल्टर होम में बच्चियों के साथ दुष्कर्म हुआ है वह ब्रजेश ठाकुर का है. इसके अलावा शेल्टर होम के कर्मचारी और बिहार सरकार के समाज कल्याण के अधिकारी भी मामले में आरोपी हैं.
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 7 फरवरी 2019 को मामला बिहार से दिल्ली ट्रांसफर किया गया था और 23 फरवरी 2019 से ही मामले की साकेत कोर्ट में नियमित सुनवाई चल रही थी.
इनपुट : न्यूज़ 18