मुजफ्फरपुर. सड़क हा’दसे में पहले ही पिता को खो देने के द’र्द से परिवार उबर नहीं पा रहा था कि सरकार की ओर से दी गई मदद भी किसी काम की नहीं रही. ऐसा ही कुछ हुआ मुजफ्फरपुर के पोखरैरा गांव के रहने वाले विनय झा के साथ.
18 जनवरी को विनय के पिता की मौत एक सड़क हा’दसे में हो गई थी. इसके एक दिन बाद ही सरकार ने उसे अनुग्रह राशि का 4 लाख रुपये का एक चेक थमा दिया. लेकिन करीब 11 महीने बाद भी यह राशि विनय को नहीं मिल सकी है. यह चेक तीन बार विनय ने बैंक में लगाया और तीनों बार ही यह बाउंस हो गया. इस बात का खुलासा तब हुआ जब सीएम नीतीश कुमार मुजफ्फरपुर लोगों को मिलने वाली सरकारी सुविधाओं की समीक्षा करने के लिए पहुंचे.
रुपये तो मिले नहीं बल्कि बैंक ने और काट लिए खाते से पैसे
दरअसल यह चेक सरकारी खाता में राशि के बगैर हीं थमा दिया गया था ताकि सरकार अपनी वाहवाही लूट सके. विनय झा ने तीन बार इस चेक को अपने खाते में डाला लेकिन हर बार सरकारी खाते में राशि के आभाव में चेक बाउन्स हो गया और गरीब को 295 रुपये का जुर्माना लगता रहा.
दिव्या भी हुई हैं ऐसे ही मजाक का शिकार
इस कड़ी में विनय झा अकेले नही हैं. इसी साल फरवरी माह में कांटी के सेरना गांव की दिव्या का सात साल का बेटा अंश राज तेज रफ्तार ट्रक का शिकार हो गया था. उसे भी चार लाख का चेक दिया गया जो नहीं भुनाया जा सका. दिव्या और उसकी सास शांति देवी अपने लाल को याद करते हुए रो पड़ती हैं और बताती हैं कि सरकारी दफ्तरों का चक्कर लगाते लगाते थक गए लेकिन कोरे आश्वासन के सिवा उसे कुछ नहीं मिला. सरकारी बाबू कहते हैं कि जल्दी काम हो जाएगा लेकिन बैंक वाले कहते हैं कि सरकार के खाते में पैसा ही नहीं है तो कहां से दें.
एफआईआर और सजा है प्रावधान
मुजफ्फरपुर के ही कांटी और मड़वन में हीं ऐसे कई मामले हैं जिनमें सरकार नें गरीबों के मसीहा का तगमा लेने के लिए चार लाख का झुनझुना थमाया लेकिन बार-बार चेक बाउंस हो जाने की वजह से उनकी उम्मीदें दम तोड़ रही हैं. अब आवाज उठने लगी है कि आम आदमी का चेक बाउन्स होने पर एफआईआर और सजा का विधान है. कांटी में कार्यरत युवा संघर्ष शक्ति नामक एक संगठन ने इनकी आवाज उठाने का जिम्मा लिया है. संगठन के राष्ट्रीय संयोजक अनय राज बताते हैं कि उन्होंने भी इन लोगों का बाउंस चेक और अन्य कागजात लेकर काटी के सीओ रविंद्र भारती से कई बार संपर्क किया लेकिन उन्होंने भी मजबूरी बताई कि खाते में पैसा नहीं है जिसकी वजह से इनका भुगतान नहीं हो रहा है.
सीओ ने मानी गलती
संगठन ने चेतावनी दी है कि इन गरीबों को मुआवजे की राशि का भुगतान जल्द नहीं हुआ तो चेक जारी करने वाले पदाधिकारी पर चेक बाउंस होने वाले कानून के तहत मुकदमा दर्ज कराया जाएगा. ये चेक कांटी के तत्कालीन सीओ दिलीप कुमार ने जारी कर अपने हाथों से पीड़ित परिजनों को सौंपा था. कांटी सीओ रविन्द्र भारती से जब सवाल किया गया तो उन्होनें पुष्टि कर दी कि खाते में पैसा नहीं है और चेक काट दिया गया लेकिन कई सवालों पर उनकी बोलती भी बंद होती रही.
Input : News18 | Sudhir Kumar